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विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप पर कप्‍तान विराट कोहली ने कही बड़ी बात 

भारतीय टीम को जून में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज में कम से कम दो टेस्ट मैच जीतने की जरूरत है.

Updated on: 05 Feb 2021, 07:20 AM

चेन्नई:

भारतीय टीम को जून में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज में कम से कम दो टेस्ट मैच जीतने की जरूरत है. इस बीच इंग्‍लैंड के खिलाफ पहले टेस्‍ट से पहले ही भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि भारत विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) पर ध्यान देने के बजाय इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैचों को जीतने की कोशिश करेगा, क्योंकि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप पर ध्यान देने का खामियाजा वह फरवरी 2020 में न्यूजीलैंड में भुगत चुका है. 

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भारतीय टीम आज से एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेलने उतरेगी. विराट कोहली ने मैच से एक दिन पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि न्यूजीलैंड में हमने इसके बारे में बात की थी और इससे हमारे ऊपर और अतिरिक्त दबाव पड़ गया था. हमने दबाव में रहकर उसका समापन किया. लेकिन आस्ट्रेलिया दौरे पर हमने चीजों को समझा, अच्छी तैयारियां की और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाला. कप्‍तान विराट कोहली ने कहा कि इस ऑस्ट्रेलिया सीरीज में हमने डब्ल्यूटीसी जीतने की बात नहीं की. मुझे लगता है कि यह आपकी टीम अच्छाई है कि हमारे ऊपर अतिरिक्त दबाव नहीं था. इस तरह से खेल के सबसे लंबे प्रारूप में सफलता प्राप्त होती है.

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विराट कोहली ने कहा कि इसलिए अभी इस पर बात नहीं हो रही है. हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में रहें और एक दिन में एक समय लें और आगे बढ़ें. पितृत्व अवकाश के बाद लौटे कोहली ने आस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन करने के लिए मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर और नवदीप सैनी जैसे युवा खिलाड़ियों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि विदेशी धरती पर टीम की रणनीति हमेशा जीतने की होती है और मैच को ड्रॉ कराना अंतिम विकल्प है. उन्होंने आगे कहा कि इसी रणनीति के चलते टीम इंडिया ब्रिस्बेन में मैच जीतने में सफल रही. कप्‍तान कोहली ने कहा कि जब मैं 2014 में टीम का कप्तान बना था तो हमने फैसला किया था कि जब भी मौका मिलेगा तो हम जीत के लिए जाएंगे, और जब जीत का कोई विकल्प नहीं होगा तो ड्रॉ हमारे पास अंतिम विकल्प होगा. प्रत्येक मैच में हम यह सोचते हैं कि हमें कैसे और कहां जीत मिलेगी.