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डेविड वॉर्नर( Photo Credit : फाइल फोटो)
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ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने कहा कि सिडनी में भारत के खिलाफ होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में खेलने के लिए वह जो संभव होगा वो करेंगे और अगर 100 फीसदी फिट भी नहीं रहते हैं तो भी खेलेंगे.
डेविड वॉर्नर( Photo Credit : फाइल फोटो)
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने कहा कि सिडनी में भारत के खिलाफ होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में खेलने के लिए वह जो संभव होगा वो करेंगे और अगर 100 फीसदी फिट भी नहीं रहते हैं तो भी खेलेंगे. वॉर्नर ने कहा कि अगर वह कैच लेते समय स्ट्रैच कर पाने और विकेट के बीच दौड़ने में सहज रहते हैं तो वह खेलेंगे. ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज ने शुरुआती दो टेस्ट मैच नहीं खेले थे. उन्हें 29 नवंबर को सिडनी में ही खेले गए दूसरे वनडे मैच में ग्रोइन में चोट लग गई थी.
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वॉर्नर ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा क्या मैं 100 फीसदी फिट हो जाऊंगा? इसमें काफी संदेह है, लेकिन में पूरी कोशिश करूंगा. अगर मैं पूरी तरह से फिट नहीं हुआ तो भी मैं मैदान पर जाकर खेलूंगा. मैं चाहूंगा कि चयनकर्ता मुझे खेलने के लिए हरी झंडी दें. वॉर्नर ने कहा कि शनिवार और रविवार को होने वाले अभ्यास सत्र में उनको पता चल जाएगा कि वह कितने फिट हैं. उन्होंने कहा, "हमें आज और कल ट्रेनिंग करनी है. मैं आपको और ज्यादा संकेत नहीं दे सकता कि मेरी फिटनेस कैसी है. मैंने बीते कुछ दिन से रनिंग नहीं की है, लेकिन आज और कल में मुझे पता चल जाएगा कि मैं कहां हूं.
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वॉर्नर ने कहा कि वह वह अपने शॉट्स तो खेल पा रहे हैं लेकिन विकेटों की बीच दौड़ने में और कैच लेने में दाईं-बाईं तरफ जाने में परेशानी है उन्होंने कहा, "नेट्स में बल्लेबाजी करने से मुझे मदद मिली क्योंकि मैं अपने एरिया में गेंद के आने का इंतजार कर रहा था. मुझे अपने हाथ फेंकने नहीं पड़ रहे हैं इसी कारण मैं अच्छे से खेल पा रहा हूं. उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह विकेटों के बीच तेजी से दौड़ने की बात है. यही मायने रखती है. यह मायने नहीं रखता कि मैं कौनसे शॉट्स खेल पा रहा हूं और कौनसे नहीं. यह खेल कर तुरंत भागने की बात है और दूसरे छोर पर खड़े खिलाड़ी की मदद करने की. मैं इन चीजों पर काम कर रहा हूं. इस चीज में मैं 100 प्रतिशत फिट रहना चाहता हूं. मैं नेट्स में इस पर काम कर रहा हूं. यह मेरे लिए और टीम के लिए काफी अच्छा रहेगा.. उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि मैं शॉट्स लगा सकता हूं. बात यह है कि मैं बाएं और दाएं तरफ कैच पकड़ पाता हूं या नहीं. मैं पहली स्लिप पर या लेग स्लिप पर फील्डिंग करूंगा तो वहां पर खड़ा होने के लिए मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि मैं फुर्तिला रहूं. मैं कैच छोड़ना नहीं चाहता.
Source : IANS