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टीम इंडिया के कोच बनने वाले थे राहुल द्रविड़, लेकिन फिर ऐसा क्‍या हुआ कि...

इस वक्‍त टीम इंडिया के कोच रवि शास्‍त्री हैं और वे अच्‍छा काम भी कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले एक बार टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ भी भारतीय टीम के कोच बनने वाले थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

Updated on: 06 Jul 2020, 04:12 PM

New Delhi:

इस वक्‍त टीम इंडिया (Team India) के कोच रवि शास्‍त्री (Ravi Shastri) हैं और वे अच्‍छा काम भी कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले एक बार टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) भी भारतीय टीम के कोच (Team India Coach) बनने वाले थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. यह बात तब की है, जब रवि शास्‍त्री टीम के कोच नहीं थे. लेकिन ऐसा क्‍यों हुआ कि राहुल द्रविड़ कोच नहीं बन पाए और यह बात अभी तक किसी के सामने भी नहीं आई. इस पूरे मामले के इतने साल बाद अब इसका खुलासा सीओए (COA) के चेयरमैन रहे विनोद राय (Vinod Rai) ने किया है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) (BCCI) का कामकाज देखने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) के पूर्व चेयरमैन विनोद राय ने खुलासा किया है कि पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम के मुख्य कोच बनने का आफर दिया गया था, लेकिन राहुल द्रविड़ ने इसे ठुकरा दिया था. इसके बाद सीओए ने अनिल कुंबले को मुख्य कोच चुना था, लेकिन अनिल कुंबले ने कप्तान विराट कोहली के साथ हुए मतभेदों के बाद 2017 में इस पद से इस्तीफा दे दिया था. 

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विनोद राय ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ फेसबुक पर बातचीत के दौरान कहा कि राहुल राहुल ने हमारा साथ नहीं दिया था. उन्होंने कहा था कि मेरे घर पर दो लड़के बड़े हो रहे हैं और मैं पूरी दुनिया में भारतीय टीम के साथ यात्रा कर रहा हूं. मैं उन पर समय और ध्यान नहीं दे पा रहा हूं, मुझे लगता है कि मुझे घर पर भी रहना चाहिए और मेरे परिवार को समय देना चाहिए. मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही उचित अनुरोध था और समय दिमाग में वह सबसे ऊपर रहे होंगे. विनोद राय ने साथ ही कहा कि राहुल द्रविड़ इंडिया-ए और अंडर-19 टीमों के साथ काम करना जारी रखना चाहते थे, क्योंकि वह उनके लिए शानदार परिणाम दे रहे थे. अनिल कुंबले का कार्यकाल अचानक समाप्त हो जाने के बाद मुख्य कोच का पद रवि शास्त्री के पास चला गया.

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विनोद राय ने कहा कि कोचिंग के लिए क्षमता के लिहाज से राहुल द्रविड़, रवि शास्त्री और अनिल कुंबले इस काम में सर्वश्रेष्ठ हैं. हमने राहुल द्रविड़ से निश्चित रूप से बात की थी. वह अंडर-19 टीम के साथ जुड़े हुए थे और वह उनके साथ शामिल थे. उन्होंने टीम के विकास के लिए एक रोड मैप तैयार किया था. वह शानदार परिणाम दे रहे थे और वह इसे जारी रखना चाहते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि उस टीम के साथ कुछ अधूरे काम थे और वह करना चाहते थे. हालांकि राहुल द्रविड़ को बाद में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का प्रमुख चुना गया था.

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आपको बता दें कि राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए 79 एकदिवसीय मैचों कप्तानी की है, जिसमें से टीम को 42 में जीत मिली इसमें लगातार 14 मैच जीतने का रिकार्ड भी उनके नाम है. राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया. राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए 164 टेस्ट में 13288 रन और 344 एकदिवसीय में 10889 रन बनाए हैं. राहुल द्रविड 2016 से 2019 तक भारत के अंडर -19 और ए टीमों के लिए मुख्य कोच थे और अब वह बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में क्रिकेट संचालन के निदेशक हैं. राहुल द्रविड़ ने विकेटकीपर के तौर पर 1999 से 2004 तक 73 मैचों में 85 बल्लेबाजों को आउट किया. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में गैर-विकेटकीपर क्षेत्ररक्षक के रूप में सर्वाधिक कैच लेने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है, जिसमें 164 मैचों में 210 कैच लिए.

(इनपुट आईएएनएस)