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सेना में थे, अचानक क्रिकेटर बन गए, अपने देश को दिलाई बड़ी जीत

इबादत हुसैन चौधरी (Ibadat Hossain Choudhary) का नाम तब चर्चा में आया जब न्यूजीलैंड के खिलाफ बांग्लादेश ने अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की. सभी चौधरी की घातक गेंदबाजी की बात कर रहे हैं लेकिन उनके क्रिकेटर बनने की कहानी दिलचस्प है.

Updated on: 06 Jan 2022, 03:15 PM

नई दिल्ली:

न्यूजीलैंड पर बांग्लादेश की टेस्ट जीत ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया है. किसी को उम्मीद नहीं थी कि टेस्ट की विश्व चैंपियन न्यूजीलैंड अपने ही घर में बांग्लादेश से हार जाएगी लेकिन ऐसा हो गया. लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि दूसरी पारी में न्यूजीलैंड के 6 विकेट चटकाने वाले इबादत कुछ साल पहले सेना में थे. यही नहीं, बचपन में वह क्रिकेट नहीं खेलते थे ना ही उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला है. वह बचपन में वॉलीबॉल खेला करते थे. 

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ये बात सुनकर आपको आश्चर्य होगा लेकिन ये सच है. तमाम खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने के लिए बचपन से नेट पर पसीना बहाते हैं और टीन एज में ही स्टेट लेवल पर खेलने लगते हैं. कुछ तो नेशनल लेवल पर भी लेकिन इबादत की कहानी अलग है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इबादत हुसैन चौधरी बचपन में वॉलीबॉल खेला करते थे. वह बाद में सेना में भर्ती हो गए. सिक्किम व नागालैंड के बॉर्डर पर ड्यूटी भी कर चुके हैं. उनके क्रिकेटर बनने की कहानी भी दिलचस्प है. साल 2016 में बांग्लादेश के फरीदपुर में तेज गेंदबाजों के लिए एक टैलेंट हंट इवेंट हुआ. इसमें इबादत ने हिस्सा लिया. इस इवेंट में इबादत सबसे तेज गेंद फेंकने वाले खिलाड़ियों में शुमार हो गए. इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए ढाका बुलाया गया. वहां पर ट्रेनिंग लेकर उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया और तेजी से आगे बढ़े. साल 2019 में वह इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने लगे. 

इसके बाद अब न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करके चर्चा का विषय बने हुए हैं. बांग्लादेश के ये अब तक की सबसे बड़ी टेस्ट जीत है. सबसे बड़ी बात बांग्लादेश को टेस्ट जीत 5 जनवरी 2021 को मिली, जबकि 5 जनवरी 1971 को दुनिया का पहला वनडे मैच भी खेला गया था. इस तरह 5 जनवरी का दिन क्रिकेट के लिए तो ऐतिहासिक था ही, बांग्लादेश के लिए भी ऐतिहासिक हो गया.