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राम मंदिर के साथ अयोध्या का भी हो रहा नवनिर्माण, अब ऐसी दिखेगी रामनगरी

राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ ही अयोध्या के भी पुनर्निमाण का काम शुरू हो गया है. अयोध्या को बुनियादी सुविधाओं का तोहफा देने के साथ ही रामनगरी का वैभव लौटाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं.

Updated on: 07 Jun 2021, 11:05 AM

highlights

  • 2 शिफ्ट में चल रहा राम मंदिर का निर्माण कार्य
  • IIT के वैज्ञानिक भी कर रहे हैं मंदिर निर्माण में मदद
  • राम मंदिर के साथ अयोध्या का भी नवनिर्माण होगा

नई दिल्ली:

यूपी की अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य बड़ी तेजी के साथ जारी है. इस वक्त मंदिर की नींव भराई का काम जारी है. श्री राम जन्म परिसर में भगवान रामलला (Lord Ram) के मंदिर निर्माण के लिए बुनियाद भरी जा रही है. विश्व प्रसिद्ध इस मंदिर को बनाने के लिए नींव को इतना मजबूत बनाया जा रहा कि मंदिर हजारों साल तक स्थिर खड़ा रहे. इसके लिए मंदिर निर्माण के लिए 400 फीट लंबा 300 फीट चौड़ा और 50 फिट गहरा भूखंड बुनियाद के लिए खोदा गया है. इसमें 12 इंच मोटी लेयर बिछाई जाने के बाद उसको वाइब्रेटर से 2 इंच दबाया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय (Champat Rai) ने सोमवार को मंदिर निर्माण से जुड़ी हुई जानकारी दी. 

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IIT के वैज्ञानिकों के आधार पर हो रहा काम

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. चंपत राय के अनुसार आईआईटी गुवाहाटी के डायरेक्टर और अनेक संस्थानों के इंजीनियरों की सलाह के साथ-साथ नेशनल जियो रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद की सलाह से विशेषज्ञों के परामर्श के आधार पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए 400 फीट लंबा, 300 फीट गहरा क्षेत्र मंदिर परिसर के चारों ओर चिन्हित किया गया, वहां से मलबा हटाया गया और 45 फीट नीचे जाने के बाद शुद्ध बालू प्राप्त हुई है.

मिर्जापुर से मंगाए लाल पत्थर

चंपत राय ने बताया कि मंदिर के बेस प्लिंथ के लिए मिर्जापुर से लाल पत्थर मंगाए गए हैं. निश्चित आकार के पत्थरों को रामजन्म भूमि परिसर में बने कार्यशाला में तराशा जाएगा. दिसंबर में मंदिर का बेस प्लिंथ बनाने का काम शुरू हो जाएगा. IIT के शोध के आधार पर यह ज्ञात हुआ कि धरती के नीचे बहुत बड़ी मात्रा में मलबा है और उनकी सलाह पर इसे हटाया गया. राम मंदिर के नींव को भरने का कार्य पत्थर की गिट्टी, पत्थरों के पाउडर और कोयले की राख से किया गया, जिसे NTPC ने तैयार किया है. 

2 शिफ्ट में चल रहा है काम

मंदिर निर्माण की यह प्रक्रिया मार्च से प्रारंभ हुई है. जिस तकनीक से नींव भरने का काम चल रहा है. मंदिर निर्माण में गति बनी रहे इसके लिए 2 शिफ्ट में मजदूरों से काम कराया जा रहा है. नींव की एक लेयर 4 से 5 दिन में पूरी कर दी जाती है. कार्य तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने विश्वास जताया कि अक्टूबर तक नींव भरने का काम पूरा कर लिया जाएगा. मार्च के दूसरे सप्ताह से प्रारंभ हुए कार्य में अब तक 4 लेयर बिछाई जा चुकी हैं. बीच में बारिश के कारण बाधा आ रही है, लेकिन कार्य को रोका नहीं जा रहा है.

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राजस्थान से पहुंचे पत्थर कटाई के कारीगर

राम मंदिर निर्माण के लिए रामसेवकपुरम कार्यशाला में लगे कटिंग मशीन को शुरू करने के लिए राजस्थान से कारीगर अयोध्या पहुंचे हैं. तो वही जल्द ही मंदिर निर्माण करने वाले आर्किटेक्ट सोनपुरा व उनकी टीम भी अयोध्या पहुंचेंगे. जिसके बाद पत्थरों की तलाशी का कार्य को भी प्रारंभ कर दिया जाएगा. राम मंदिर आर्किटेक्ट के मुताबिक ग्राउंड इंप्रूवमेंट को अक्टूबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद मंदिर के बेस व निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. 

अयोध्या का भी नवनिर्माण कार्य शुरू

राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ ही अयोध्या के भी पुनर्निमाण का काम शुरू हो गया है. अयोध्या को बुनियादी सुविधाओं का तोहफा देने के साथ ही रामनगरी का वैभव लौटाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. अयोध्या में प्रवेश के लिए अलग-अलग दिशा में 6 रास्ते हैं, इन सभी रास्तों पर अब राम द्वार बनाने की तैयारी की जा रही है. इन्हीं रास्तों से अयोध्या में प्रवे होगा. इसके अलावा यहां पर रामायणकालीन वाटिकाओं का निर्माण भी होगा.

मुख्यमंत्री के आदेश के मुताबिक अयोध्या के मशहूर सूर्यकुंड का विकास किया जा रहा है. भरत कुंड, हनुमान कुंड, स्वर्ण कुंड, सीता कुंड, अग्नि कुंड, गणेश कुंड, दशरथ कुंड का भी सौंदर्यीकरण का काम तेजी के साथ चल रहा है. भजन संध्या स्थल, दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केन्द्र और रैन बसेरे का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है. नया बस डिपो भी बनकर तैयार हो चुका है. इसके अलावा रामायण सर्किट थीम के तहत रामकथा गैलरी और लक्ष्मण किला घाट का काम भी लगभग पूरा है.