White Paper: क्या होता है श्वेत पत्र, आखिर क्यों बजट सत्र में सरकार ने इसे लाने का किया ऐलान?
White Paper: श्वेत पत्र के माध्यम सरकार देश की अर्थव्यवस्था को लेकर 2014 से पहले किए आर्थिक फैसलों से पड़े वाले बुरे प्रभावों के बारे में बताएगी.
नई दिल्ली:
White Paper: संसद के मौजूदा बजट सत्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (यूपीए) के शासन के कालखंड में हुए आर्थिक कुप्रबंधन पर सरकार ने श्वेत पत्र जारी करने का ऐलान किया है. इस श्वेत पत्र के माध्यम से सरकार देश की अर्थव्यवस्था को लेकर 2014 से पहले किए आर्थिक फैसलों से पड़ने वाले बुरे प्रभावों के बारे में बताएगी. इन आर्थिक निर्णयों से पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में विस्तार से चर्चा करेगी. आइए जानते हैं कि श्वेत पत्र की शुरुआत कब हुई थी. इस पत्र का अर्थ क्या है. इस उपयोग किस काम के लिए होता है?
जानें वित्त मंत्री ने श्वेत पत्र को लेकर क्या कहा?
अंतरिम बजट 2024 को पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपीए सरकार के दौरान लिए गए आर्थिक निर्णयों और देश पर उससे पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर श्वेत पत्र लाने का ऐलान किया है. अपने अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार ने बागडोर संभाली थी, उस वक्त स्टेप बाई स्टेप अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ शासन प्रणाली को दुरस्त करने की बड़ी जिम्मेदारी थी. समय के मांग को देखते हुए निवेश को आकर्षित किया गया. सरकार ने ‘राष्ट्र प्रथम’ के नारे के साथ इसमें सफलता हासिल की.
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श्वेत पत्र से किस तरह की मिलेगी जानकारी?
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने तब की और अब की अर्थव्यवस्था पर बात की. उन्होंने कहा कि उन वर्षों के संकटों को पार पा लिया गया है. हमारी अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ रही है. ये उच्च टिकाऊ विकास की राह है. उन्होंने ऐलान किया कि सरकार अर्थव्यवस्था पर सदन के पटल पर श्वेत पत्र लाने वाली है. इससे यह पता चल सकेगा कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां पर पहुंच चुके हैं. श्वेत पत्र का लक्ष्य उन वर्षों के कुप्रबंधन को उजागर करना है.
श्वेत पत्र है क्या ?
श्वेत पत्र जारी करने की परंपरा 102 वर्ष पहले 1922 में ब्रिटेश सरकार से शुरू हुई थी. यह किसी विषय को लेकर प्राप्त जानकारी या सर्वेक्षण/अध्ययन का हिस्सा होता है. यह श्वेत पत्र किसी भी विषय को लेकर जारी हो सकता है. यह हमेशा से चीजों के काम करने के तरीकों को बेहतर बनाने में सहायक होता है. श्वेत पत्र एक सरकार, कंपनी या गैर-लाभकारी संगठन की ओर से जारी एक सूचनात्मक दस्तावेज है, ये किसी समाधान, उत्पाद या सेवा की विशेषताओं को बढ़ावा देने या इसे उजागर करने के लिए जारी होता है. श्वेत पत्रों का उपयोग सरकारी नीतियों और कानून को प्रस्तुत करने के साथ जनता की राय का आकलन करने की एक विधि के रूप में होता है.
कौन जारी करेगा श्वेत पत्र?
सरकार के साथ कोई भी संस्था, कंपनी, ऑर्गेनाइजेशन द्वारा श्वेत पत्र जारी हो सकता है. इसमें वह अपने ग्राहकों ग्राहकों, कर्मचारियों या जनता को अपने उत्पादों की विस्तार से जानकारी देता है. इसके साथ कई संस्था अपनी ओर से आरंभ की गई तकनीक के प्रचार के लिए श्वेत पत्र जारी करती हैं. इस तरह से सूचना आम जनता तक पहुंचाई जाती है.
श्वेत पत्र में होता क्या-क्या है?
आर्थिक मामलों से संबंधित श्वेत पत्र में सरकार या किसी संस्था की कमियो, उससे संबंधित होने वाले दुष्परिणामों और सुधार करने को लेकर सुझाव जैसे विषय होते हैं. वहीं उत्पादन/तकनीक से संबंधित श्वेत पत्र में उस उत्पादन/तकनीक की जानकारियां होती हैं. उदाहरण के तौर पर उस तकनीक से मिलने वाले लाभ और कीमत की जानकारियां शामिल होती हैं.
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