इयान चैपल के इस बदलाव से बल्लेबाजों के लिए आएगी मुसीबत
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने पगबाधा यानी एलबीडब्ल्यू से जुड़े नियमों में आमूलचूल बदलाव का प्रस्ताव देते हुए कहा है कि अगर गेंद विकेटों से टकरा रही है तो बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए.
New Delhi:
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल (Ian chapell) ने पगबाधा यानी एलबीडब्ल्यू से जुड़े नियमों में आमूलचूल बदलाव का प्रस्ताव देते हुए कहा है कि अगर गेंद विकेटों से टकरा रही है तो बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए, फिर चाहे गेंद कहीं भी पिच हुई हो या फिर किसी भी लाइन पर बल्लेबाज से टकराई हो. इयान चैपल ने साथ ही कहा कि कप्तानों को गेंद पर काम करने के एक तरीके पर सहमति बनानी होगी, जिससे कि स्विंग गेंदबाजी को प्रोत्साहन मिले. कयास लगाए जा रहे हैं कि कोविड-19 (Covid 19) के बाद खेल शुरू होने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) लार की जगह कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की स्वीकृति देने पर विचार कर रहा है.
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इयान चैपल ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ पर अपने कॉलम में लिखा, नए पगबाधा नियम इस तरह होने चाहिए. कोई भी गेंद अगर बल्ले से टकराए बिना अगर पहले पैड से टकराती है और अंपायर के नजरिये से अगर स्टंप से टकरा रही है तो आउट दिया जाना चाहिए, फिर भले की शाट खेला गया हो या नहीं. उन्होंने कहा, भूल जाइए कि गेंद कहां पिच हुई और यह पैड से स्टंप की लाइन पर टकराई या नहीं. अगर गेंद स्टंप से टकरा रही है तो आउट दिया जाना चाहिए. इस 76 वर्षीय पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि पगबाधा के नियमों के बदलाव की उम्मीद के मुताबिक बल्लेबाज आलोचना करेंगे लेकिन इससे खेल अधिक निष्पक्ष होगा.
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इयान चैपल ने कहा, निश्चित तौर पर इस पर बल्लेबाज हाय-तौबा मचाएंगे, लेकिन यह बदलाव खेल में काफी सकारात्मक चीजें लेकर आएगा. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि खेल निष्पक्ष होगा. उन्होंने कहा, अगर गेंदबाज नियमित रूप से स्टंप को निशाना बनाने को तैयार है तो बल्लेबाज को सिर्फ बल्ले से अपना विकेट बचाना चाहिए. पैड बल्लेबाज को चोट से बचाने के लिए हैं, आउट होने से बचाने के लिए नहीं. चैपल ने कहा, इससे दायें हाथ के बल्लेबाज के लेग स्टंप के बाहर कलाई के स्पिनर के गेंद पिच कराने से निपटने के लिए बल्लेबाजों को आक्रामक रुख अपनाने को बाध्य होना पड़ेगा.
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उन्होंने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया जिन्होंने भारत में 1997-98 की सीरीज के दौरान शेन वार्न की राउंड द विकेट गेंदबाजी की रणनीति का अच्छी तरह सामना किया था. चैपल ने कहा, 1997-98 में चेन्नई में राउंड द विकेट गेंदबाजी कर रहे शेन वार्न के खिलाफ सचिन तेंदुलकर का आक्रमण और सफल रवैया या फिर लेग स्टंप के बाहर पिच होकर स्टंप की तरफ आ रही गेंद पर बल्लेबाज का पैर मारना. आप क्या देखना पसंद करेंगे? उन्होंने कहा, मौजूदा नियम लेग साइड के बाहर पिच होने वाली गेंदों के खिलाफ पैड से खेलने को प्रोत्साहित करते हैं जबकि यह बदलाव उन्हें अपने बल्ले का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य करेगा. यह बदलाव स्टंप को निशाना बनाने वाले गेंदबाजों को फायदा देगा और आफ साइट में अधिक लोगों के साथ लेग साइड के बाहर नकारात्मक गेंदबाजी की जरूरत को कम करेगा.
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लार के बिना गेंद को चमकाने के तरीके पर चैपल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कप्तानों को गेंद पर काम करने का तरीका ढूंढना होगा. उन्होंने कहा, गेंद से छेड़छाड़ हमेशा बड़ा मुद्दा रहा है, अतीत में मैंने सुझाव दिया था कि प्रशासक अंतरराष्ट्रीय कप्तानों से कहें कि वे प्राकृतिक पदार्थों के इस्तेमाल की सूची तैयार करेंगे जिनके बारे में गेंदबाजों को लगता है कि इससे गेंद को स्विंग कराने में मदद मिलेगी. चैपल ने कहा, इस सूची में से प्रशासकों को एक तरीका चुनना चाहिए जिसे वैध बनाया जाए और अन्य सभी तरीकों के लिए अवैध के रूप में सजा दी जानी चाहिए.
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