विधानसभा अध्यक्ष बनते ही राहुल नार्वेकर की चाल से MVA चित
महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो गया. 164 वोट के साथ बीजेपी के राहुल नार्वेकर ने शिवसेना के राजन सालवी को हराकर विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया.
highlights
- 164 वोट के साथ बीजेपी के राहुल नार्वेकर बने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर
- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल का नेता घोषित किया
- स्पीकर राहुल नार्वेकर ने मुख्य सचेतक के तौर पर भरत गोगावले को मान्यता दे दी
मुंबई:
महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो गया. 164 वोट के साथ बीजेपी के राहुल नार्वेकर ने शिवसेना के राजन सालवी को हराकर विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया. कम उम्र में महाराष्ट्र सहित देश के पहले विधानसभा अध्यक्ष चुने गए राहुल नार्वेकर ने आते ही धमाकेदार फैसले लेने शुरू कर दिए हैं, जिससे शिंदे सरकार को बचाया जा सके. राहुल नार्वेकर ने देर रात एक बड़ा फैसला लिया. पेशे से एक वकील होने के नाते राहुल ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने कार्यालय से जारी किया कि शिवसेना के विधायक दल के नेता अजय चौधरी और मुख्य सचेतक सुनील प्रभु के मान्यता वाली आदेश को रद्द कर दिया और सबसे ज्यादा विधायकों को अपने पाले में करने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल का नेता घोषित किया और मुख्य सचेतक के तौर पर भरत गोगावले को मान्यता दे दी.
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जानकार बताते हैं कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि विश्वास मत के समय शिवसेना के शिंदे ग्रुप की तरफ से व्हिप हो और वहीं व्हिप सभी विधायकों के लिए मान्य हो. सुप्रीम कोर्ट में भी चीफ व्हिप के मामले को सुना जा रहा है और शिवसेना के भीतर की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे के पक्ष में फैसला दे. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय से आधिकारिक तौर पर जानकारी मंगाई दी गई थी.
कौन चीफ व्हिप है और कौन विधायक दल का नेता है? हालांकि, कल अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए ठाकरे ग्रुप के तरफ से जो भी जारी किया गया था उसको वोटिंग के बाद विधानसभा के भीतर उपाध्यक्ष ने पढ़ा, जिसमें उल्लेख था कि सुनील प्रभु द्वारा दिए गए व्हिप का शिंदे ग्रुप के सभी विधायकों ने उल्लंघन किया है, इसलिए उनके निलंबन को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से कार्रवाई संभव नहीं है, लेकिन ठाकरे ग्रुप की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के लिए एक साक्ष्य तैयार किया जाएगा माना जा रहा है.
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विश्वास मत हासिल करने के लिए सरकार को वोट देने की आवश्यकता है और वह व्हिप राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद अब शिंदे सरकार की तरफ से जारी किया जाएगा और देखना यह है कि आदित्य ठाकरे सहित पूर्व विधायक जो अभी भी ठाकरे की में हैं क्या उन पर व्हिप के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जाएगी? क्योंकि अब उद्धव ठाकरे शिवसेना बचाने में लगे हैं. हालांकि, शिवसेना के कई बड़े नेता कह चुके हैं कि सांसद भी उद्धव ठाकरे के खेमे को छोड़कर एकनाथ शिंदे के खेमे में जा सकते हैं और संगठन उद्धव ठाकरे के हाथ से ना निकले इसके प्रयास ठाकरे ग्रुप की तरफ से जारी है.
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