logo-image

आतंक पर चीन का भारत के रुख पर समर्थन, कहा- आतंक गुड-बैड नहीं

चीन को भी तालिबान (Taliban) और आतंक के गठजोड़ के नकारात्मक प्रभाव समझ आ रहे हैं. संभवतः तभी अपना सुर बदलते हुए चीन को आतंकवाद की तुलना बाघ से करते हुए कहना पड़ा है कि यह पालने वाले को ही खा जाता है.

Updated on: 09 Oct 2021, 11:28 AM

highlights

  • ग्लोबल काउंटर टेरेरिज्म फोरम की बैठक में चीन का बदला सुर
  • कहा- आतंकवाद को गुड-बैड के खांचे में नहीं बांटा जा सकता है
  • आतंकवाद बाघ की तरह है जो पालने वाले को भी खा जाता है

बीजिंग:

भारत की मोदी सरकार (Modi Government) जिस गुड-बैड तालिबान खांचे को लंबे समय से कठघरे में खड़ा करती आ रही थी, वह बात अब अमेरिका (America) समेत अन्य विकसित देशों को भी समझ आने लगी है. धीरे-धीरे ही सही दुनिया के सुर आतंकवाद पर बदलने लगे हैं. खासकर अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान शासन के बाद तो कई देश भारत के साथ मोर्चेबंदी कर रहे हैं. यह अलग बात है कि चीन (China) ने अपने आर्थिक हितों को प्राथमिकता दे न सिर्फ तालिबान के शीर्ष कमांडरों से मुलाकात की, बल्कि हर तरह की मदद का भी आश्वासन दिया. अब संभवतः चीन को भी तालिबान (Taliban) और आतंक के गठजोड़ के नकारात्मक प्रभाव समझ आ रहे हैं. संभवतः तभी अपना सुर बदलते हुए चीन को आतंकवाद की तुलना बाघ से करते हुए कहना पड़ा है कि यह पालने वाले को ही खा जाता है. 

आतंक पर दुनिया से दोहरा मापदंड छोड़ने की अपील
ग्लोबल काउंटर टेरेरिज्म फोरम की 11वीं बैठक में चीन का आतंकवाद पर बिल्कुल बदला हुआ चेहरा नजर आया. फोरम में शामिल चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की तर्ज पर विश्व से दुनिया से आतंकवाद पर दोहरा मापदंड छोड़ने की अपील की. उन्होंने बेलौस अंदाज में कहा, 'आतंकवाद का सिर्फ एक ही रूप है और वह है आतंक का प्रचार-प्रसार. आतंकवाद को किसी लिहाज से भी गुड-बैड में नहीं बांटा जा सकता'. यही नहीं वांग यी ने आतंकवाद की तुलना बाघ से करते हुए कहा, 'आतंकवाद एक बाघ की तरह है जो पालने वाले को भी खा जाता है'.

यह भी पढ़ेंः दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी टकराई अज्ञात चीज से, चीन पर शक

हालांकि पाकिस्तान का नहीं लिया नाम
हालांकि अपने सदाबहार दोस्त का ध्यान रखते हुए वांग यी ने अपने इस कथन में पाकिस्तान और उसके द्वारा समर्थिक तालिबान राज वाले अफगानिस्तान का नाम भी नहीं लिया. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उनका साफतौर पर इशारा इन्हीं दोनों देशों की तरफ था. वांग ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती है. चीन के विदेश मंत्री ने बैठक में उन कारणों की भी चर्चा जिसकी वजह से आतंकवाद का दायरा बढ़ रहा है. उन्होंने विश्व को चेताते हुए कहा कि आतंकी संगठन आधुनिक तकनीक और विज्ञान को तेजी से अपना रहे हैं. वे अपने नेटवर्क को मजबूत और बढ़ाने के लिए सोशल नेटवर्क, वर्चुअल करेंसी और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भी दुनिया को आतंक के खिलाफ जंग की तैयारी करनी होगी.