R Ashwin statement on Hindi: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी आर अश्विन हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में वे अपने अचानक लिए गए संन्यास की वजह से चर्चा में थे लेकिन अब वे हिंदी भाषा पर बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं. इस बयान के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है.
हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं
आर अश्विन हाल ही में एक कॉलेज में बतौर चीफ गेस्ट के रुप में गए थे. जब वे भाषण देने पहुंचे तो उन्होंने मौजूद छात्रों से पूछा कि वे किस भाषा में बोले. हिंदी, अंग्रेजी या तमिल. इसके बाद उन्होंने कहा अंग्रेजी जानने वाले छात्र हाथ उठाएं. छात्रों ने बड़ी संख्या में हाथ उठाए. इसके बाद तमिल के लिए भी ऐसा हुआ. लेकिन जब उन्होंने हिंदी भाषा के लिए हाथ उठाने के लिए कहा तो बहुत कम हाथ उठे. इस पर आर अश्विन ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है बल्कि ये आधिकारिक भाषा है. ये बात अश्विन ने तमिल में बोली. अब इस बयान के बाद वे चर्चा में आ गए हैं.
फिर जन्म ले सकता है भाषा विवाद
दक्षिण के राज्यों में हिंदी को भाषा के रुप में स्वीकार करने में हमेशा एक झिझक दिखी है. तमिलनाडु की मौजूदा सरकार के साथ साथ सभी पार्टियां भी राज्य पर हिंदी न थोपने के लिए केंद्र सरकार पर हमलावर रहती हैं. ऐसे में समय में आर अश्विन का यह बयान एक बार फिर से देश में भाषा विवाद को जन्म दे सकता है.
राजनीति न करें
आर अश्विन के बयान के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है. सोशल मीडिया पर एक फैन ने लिखा है कि, मैं एक क्रिकेटर के रुप में आर अश्विन को पसंद करता हूं और करता रहूंगा लेकिन मैं नहीं चाहूंगा कि वे किसी राजनीतिक विषय पर बोले या उसमें पड़े. एक फैन का कहना है कि ये बयान क्रिकेट के बाद अश्विन के लिए राजनीति के द्वार खोल सकता है. शायद वे इसी वजह से ऐसे बयान दे भी रहे हैं.
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