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रायपुर..दुबई और UAE से जुड़ा है महादेव ऐप का तार, जानें इस फर्जीवाड़े में मुख्यमंत्री बघेल का कैसे आया नाम

महादेव बुक ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्लेटफॉर्म है. इसके प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल रायपुर निवासी हैं और दोनों दुबई में रहते हैं. दोनों पर आरोप है कि ये ये दुबई से ही ऐप को संचालित करते हैं. फिलहाल ये ऐप ईडी के रडार पर है.

Updated on: 06 Nov 2023, 05:08 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ में चुनाव से ठीक पहले सियासी बंवडर खड़ा हो गया है. महादेव ऐप को बीजेपी ने चुनाव का मुद्दा बनाया है. इस मामले में सीधे-सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम सामने आने के बाद तो बीजेपी आक्रमक है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता का विश्वास तोड़ा है. इन्होंने तो महादेव को भी नहीं छोड़ा. हालांकि, सीएम बघेल ने इन आरोपों को बेबुनियाद और आधारहीन बताया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध सट्टेबाजी वाले 22 ऐप और वेबसाइटों को प्रतिबंध करने का आदेश जारी किया है. आईटी मंत्रालय ने अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ चल रही जांच के बीच इन एप्स पर बैन लगाने के आदेश दिए हैं. आखिर क्या है महादेव ऐप और क्यों आया छत्तीसगढ़ में भूचाल. कैसे जुड़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम आइए जानते है पूरा मामला. 

दरअसल, महादेव बुक ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्लेटफॉर्म है. इसके प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल रायपुर निवासी हैं और दोनों दुबई में रहते हैं. दोनों पर आरोप है कि ये ये दुबई से ही ऐप को संचालित करते हैं. ईडी ने इसे भारत में बंद कर दिया है. एजेंसी ने इस मामले में चार लोगों को डिटेन भी किया है. जांच एजेंसी के सामने पकड़े गए असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने कबूल किया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार के साथ उनके संबंध हैं. सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल पर आरोप है कि  ऐप चलाने के लिए और अपने रसूख को आगे बढ़ाने के लिए कानून को दरकिनार कर राजनेताओं, अधिकारियों और अन्य लोगों को रिश्वत दिए हैं. हालांकि, इसकी अभी जांच चल रही है.  

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ED ने UAE से आए शख्स पर कसा शिकंजा 

ईडी के पास खुफिया सूचना है छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर 2023 को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महादेव ऐप के प्रमोटरों की ओर से बड़ी मात्रा में नकदी ले जाई जा रही है. ये पैसे सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए खास तौर पर संयुक्त अरब अमीरात से भेजे गए एक कैश कूरियर असीम दास को रायपुर से पकड़ा था. जांच एजेंसी ने दावा किया कि एजेंट असीम दास को ऐप प्रमोटरों ने UAE से भेजा था. ईडी ने 5.39 करोड़ रुपये की नकद राशि उनकी कार से बरामद की. जब्त धनराशि पर असीम दास ने स्वीकार किया है कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता भूपेश बघेल को देने की व्यवस्था की गई थी. ईडी ने महादेव ऐप के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है जिनमें 15.59 करोड़ रुपये की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है. ईडी ने असीम दास को गिरफ्तार कर लिया. 

कैसे आया सीएम बघेल का नाम
असीम दास से कड़ी पूछताछ और उसके पास से जब्त फोन की जांच से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. ईमेल के मुताबिक, महादेव ऐप के प्रमोटर्स ने अब तक करीब 508 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिए हैं. हालांकि एजेंसी ने कहा कि पैसे दिए गए या नहीं, इसकी जांच चल रही है.  इस मामले के खुलासे होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि चुनाव के दौरान इससे भद्दा  मजाक क्या हो सकता है. किसी को पकड़वाकर मैं प्रधानमंत्री का नाम कहवा दूं तो क्या पीएम से एजेंसी पूछताछ करेगी. किसी का नाम लेना बहुत आसान है. साबित करना उतना ही मुश्किल काम है. ये सब साजिश के तहत किया जा रहा है. 

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सीएम बघेल ने बीजेपी पर कसा तंज

ऑनलाइन ऐप पर जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है. बीजेपी और प्रवर्तन निदेशालय (ED) महादेव ऐप के मालिकों को बचा रही है. अगर इन्हें सही में कार्रवाई करनी है तो आरोपियों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लेते हैं. बीजेपी ईडी को हथियार बनाकर विपक्षी दलों के नेताओं पर कार्रवाई करवा रही है. मैं साफ कर दूं कि इस व्यक्ति को मैं नहीं जानता हूं और ना ही कभी वैसे मुलाकात हुई है जैसा कि दावा किया जा रहा है. मुझे बदनाम करने के लिए बीजेपी ऐसा काम कर रही है, लेकिन जनता सब देख रही है. जनता ही बीजेपी को करारा जवाब देगी. बघेल ने आगे कहा कि पूरे देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी बंद होनी चाहिए. ये सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही क्यों किया जा रहा है. क्योंकि यहां चुनाव है. चुनाव खत्म होने तक यह घमासान जारी रहेगा.