logo-image

रूस के इस 'शैतान' से पलभर में खाक हो जाएंगे कई देशों के बड़े शहर

सरमत तीन चरणों वाली लिक्विड-ईंधन वाली मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 18,000 किमी है और प्रक्षेपण वजन 208.1 मीट्रिक टन है. यह मिसाइल 35.3 मीटर लंबी और 3 मीटर व्यास की है.

Updated on: 21 Apr 2022, 12:20 PM

highlights

  • रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने किया सबसे खतरनाक ICM मिसाइल का परीक्षण
  • एक साथ 10 न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम, नहीं रोक सकेगा कोई डिफेंस सिस्टम
  • हिरोशिमा-नागासाकी से 1000 गुना ज्यादा तबाही फैलाने में सक्षम है सरमत मिसाइल

नई दिल्ली:

रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) को लगभग दो महीने होने वाले हैं. रूसी सेना के ताबड़तोड़ हमलों ने यूक्रेन के कई शहरों को तबाह कर दिया है. इसके खिलाफ अमेरिका (America) और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लागू किए हैं. वैश्विक बिरादरी से तनातनी के बीच मॉस्को ने कुछ घंटों पहले सरमत नाम की अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल (ICM) का सफल परीक्षण कर दुश्मन देशों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर दी है. इस मिसाइल को दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइल करार दिया जा रहा है. यह एक साथ कई परमाणु बम गिराने में सक्षम है. परीक्षण के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि नए मिसाइल परिसर में 'उच्चतम सामरिक और तकनीकी विशेषताएं हैं और यह मिसाइल-विरोधी रक्षा के सभी आधुनिक साधनों को पार करने में सक्षम है.

मॉस्को से 800 किमी दूर हुआ परीक्षण
रूसी बोलचाल की आम भाषा में सरमत का अर्थ शैतान होता है. ऐसे में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण रूस की रक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण घटना है. यूक्रेन पर परमाणु हमलों की आशंकाओं के बीच रूस ने इस इंटर कांटीनेंटल मिसाइल का परीक्षण किया है. हालांकि अमेरिका ने रूसी आईसीएम टेस्‍ट को रूटीन बताते हुए बेखौफ अंदाज में कहा है कि इससे कतई कोई खतरा नहीं है.  क्रेमलिन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आईसीएम सरमत को उत्तरी आर्कान्जेस्क क्षेत्र में मॉस्को से लगभग 800 किमी उत्तर में प्लासेत्स्क कोस्मोड्रोम से दागा गया था.

यह भी पढ़ेंः बारामूला में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में लश्कर का आतंकी ढेर, 3 जवान भी घायल

एक साथ 10 वॉरहेड ले जाने में सक्षम
हालांकि अमेरिका के अलावा कई देशों के विशेषज्ञों ने इसे बेहद खतरनाक मिसाइल करार दिया है. इसे रूस के नेक्सट जेनरेशन की बैलिस्टिक मिसाइल की श्रेणी में रखा जा सकता है. सरमत के सफल परीक्षण के बाद यह भी अब किंझल और अवंगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइलों के वर्ग में शामिल हो गई है. परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम सरमत की खास बात यह है कि यह एक साथ 10 वॉरहेड ले जा सकती है. 

दुनिया का कोई भी देश इसके निशाने से नहीं बचेगा
सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह आधुनिक से आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से अपना बचाव करने में सक्षम है. यानी इसे दागने के बाद लक्ष्य को भेदने से कोई नहीं रोक सकता है. इसके दागे जाने के बाद मिसाइल डिफेंस सिस्टम को इसे ट्रैक करने का बेहद कम समय मिलता है और तब तक ये अपने लक्ष्य को तहस-नहस कर चुकी होती है. 200 टन भार की सरमत से दुनिया के किसी भी देश को निशाने पर लिया जा सकता है. 

यह भी पढ़ेंः अब गुजरात में Bulldozer, नई फैक्ट्री की शुरुआत करेंगे ब्रिटिश PM जॉनसन

2017 में किया गया था पहली बार परीक्षण
रूसी मीडिया के अनुसार सरमत तीन चरणों वाली लिक्विड-ईंधन वाली मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 18,000 किमी है और प्रक्षेपण वजन 208.1 मीट्रिक टन है. यह मिसाइल 35.3 मीटर लंबी और 3 मीटर व्यास की है. 10 बड़े न्यूक्लियर वॉरहेड के अलावा सरमत 16 छोटे वॉरहेड ले जा सकती है. दूसरे शब्दों में कहें तो ये सभी वॉरहेड और काउंटरमेशर्स या हाइपरसोनिक बूस्ट-ग्लाइड वाहनों का संयोजन है. रूस के ये परमाणु बम अमेरिका के जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों में गिराए गए एटम बम से 1000 गुना ज्‍यादा शक्तिशाली है. रूस ने सबसे पहले इस मिसाइल का 2017 के अक्टूबर में परीक्षण किया था.