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राजस्थान बीजेपी में बगावत, वसुंधरा समर्थकों ने बनाई 'नई टीम'

राजस्थान में कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. राजस्थान भाजपा में घमासान जैसी स्थिति दिखाई दे रही है.

Updated on: 10 Jan 2021, 11:59 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. राजस्थान भाजपा में घमासान जैसी स्थिति दिखाई दे रही है. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhra Raje)के समर्थकों ने एक नया राजनीतिक मंच बना लिया है. इस एकल इकाई 'टीम वसुंधरा राजे' के तहत 25 जिला अध्यक्षों की घोषणा की गई है और इसकी सूची को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया है. यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा राजस्थान के तीन वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी.

राजे को किया जा रहा दरकिनार
इन नेताओं में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर शामिल थे. हालांकि राजे को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था. ऐसे में राज्य में बन रहे नए समीकरण पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. स्पष्ट रूप से राजस्थान में उभर रहे नए राजनीतिक समीकरणों से यह संकेत मिल रहा है कि 'रानी' यानी राजे को चुपचाप दरकिनार किया जा रहा है. आखिरकार राजे के समर्थकों ने शुक्रवार को 'टीम वसुंधरा राजे' के बैनर तले नवनियुक्त जिला अध्यक्षों की सूची जारी कर प्रदेशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को चौंका दिया है.

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वसुंधरा से मतभेद लंबे समय से जारी
सूची के लेटरहेड में वसुंधरा की मां विजयाराजे सिंधिया की तस्वीर दिखाई दे रही है और उन्हें जनता के बीच राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देने की प्रेरक के रूप में उद्धृत किया गया है. यह आश्चर्यजनक घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब राज्य के नेता प्रदेश के तीन जिलों में होने वाले उपचुनावों से पहले पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में एक बैठक की. वसुंधरा इस बैठक का हिस्सा नहीं थीं, जिसकी चहुंओर चर्चा हो रही है. पिछले कई महीनों से वसुंधरा की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दूरी और मतभेद राजनीतिक गलियारों में चर्चा का प्रमुख विषय रहे हैं.

राजे की टीम ने दी यह सफाई
इस संदर्भ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा, 'वसुंधरा राजे के समर्थकों ने कई जिलों में अपनी टीमों को खड़ा किया है. केंद्रीय नेतृत्व इस तथ्य से अवगत है और हम इस दिशा में हमारे पार्टी नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करेंगे.' हालांकि वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच के संयोजक विजय भारद्वाज ने कहा कि नई इकाई का गठन दिसंबर 2020 में किया गया था. उन्होंने कहा कि राजे द्वारा लोगों के लिए बनाई गई नीतियों और परियोजनाओं के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से इसका गठन किया गया है. 

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केंद्रीय नेतृत्व की ओर निगाहें
उन्होंने कहा कि वह भाजपा के एक आदर्श कार्यकर्ता हैं और वह 2023 में भाजपा को सत्ता में लाने और राजे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक साथ काम करना चाहते हैं. इस बीच पुनिया ने आगे कहा, 'हम यह पता लगा रहे हैं कि क्या ये सदस्य गंभीर भाजपा कार्यकर्ता हैं. हम सभी तथ्यों के साथ एक पूरी रिपोर्ट संकलित करेंगे और फिर मैं इस मामले में बोलने की स्थिति में रहूंगा. अभी तो यह बस सोशल मीडिया पर है.' उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व जो भी दिशा-निर्देश देगा, वह उसका पालन करेंगे.