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Vaccination में महिलाएं पीछे, प्रति हजार 854 महिलाओं को लगा टीका

टीकाकरण में कमी की बड़ी वजह उनका घर से बाहर न निकलना माना जा रहा है. इसके साथ ही महिलाएं ऑनलाइन अपने स्‍लॉट बुक करने में असमर्थ.

Updated on: 11 Jun 2021, 11:25 AM

highlights

  • कई राज्यों में टीकाकरण में पुरुषों के मुकाबले कम महिलाओं की भागीदारी
  • केरल और छत्‍तीसगढ़ में पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को कोरोना टीका लगा
  • लैंगिक अनुपात पर भी निर्भर कर रहा कोविड-19 टीकाकरण अभियान

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की दूसरी लहर कमजोर पड़ती दिख रही है. बीते चार दिनों से लगातार नए संक्रमण के मामले एक लाख से कम आए हैं. हालांकि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका ने चिंता बढ़ा रखी है. ऐसे में केंद्र सरकार समेत तमाम विशेषज्ञ इससे निपटने के लिए टीकाकरण (Vaccination) को ही एकमात्र हथियार बतौर देख रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) खुद कई बार लोगों से ज्‍यादा से ज्‍यादा संख्‍या में वैक्‍सीन लगवाने की अपील कर चुके हैं. यह अलग बात है कि कोरोना वैक्‍सीन लगवाने में महिलाएं काफी पीछे हैं. अभी तक जितने भी लोगों को वैक्‍सीन लगाई गई है उसमें 1000 पुरुषों में मात्र 854 महिलाएं शामिल हैं. इस कमी के पीछे काफी हद तक लिंगानुपात को भी जिम्‍मेदार ठेहराया जा रहा है.

केरल-छत्तीसगढ़ में महिलाएं आगे
आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर राज्यों में कोरोना टीकाकरण अभियान में पुरुषों के मुकाबले कम महिलाएं टीका लगवा रही हैं. केरल और छत्‍तीसगढ़ ही ऐसे राज्‍य हैं जहां पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को टीका लगाया गया है. छत्तीसगढ़ में वयस्क आबादी का लिंगानुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,013 महिलाओं का है, लेकिन टीकाकरण वाली आबादी में महिलाओं का अनुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,045 महिलाएं है. केरल में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है. केरल में वयस्‍क आबादी का लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 1,126 महिलाओं का है, जबकि टीका लगवाने की बता की जाए तो 1000 पुरुषों में 1,087 महिलाओं ने वैक्‍सीन लगवाई है.

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बेहतर लिगानुपात वाले राज्यों में वैक्सीन विषमता कम
अन्‍य राज्‍यों में महिलाओं के टीकाकरण में कमी की बड़ी वजह उनका घर से बाहर न निकलना माना जा रहा है. इसके साथ ही महिलाएं ऑनलाइन अपने स्‍लॉट बुक करने में असमर्थ दिखाई पड़ रही हैं. बता दे कि जिन राज्‍यों में पुरुष और महिलाओं का लिंगानुपात काफी बेहतर है वहां पर टीकाकरण के बीच लिंग विषमता कम है. हिमाचल प्रदेश में वैक्‍सीन लगवाने वालों में 50 फीसदी महिलाएं हैं. राजस्‍थान में जहां की आबादी के 30 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्‍सीन लगाई जा चुकी है वहां पर 48 प्रतिशत महिलाओं को टीका लगाया जा चुका है.

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कुछ राज्यों की स्थिति
कम टीकाकरण कवरेज का मतलब यह हो सकता है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में लैंगिक विषमता अधिक है. यूपी में, जहां केवल 12 फीसदी वयस्क आबादी का टीकाकरण किया गया है. उत्‍तर प्रदेश में वयस्क लिंगानुपात 1000 पुरुषों में 936 महिलाओं का है, जबकि यहां पर 1000 पुरुषों में सिर्फ 746 महिलाओं का ही टीकाकरण किया गया है.