logo-image

887 खतरनाक वायरस की लिस्ट तैयार, 30 ला सकते हैं Corona से भयंकर महामारियां

इस स्टडी में 887 वायरसों की सूची बनाई गई है, जिनमें से सिर्फ 38 वायरसों का ही पता है जो इंसानों को बीमार कर सकते हैं. इसके अलावा 849 वायरसों के बारे में कुछ भी नहीं पता.

Updated on: 05 Jul 2021, 02:16 PM

highlights

  • कोरोना संक्रमण जैसी या कहीं ज्यादा खतरनाक महामारी फैलाने में सक्षम
  • 887 वायरसों की लिस्ट में से 849 के बारे में वैज्ञानिकों को कुछ पता नहीं
  • इस स्टडी को पूरा करने के लिए 13 देशों के 65 एक्सपर्ट जुटे थे

नई दिल्ली:

कोविड-19 (COVID-19) के हौलनाक संक्रमण के वैश्विक स्तर पर फैलने से कहीं पहले वैज्ञानिक जूनोटिक वायरस यानी जानवरों में पाए जाने वाले वायरसों (Virus) का अध्ययन शुरू कर चुके थे. वैज्ञानिकों को इस बात का डर हमेशा से था कि जानवरों में पाए जाने वाले वायरस इंसानों को भी संक्रमित कर सकते हैं. उनकी आशंका सच भी साबित हुई. इंसान कई बार ऐसे वायरसों से संक्रमित हुए और इस कारण मारे भी गए. अब एक वेब बेस्ड प्लेटफॉर्म ने दुनिया में मौजूद 887 जानवरों के वायरसों की लिस्ट बनाई है. इनमें से 30 वायरस ऐसे हैं, जो भविष्य में इंसानों को बहुत ज्यादा बीमार कर सकते हैं या दुनिया में कोरोना संक्रमण जैसी या कहीं ज्यादा खतरनाक नई महामारी फैला सकते हैं.

अध्ययन में लगा एक दशक से ज्यादा समय
इस अध्ययन को करने में दस साल से ज्यादा लगे हैं. स्टडी को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की संक्रामक रोग विशेषज्ञ जोना मैजेट ने पूरा किया है. उसके बाद सबसे ज्यादा संक्रामक, खतरनाक और जानलेवा 30 वायरसों की लिस्ट बनाई गई है. इसमें यह भी बताया गया है कि कौन सा वायरस किस स्तर की तबाही मचा सकता है. जोना मैजेट कहती है कि हर वायरस एक बराबर खतरनाक नहीं है. इन 30 वायरसों में कुछ ही हैं जो महामारी की ताकत रखते हैं. लेकिन बाकी कमजोर नहीं है. वो भी देश या प्रांत के स्तर पर भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इन वायरसों को संक्रामकता के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहला- राष्ट्रीय या क्षेत्रीय. दूसरा- अर्धवैश्विक यानी सेमी-ग्लोबल और तीसरा- वैश्विक यानी ग्लोबल. किसी देश को या क्षेत्रीय स्तर पर परेशानी खड़ी करने वाले वायरसों में कोरोना वायरस के स्ट्रेंस भी शामिल हैं. इसके अलावा अफ्रीकी देशों में फैलने वाले इबोला वायरस भी है, लेकिन इनसे वैश्विक या अर्ध-वैश्विक महामारी का खतरा नहीं है. 

यह भी पढ़ेंः चुनाव के वक्त Temple Run पर HC ने मांगा चुनाव आयोग से जवाब

राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर संक्रमण फैलाने वाले वायरस
राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर असर दिखाने वाले ये वायरस हैं - लास्सा वायरस या एरेनावायरस, इबोला वायरस या फिलोवायरस, मार्बर्ग वायरस या फिलोवायरस, सार्स कोरोनावायरस, कोरोनावायरस 229ई, सार्स से संबंधित बीटा कोरोनावायरस आरपी3, यूरोपियन बैट लिसा वायरस 1 या रैब्डोवायरस, एंडीज वायरस या बुनियावायरस. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर इंसानों को संक्रमित करने वाले अन्य वायरस हैं, पुमाला वायरस, शेरेफॉन बैट कोरोना वायरस/केन्या, यूरोपियन बैट लिसावायरस 2, लागुना नेग्रा वायरस, इडोलोन बैट कोरोना वायरस , कॉउपॉक्स वायरस. 

अर्ध-वैश्विक स्तर पर संक्रमण फैला सकने वाले वायरस
अर्ध-वैश्विक यानी सेमी-ग्लोबल स्तर पर संक्रमण फैलाने की क्षमता रखने वाले वायरस हैं- सार्स-सीओवी-2, निपाह वायरस, सिमियन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस या रेट्रोवायरस, कोरोना वायरस प्रेडिक्ट सीओवी-35, बोर्ना डिजीस वायरस या बोर्नावायरस, लॉन्गक्वान आ माउस कोरोना वायरस, मंकीपॉक्स वायरस, कोरोना वायरस प्रेडिक्ट सीओवी-24.

यह भी पढ़ेंः अमिताभ बच्चन से सनी देओल तक, ये हैं हिंदी फिल्मों के टॉप 10 वकील

वैश्विक महामारी की क्षमता रखने वाले वायरस
इन 30 वायरसों की सूची में कई ऐसे वायरस हैं, जो राष्ट्रीय स्तर से उठकर अर्ध-वैश्विक या वैश्विक महामारी की रूप ले सकते हैं. इसकी वजह यह है कि इनमें म्यूटेशन की ताकत है. वह कई नए वायरस खड़ा कर सकते हैं. इसलिए इस लिस्ट में कई वायरस शामिल हो सकते हैं. यह संक्रामकता और आशंका पर आधारित विश्लेषण है. वैश्विक महामारी की क्षमता रखने वाले वायरस हैं... सियोल वायरस, हैपेटाइटिस ई वायरस या हेपेवायरस, रैबीस वायरस, लिम्फोसाइटिक कोरियोमैनिनजाइटिस वायरस, सिमियन फोमी वायरस, रोउसेट्स बैट कोरोना वायरस एचकेयू9, मुरीन कोरोना वायरस, मकाउ फोमी वायरस. 

इंसानों को सबसे ज्यादा खतरा इस वायरस से 
इंसान लगातार जानवरों के संपर्क में रहता है. इसलिए जानवरों के वायरस से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. जिन वायरसों से इंसान को सबसे ज्यादा खतरा है, वो हैं- सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस. इस वायरस के डेटाबेस में पूरी दुनिया में करीब 887 वायरस शामिल हैं. दूसरा है सिमियन इम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस, यह वायरस बंदरों से इंसानों में आया और इसी की वजह से एचआईवी फैला था. तीसरा है, कोरोना वायरस 229E, इस वायरस का एक अलग स्ट्रेन इंसानों में जुकाम पैदा करता है. मुरीन कोरोना वायरस इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसके कुछ स्ट्रेंस की वजह से चूहों में मल्टीपल स्क्लेरोसिस देखा गया है. मकाउ फोमी वायरस वायरस इसलिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि इंसान और बंदरों के बीच संबंध बहुत ज्यादा है.

यह भी पढ़ेंः  गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में यूपी, राजस्थान और बंगाल में 40 जगह CBI की छापेमारी

इंसानों के लिए खतरनाक हैं 31 फैक्टर्स
जोना मैजेट और उनकी टीम इस बात से हैरान थी कि ये वायरस पाए तो जाते हैं जानवरों में, लेकिन ये इंसानों को किसी भी स्तर तक संक्रमित कर सकते हैं. बीमार कर सकते हैं. जान भी ले सकते हैं. जोना ने इन वायरसों की संक्रामकता का अध्ययन किया 31 नए फैक्टर्स निकल कर सामने आए जो इंसानों के लिए खतरनाक है. जैसे- ये वायरस ट्रांसमिट कैसे होते है, इनके होस्ट कितने होते हैं यानी किन-किन जानवरों में मिलते हैं, ये पर्यावरण में कैसे सर्वाइव करते हैं यानी इंसानों के जरिए या अन्य माध्यमों से खुद को बचाते हैं आदि. इन फैक्टर्स पर जांच करने के बाद इन 30 वायरसों का रिस्क स्कोर 155 आया. यानी जिसका रिस्क स्कोर 155 से ज्यादा, वो उतना ज्यादा खतरनाक. 

मानव जाति के लिए संभालना नामुमकिन
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट कोलिन पैरिश ने कहा कि जिन फैक्टर्स का अध्ययन किया गया है वह संक्रमण को फैलाने के महत्वपूर्ण आधार हैं. ये समस्या और बढ़ सकती है जब दो अलग-अलग परिवारों के वायरस क्रॉसओवर कर लें. इससे जो नया वायरस बनेगा उसे संभालना मानव जाति के लिए नामुमकिन होगा. जोना मैजेट की यह स्टडी हाल ही में प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुई है. इसमें 887 ऐसी बीमारियों के बारे में बताया गया है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकती हैं. कोलिन पैरिश ने कहा कि इस लिस्ट में कीड़ों से फैलने वाले वायरसों और घरेलू जानवरों से फैलने वाले वायरसों की भी लिस्ट शामिल है. यानी जानवरों, कीट-पतंगों से इंसानों को बीमार करने वाले या मारने वाले वायरसों की ये सबसे बेहतरीन स्टडी है. इस स्टडी को पूरा करने के लिए 13 देशों के 65 एक्सपर्ट जुटे थे. इसमें दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जहां के वायरसों को शामिल न किया गया हो. इसके अलावा उनके खतरे को भी बताया गया है.