logo-image

UP में क्षेत्रीय दल भी सॉफ्ट हिंदुत्व की शरण में, लक्ष्य BJP को हराना

बीएसपी के दिग्गज नेता सतीश मिश्रा अयोध्या में प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी कर जयश्री राम का उद्घोष कर चुके हैं, तो सपा के अखिलेश यादव ने पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं संग नर्म हिंदुत्व की राह पर कदम बढ़ा दिए हैं.

Updated on: 31 Jul 2021, 08:34 AM

highlights

  • बीएसपी भगवान राम समेत भगवान कृष्ण और विश्वनाथ की शरण में
  • सपा ने भी ब्राह्मणों की कोर कमेटी बना बढ़ाए सॉफ्ट हिंदुत्व के कदम
  • सभी का निशाना विधानसभा चुनाव में बीजेपी को किसी भी तरह रोकना

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में अगले साल आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को रिझाने के लिए नई बिसात बिछनी शुरू हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी जहां अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को गुरु पूर्णिमा जैसे अवसरों पर साधु-संतों से आशीर्वाद लेने का निर्देश दे अपना चुनावी अभियान शुरू कर चुकी है. वहीं बसपा और सपा जैसे क्षेत्रीय दल भी बीजेपी को टक्कर देने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व की गोटियां बिछा चुके हैं. दोनों ही पार्टियों के केंद्र में हैं ब्राह्मण मतदाता, जिसे रिझाने के लिए बीएसपी के दिग्गज नेता सतीश मिश्रा अयोध्या में प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी कर जयश्री राम का उद्घोष कर चुके हैं, तो सपा के अखिलेश यादव ने पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं संग नर्म हिंदुत्व की राह पर कदम बढ़ा दिए हैं. इसके तहत सत्ता में आने पर भगवान परशुराम की प्रतिमा समेत भगवान विष्णु की प्रतिमाओं का वादा किया गया है.

बीएसपी लेगी भगवान कृष्ण और विश्वनाथ का आशीर्वाद
सपा-बसपा के इन कदमों से साफ है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को टक्कर देने के लिए नये समीकरण गढ़े जा रहे हैं. गौरतलब है कि बीजेपी इन समीकरणों के बलबूते सवर्ण मतदाताओं समेत गैर जाटव दलित और गैर यादव ओबीसी वोटबैंक को अपने पाले में करने में सफल रही है. अब सपा-बसपा भी नर्म हिंदुत्व की आड़ में नयी बिसात बिछा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा चकित करने वाला रवैया बीएसपी का रहा है, जो ब्राह्मण समेत अन्य सवर्ण मतदाताओं को लुभाने के लिए ताना-बाना बुन चुकी है. इसकी शुरुआत बीएसपी ने अयोध्या में प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी से की, जहां भगवान राम के नाम का उद्घोष हुआ. अब अगले चरण में बीएसपी भगवान कृष्ण और फिर भगवान विश्वनाथ के नाम की माला जपने जा रही है.

यह भी पढ़ेंः मिजोरम पुलिस ने असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा के खिलाफ दर्ज की FIR

बीएसपी का सत्ता में आने पर तेजी से राम मंदिर निर्माण का वादा
राजनीतिक पंडितों को बीएसपी के इस सियासी रवैये से ज्यादा अचंभा सतीश मिश्रा के वादे पर हुआ. गौरतलब है कि अयोध्या में सतीश मिश्रा ने न सिर्फ जयश्री राम का उद्घोष किया, बल्कि यह वादा भी किया कि सत्ता में आने पर राम मंदिर का निर्माण तेजी से कराया जाएगा. इस पर उनका कहना था कि ब्राह्मण होने के नाते वह बचपन से मंदिरों में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. इसके साथ ही उनकी पार्टी में भी धार्मिक विश्वास को लेकर कहीं कोई रोक-टोक नहीं है. अयोध्या के बाद सतीश मिश्रा का अगला पड़ाव मथुरा-वृंदावन है, जहां से कृष्ण भक्तों को रिझाने के प्रयास होंगे.

यह भी पढ़ेंः BJP को हराने साथ आएंगे TMC और Left, दीदी की तरफ बढ़ा दोस्ती का हाथ

सपा भी हिंदुत्व की शरण में
बीएसपी की तर्ज पर ही सपा के तेवर भी बदले हुए हैं. पूर्व मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी भी कहते हैं कि हिंदुत्व पार्टी के एजेंडे पर काफी पहले से है. वह पुरजोर शब्दों में तर्क देते हैं कि ऐसा नहीं है कि बीजेपी का काउंटर करने के लिए सपा ऐसा कर रही है. वह कहते हैं कि पार्टी से पहले भी उन लोगों के साथ खड़ी रही है, जो भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने के पक्ष में रहे. सपा-बसपा के सियासी सोच में आए इस बदलाव से राजनीतिक विश्लेषक भी इत्तेफाक रखते हैं. उनका मानना है कि हिंदुत्व के बगैर क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति के बारे में अब सोचा भी नहीं जा सकता है.