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किसान आंदोलन पर कुछ नहीं बोले एमएस धोनी, टि्वटर पर इसलिए कर रहे हैं ट्रेंड 

भारत में जारी किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए इंटरनेशनल पॉप सिंगर रिहाना की सचिन तेंदुलकर और कप्तान विराट कोहली समेत कई दिग्गजों ने जमकर खिंचाई की है.

Updated on: 04 Feb 2021, 05:20 PM

नई दिल्‍ली :

भारत में जारी किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए इंटरनेशनल पॉप सिंगर रिहाना की सचिन तेंदुलकर और कप्तान विराट कोहली समेत कई दिग्गजों ने जमकर खिंचाई की है. दिल्ली के आसपास इंटरनेट सेवा पर रोक हेडिंग से एक टीवी चैनल की खबर को ट्वीट करते हुए रिहाना ने अपने टाइमलाइन पर फार्मर्स प्रोटेस्ट हैशटैग के साथ लिखा कि हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? इसके जवाब में अब सचिन ने सोशल मीडिया पर कहा कि भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है. बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं, लेकिन प्रतिभागी नहीं. भारतीय भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला करना चाहिए. आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें.

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इस बीच देशभर के बड़े बड़े क्रिकेटर से लेकर बॉलीवुड की बड़ी हस्‍तियां तक इस बारे में अपनी राय रख रही हैं. इस बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी गुरुवार को पूरे दिन ट्विटर पर ट्रेंड करते रहे. लोग जानना चाह रहे थे कि क्‍या एमएस धोनी ने किसान आंदोलन को लेकर कुछ कहा है, जो धोनी ट्रेंड कर रहे हैं. लेकिन जब उनके सोशल मीडिया हैंडल खंगाले गए तो पता चला कि महेंद्र सिंह धोनी ने तो पिछले कई दिनों से कोई बात लिखी ही नहीं है. न तो एमएस धोनी टि्वटर पर कुछ लिखा है और न ही इंस्‍टाग्राम पर पोस्‍ट किय है. बस लोग इसी बात को लेकर उनकी आलोचना करने लगे. एमएस धोनी की गिनती दुनिया के बड़े क्रिकेट स्‍टार में की जाती है, लेकिन धोनी सोशल मीडिया पर कम ही सक्रिय रहते हैं. ऐसा ही एक बार फिर देखने के लिए मिला. 

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इस बीच आपको बता दें कि कप्तान कोहली ने ट्वीट करते हुए कहा कि असहमति के इस समय में हम सभी एकजुट रहें. किसान हमारे देश का एक अभिन्न हिस्सा हैं और मुझे यकीन है कि सभी पक्षों के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान मिल जाएगा, ताकि शांति रहे और सभी मिलकर आगे बढ़ सकें. शिखर धवन ने लिखा कि हमारे महान देश को फायदा हो ऐसे समाधान तक पहुंचना अभी सबसे जरूरी चीज है. आइए साथ खड़े रहें और एक बेहतर व सुनहरे भविष्य की तरफ आगे बढ़ें. पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले ने लिखा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत अपने आंतरिक मुद्दों को सौहार्दपूर्ण समाधानों तक ले जाने में सक्षम है.

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पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने लिखा कि भारत में हमेशा सभी विचारों की एक महान परंपरा है. हम एक दूसरे से सहमत और असहमत हो सकते हैं, लेकन हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करना और कमेंट करना हम कतई पसंद नहीं करते. क्योंकि हम शायद ही कभी ऐसा करते हों. प्रज्ञान ओझा ने कहा, मेरा देश हमारे किसानों पर गर्व करता है और जानता है कि वो कितने अहम हैं. मुझे यकीन है कि इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. हमें हमारे अंदरूनी मामलों में किसी बाहरी शख्स के दखल की जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि इंग्लैंड के बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर मोंटी पानेसर ने भी भारत में किसानों के आंदोलन पर बहस के लिए पॉप स्टार को आमंत्रित किया था. रिहाना के ट्वीट के जवाब में मोंटी पानेसर ने भी ट्वीट किया और लिखा था कि मेरे शो-दि फुल मोंटी पर इस शनिवार किसान आंदोलन के विषय पर आपका साक्षात्कार करना मेरे लिए सम्मान की बात होगी. तीन नए कृषि कानून को निरस्त करने की मांग पर अड़े किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही दिल्ली से सटे बॉर्डर इलाकों में डटे हुए हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के क्रियान्वयन पर फिलहाल रोक लगा दी है.

(इनपुट आईएएनएस)