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खुलासा : सिडनी में सुरक्षाकर्मी ने भारतीय दर्शक पर की थी नस्लीय टिप्पणी

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर हुई नस्लीय टिप्पणी की जांच जारी है.

Updated on: 16 Jan 2021, 04:02 PM

सिडनी :

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर हुई नस्लीय टिप्पणी की जांच जारी है. इस बीच एक ऐसी खबर आ रही है कि उस टेस्ट के दौरान स्टेडियम में मौजूद सुरक्षा अधिकारी ने भी एक भारतीय दर्शक पर नस्लीय टिप्पणी की थी. जिस भारतीय दर्शक पर यह नस्लीय टिप्पणी हुई है, उन्होंने खुद इसका खुलासा किया है. दर्शक ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि स्टेडियम में मौजूद अधिकारी ने उनसे कहा था कि जहां से आए हो, वहीं चले जाओ. सिडनी में रहने वाले कृष्ण कुमार ने इसके खिलाफ आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज करवाई है.

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कृष्ण कुमार ने कहा कि सोमवार को मैदान पर चार बैनर ले जाने के बाद उन्हें निशाना बनाया गया. इस बैनर में नस्लीय विरोधी संदेश जैसे कि प्रतिद्वंद्विता अच्छी है, नस्लवाद नहीं, नस्लवाद साथी नहीं, गौरों का रंग मायने रखता है और क्रिकेट आस्ट्रेलिया अधिक विविधताएं लाए शामिल है. सिडनी मॉर्निग हेराल्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय दर्शक कृष्ण कुमार को स्टेडियम के गेट पर ही रोक लिया गया और उन्हें बैनर के साथ अंदर नहीं जाने दिया गया. सुरक्षाकर्मियों का कहना था कि बैनर की साइज बहुत बड़ी है.

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इसके बाद कृष्ण कुमार ने कहा कि वह सुरक्षा सुपरवाइजर से बात करना चाहते हैं. कृष्ण कुमार ने कहा कि इसके बाद अधिकारी ने उन्हें वहां से जाने को कहा. सिडनी मॉर्निग हेराल्ड ने कुमार के हवाले से कहा, सुरक्षा अधिकारी ने मुझसे कहा कि अगर तुम्हें इस मामले को उठाना है तो वहीं चले जाओ, जहां से आए हो. मेरे पास बहुत छोटा सा बैनर था. इसे मैंने अपने बच्चों के पेपर से बनाया था. कुमार से कहा गया कि इस बैनर को वह अपने कार में ही छोड़ का आएं. कृष्ण कुमार ने कहा कि लंबी जांच और सुरक्षा अधिकारियों के काफी तेज चिल्लाने के बाद उन्होंने आखिरकार विक्टर टम्पर की ओर अपनी सीट ले ली. लेकिन जहां वह बैठे थे, वहां और उनके आसपास अधिक सुरक्षा मुहैया करा दी गई और इसमें भारतीय मूल की एक महिला सुरक्षा अधिकारी भी थीं और वह दूसरी भाषा में बात कर रही थीं.