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WTC फाइनल में न्‍यूजीलैंड को मिला इस बात का फायदा

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के बल्लेबाजी और स्पिन कोच श्रीधरन श्रीराम ने कहा है कि भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल से पहले न्यूजीलैंड की टीम वातावरण में ढल गई थी.

Updated on: 01 Jul 2021, 04:09 PM

मुंबई :

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के बल्लेबाजी और स्पिन कोच श्रीधरन श्रीराम ने कहा है कि भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल से पहले न्यूजीलैंड की टीम वातावरण में ढल गई थी, जिससे उन्हें फायदा मिला. श्रीराम का मानना है कि भारतीय टीम पिछले एक साल से काफी चीजों से गुजरी है. वह कई बार एक बायो बबल से दूसरे में गई है. श्रीराम ने क्रिकेटनेक्स से कहा कि यह काफी करीब टेस्ट मैच था. मेरे ख्याल से न्यूजीलैंड वातावरण में अच्छी तरह ढल गई थी. न्यूजीलैंड ने डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली. कीवी टीम अच्छी तरह अभ्यस्त हो गई थी.

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विराट कोहली की कप्‍तानी वाली टीम इंडिया के साथ खिताबी मुकाबले में भिड़ने से पहले न्यूजीलैंड की टीम ने इंग्लैंड को दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से हराया था. श्रीराम ने कहा कि कई लोगों ने भारतीय टीम की यात्रा पर गौर नहीं किया. टीम पिछले एक साल में कई चीजों से गुजरी थी. 2020 में दुबई में आईपीएल के बाद वे सीधे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए और बायो बबल में करीब तीन-चार महीने तक रहे. स्वदेश लौटने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने इंग्लैंड के साथ सीरीज खेली जहां वह दो महीने तक बबल में रहे. इसके बाद सीधे आईपीएल 2021 के लिए बायो बबल में घुसे. डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए इंग्लैंड जाने से पहले भी टीम 14 दिनों तक मुंबई में क्वारंटीन में रही.

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श्रीराम ने कहा कि न्यूजीलैंड के क्रिकेटर भाग्यशाली रहे कि उनके देश में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं थे जिस कारण वह ट्रेनिंग और घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रख सके. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम पिछले 12 महीनों में जिस स्थिति से गुजरी है वो काफी कठिन था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी भी आईपीएल से सीधे मालदीव गए जहां वे क्वारंटीन में रहे और उन्हें 14 दिनों तक अंदर ही बंद रहना पड़ा जो काफी कठिन था. श्रीराम ने कहा कि दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के खिलाड़ी भाग्यशाली रहे क्योंकि उनके देश में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं थे. वे स्वत्रंत थे और बाहर निकलकर अभ्यास कर सकते थे और घरेलू टूर्नामेंटों में खेल सकते थे. इसके बाद उन्हें डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेलने का मौका भी मिला. खिताबी मैच से पहले कीवी टीम की तैयारी आदर्श थी. हालांकि, यह बातें भारत के लिए बहाना नहीं हो सकती है.