Plane Crash: चीन के सहयोग से बने पोखरा एयरपोर्ट का उद्घाटन 14 दिन पहले हुआ था
पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले ही एक विवाद भी खड़ा हो गया था, जब काठमांडू में चीनी दूतावास ने एकतरफा घोषणा की कि पोखरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चीन-नेपाल बीआरआई सहयोग की प्रमुख परियोजना है.
highlights
- चीनी दूतावास के पोखरा एयरपोर्ट को नेपाल-चीन बीआरआई का हिस्सा बताने पर हुआ था विवाद
- चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले साल शेर बहादुर देउबा को शिष्टाचार भेंट में सौंपा था एयरपोर्ट
- रविवार को हुए विमान क्रैश में सभी यात्रियों और क्रू मेंबर के मारे जाने की आशंका, 5 भारतीय भी शामिल
काठमांडू:
पोखरा (Pokhara) अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का उद्घाटन दो सप्ताह पहले ही हुआ था, जहां रविवार को येति एयरलाइंस का 72 सीटर यात्री विमान क्रैश हो गया. नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) ने 1 जनवरी को चीन (China) के सहयोग से निर्मित इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करते हुए कहा था कि पोखरा का अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों के साथ संबंध स्थापित हो गया है. गौरतलब है कि पिछले साल चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने पोखरा क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को बालुवाटार में आयोजित एक शिष्टाचार मुलाकात के दौरान सौंप दिया था. पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले ही एक विवाद भी खड़ा हो गया था, जब काठमांडू में चीनी दूतावास ने एकतरफा घोषणा की कि पोखरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चीन-नेपाल बीआरआई सहयोग की प्रमुख परियोजना है. काठमांडू में चीनी दूतावास द्वारा की गई इस एकतरफा घोषणा किए जाने के बाद चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को लेकर नेपाल में विवाद छिड़ गया.
पीएम पुष्प कमल दहल भी चीनी घोषणा से थे अचंभित
नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भी इस बात पर चिंता जताई कि यह मुद्दा इस समय क्यों और कैसे सामने आया. बताते हैं कि उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में भी बीआरआई परियोजना के तहत पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का जिक्र नहीं किया. रायटर समाचार एजेंसी ने नेपाल विमानन प्राधिकरण के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि रविवार को हुई विमान दुर्घटना में अब तक कम से कम 40 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. एयरलाइन के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि नेपाल की येति एयरलाइंस द्वारा संचालित दोहरे इंजन वाले एटीआर 72 विमान में 72 लोग सवार थे, जिनमें दो बच्चे, चालक दल के चार सदस्य और 5 भारतीयों समेत 10 विदेशी नागरिक शामिल थे. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि विमान हादसे के बाद दहल ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है.
Nepal PM Pushpa Kamal Dahal 'Prachanda', along with Home Minister Rabi Lamichhane to arrive in Pokhara today, in wake of the aircraft crash at Pokhara airport.
— ANI (@ANI) January 15, 2023
A five-member committee has been formed to investigate the reasons for the crash.
Visuals from the spot. pic.twitter.com/nOi5mTh7cF
यह भी पढ़ेंः Pokhara Plane Crash: कई बड़े हादसों का गवाह रहा नेपाल का पोखरा
क्रैश हुआ येति एयरलाइंस का विमान था 15 साल पुराना
माउंट एवरेस्ट सहित दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से आठ नेपाल में हैं. इन पहाड़ों की वजह से मौसम अचानक करवट ले विमान संचालन के लिहाज से खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है. इसकी वजह से नेपाल में हवाई दुर्घटनाएं असामान्य नहीं हैं. दूसरे पहाड़ी इलाका होने से सड़क का सफर मुश्किल भरा होता है. ऐसे में नेपाल पहुंचने वाले विदेशी पर्यटक और समृद्ध नेपाली लोग हवाई यात्रा को तरजीह देते हैं, लेकिन लगातार होते भयावह विमान हादसों से लोग डरे हुए हैं. पिछले कुछ सालों में नेपाल सबसे ज्यादा हवाई दुर्घटनाएं झेलने वाला देश बन चुका है. आंकड़ों की भाषा में बात करें तो समग्र नेपाल में बीते तीन दशकों में 30 बड़ी विमान दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें से सात अकेले पोखरा के इर्द-गिर्द घटी हैं. हालांकि नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने कहा कि रविवार को पोखरा के आसपास मौसम साफ था. बताते हैं कि हादसे का शिकार हुआ येति एयरलाइंस का विमान 15 साल पुराना था.
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