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प्रतीकात्मक फोटो ( Photo Credit : gettyimages)
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कोरोना वायरस के बाद अब जब फिर से खेल शुरू होने की तैयारी में हैं तो क्रिकेट में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. आईसीसी ने क्रिकेट के नियमों में तो बदलाव कर ही दिया है, इसके बाद अब इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच इसी नियम से खेल होगा.
प्रतीकात्मक फोटो ( Photo Credit : gettyimages)
कोरोना वायरस (Corona Virus) के बाद अब जब फिर से खेल शुरू होने की तैयारी में हैं तो क्रिकेट में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. आईसीसी (ICC) ने क्रिकेट के नियमों में तो बदलाव कर ही दिया है, इसके बाद अब इंग्लैंड और वेस्टइंडीज (England Vs West Indies) के बीच इसी नियम से खेल होगा, इसके बाद अब आस्ट्रेलिया ने भी अपने यहां गेंद में बदलाव कर दिया है. अब आस्ट्रेलिया में ड्यूक्स नहीं बल्कि कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा. क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) (CA) ने शैफील्ड शील्ड के आगामी सत्र में ड्यूक्स गेंदों का उपयोग नहीं करने का फैसला किया है. उसने चार सत्र तक कूकाबुरा के साथ ड्यूक्स गेंदों का भी उपयोग किया था. क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने पुष्टि की कि 2020-21 के पूरे प्रथम श्रेणी सत्र में कूकाबूरा गेंदों का उपयोग किया जाएगा. आस्ट्रेलिया 2016-17 के सत्र से शैफील्ड मैचों में ड्यूक्स गेंदों का उपयोग कर रहा था, ताकि उसके क्रिकेटर इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों के लिए तैयार हो सकें.
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क्रिकेट आस्ट्रेलिया के क्रिकेट संचालन प्रमुख पीटर रोच ने ड्यूक्स गेंदों का उपयोग नहीं करने के फैसले को सही करार दिया. रोच ने कहा कि ड्यूक्स गेंदों का उपयोग करना सार्थक प्रयास था विशेषकर इंग्लैंड में होने वाली एशेज सीरीज को देखते हुए जहां हमारा प्रतिद्वंद्वी ड्यूक्स गेंदों का उपयोग करता है. उन्होंने कहा कि हालांकि हमारा मानना है कि 2020-21 सत्र में केवल एक तरह की गेंद का उपयोग करने से हमारे खिलाड़ियों को पूरे सत्र में लगातार चुनौती का सामना करना पड़ेगा. सीए और प्रांतीय संघ भी अभी ऐसा चाहते हैं. कूकाबूरा गेंद आस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और दुनिया के कई हिस्सों में उपयोग की जाती है और हमें इस सत्र में इसका अधिकतम उपयोग करने में फायदे नजर आते हैं.
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रोच ने कहा कि हाल के वर्षों में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनरों का प्रभाव कम हुआ और इसने ड्यूक्स का उपयोग नहीं करने के फैसले में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि हमने पाया कि हाल के कुछ सत्र में शैफील्ड शील्ड में स्पिन गेंदबाजों की भूमिका कम हुई है विशेषकर उन मैचों में जिनमें ड्यूक्स गेंदों का उपयोग किया गया था. हम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनरों की भूमिका चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हमारे बल्लेबाज स्पिनरों का सामना करें. हमें उम्मीद है कि केवल एक गेंद का उपयोग करने से इस मामले में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा. रोच ने हालांकि कहा कि भविष्य में ड्यूक्स गेंदों को फिर से उपयोग में लाया जा सकता है.
Source : Bhasha