'मैं मां काली की भक्त', महुआ मोइत्रा अपने बयान पर कायम
भाजपा समर्थकों द्वारा ट्रोल्स करने के बावजूद मोइत्रा ने अपने रुख से हटने से इनकार कर दिया और विवाद को
highlights
- मैं 'शक्ति' उपासक और मां काली की भक्त हूं
- मैं अपने बयान पर कायम रहूंगी
- मैं एक गर्वित बंगाली हूं, एक गौरवान्वित भारतीय हूं
नई दिल्ली:
नूपुर शर्मा के बाद अब तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा धार्मिक आस्था को आहत करने के मामले में विवादों में घिर गयी हैं. काली फिल्म पर उठे विवाद पर महुआ मोइत्रा की टिप्पणी ने आग में घी का काम कर दिया है. भाजपा इस मुद्दे पर मोइत्रा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं. लेकिन टीएमसी सांसद मोइत्रा कह रही हैं कि यह मेरी आस्था और विश्वास है. भाजपा के लोग मुझे मेरे विश्वास से डिगा नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदू धर्म को एक खास खांचे में फिट करना चाहती है. मोइत्रा ने संघ-भाजपा के 'हिंदू धर्म के अखंड विचार' की खिंचाई की है.
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के लिए विवाद कोई नई बात नहीं है. विभिन्न मुद्दों पर अपने साहसिक रुख के साथ-साथ संसद में तीखे और धाराप्रवाह भाषणों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाली फायरब्रांड नेता, देवी काली को "मांस खाने वाली, शराब स्वीकार करने वाली देवी" होने की अपनी टिप्पणी के बाद अब एक बार फिर विवाद के केंद्र में हैं. मां काली पर उनके बयान ने देश में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है.
हालांकि, भाजपा समर्थकों द्वारा ट्रोल्स करने के बावजूद मोइत्रा ने अपने रुख से हटने से इनकार कर दिया और विवाद को "भाजपा और उसके ट्रोल्स की झूठी भावना" कहा. फिलहाल उनकी पार्टी ने उनके विचार को व्यक्तिगत बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है और इसे उनका निजी विचार बताया है.
मेरा कथन तथ्य है
महुआ मोइत्रा ने कहा कि मेरा कथन एक तथ्य और इस अनुभव पर आधारित था कि कैसे मां काली को उनके भक्त पूजते हैं. हमने जो देखा है, वह कहा है. मुझे इसमें किसी तरह का कोई विवाद नजर नहीं आता. विवाद भाजपा और उसके ट्रोल्स की झूठी भावना है जो धर्म को एक उपकरण के रूप में इस देश के नागरिकों को विभाजित करने के अपने एजेंडे से विचलित करना चाहते हैं. वे हिंदू धर्म के अपने अखंड विचार को हर हिंदू पर थोपना चाहते हैं, जहां वे तय करेंगे कि कौन हिंदू है और कौन नहीं और हमारे देवी-देवताओं की पूजा कैसे की जानी चाहिए.
मैं शक्ति उपासक और मां काली की भक्त हूं
मेरा स्टैंड बहुत स्पष्ट है. मैं 'शक्ति' उपासक और मां काली की भक्त हूं. मैं अपने बयान पर कायम रहूंगी कि मेरे लिए वह मांस और शराब स्वीकार कर रही है. 'मंगसो भोग' और 'करों' कुछ ऐसा है जो उनकी पूजा के लिए अंतर्निहित है. मैं धर्म के इर्द-गिर्द सिर्फ इसलिए नहीं झुकूंगी क्योंकि हर कोई भाजपा के एक समान विश्वास के आख्यान को लेने से डरता है. मैं एक गर्वित बंगाली हूं, एक गौरवान्वित भारतीय हूं और मैं मरते दम तक इसका बचाव करूंगी.
टीएमसी ने उनके विचार को निजी बताया
तृणमूल कांग्रेस ने काली पर महुआ मोइत्रा के राय से सहमत नहीं है. पार्टी ने इसे उनकी निजी राय बताते हुए अपने को अलग कर लिया है. लेकिन महुआ मोइत्रा ने कहा कि, मैं अपनी नेता ममता बनर्जी और उनके नेतृत्व वाली पार्टी का एक पैदल सैनिक और उत्साही समर्थक और प्रशंसक हूं. यही मुझे प्रेरित करता है और मुझे खुश रखता है.
मां काली मेरे लिए क्या मायने रखती है, इस बारे में मेरे बयान तथ्यात्मक थे. मेरे लिए, धर्म व्यक्तिगत है और यह मेरे व्यक्तिगत विश्वास के लिए कोई प्रासंगिकता नहीं है कि दूसरे लोग इसके समर्थन में हैं या विरोध हैं. मेरा विश्वास नहीं डगमगा सकता.
नूपुर शर्मा से नहीं है कोई तुलना
नुपुर शर्मा ने जो कहा वह दूसरे धर्म के सदस्यों को अपमानित करने और पैगंबर मोहम्मद को बदनाम करने के लिए किया गया था. दूसरी ओर मेरे बयान ने एक हिंदू के रूप में, 'शक्ति' के उपासक और मां काली के परम भक्त के रूप में मेरे व्यक्तिगत विश्वास को व्यक्त किया. मैंने जो कहा वह देवी के उत्सव में था और वह मेरे लिए क्या मायने रखती है और यह बताने के लिए कि मेरे द्वारा और, मुझे विश्वास है, अनगिनत अन्य भक्तों द्वारा उनकी पूजा की जाती है. अगर बीजेपी एफआईआर दर्ज कर रही है, तो मैं शिकायतकर्ताओं और बीजेपी को भी हलफनामा दायर करने की चुनौती देती हूं कि मां काली की पूजा 'करों' या 'मंगशोर भोग' से नहीं की जाती है.
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बता दें कि मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने हलफनामे पर कहा कि उज्जैन में भोपाल से 200 किलोमीटर (जहां एफआईआर दर्ज है) काली मंदिर शक्ति पीठ पर शराब नहीं चढ़ाया जाता है. बता दें कि असम बीजेपी का कहना है कि कामाख्या में मां की पूजा मांस और शराब से नहीं की जाती है. त्रिपुरा की भाजपा सरकार को सुंदरी मंदिर में पशु बलि पर रोक के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उनकी लंबित अपील को वापस लेने के लिए कहें. बता दें कि बंगाल विधानसभा में बीजेपी के विपक्ष के नेता एक प्रस्ताव लेकर आए हैं, जिसमें कहा गया है कि तारापीठ में जब मां की मांस और शराब से पूजा की जाती है, तो हिंदू भावनाएं आहत होती हैं. उन्हें ये सब करने दें. महुआ मोइत्रा ने कहा कि,भाजपा की ओर से मुझे काफी बकवास सुनने को है और मैं उनके पाखंड के खिलाफ खड़ी रहूंगी और अपने विश्वास की रक्षा करूंगी.
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