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Fire and Safety lapses : दिल्ली मुंडका अग्निकांड की ये हैं 10 सबसे बड़ी वजह

Fire and Safety lapses : दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में झुलसकर अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई झुलसे लोगों को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Updated on: 14 May 2022, 08:02 AM

highlights

  • दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग
  • मुंडका अग्निकांड में अबतक 27 लोगों की जान चल गई है, जबकि कई लोग झुलस गए हैं
  • इस हादसे में जान गंवाने वाले सिर्फ 12 लोगों की ही पहचान हो पाई है

नई दिल्ली:

Fire and Safety lapses : दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में झुलसकर अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई झुलसे लोगों को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस हादसे में जान गंवाने वाले सिर्फ 12 लोगों की ही पहचान हो पाई है. इसे लेकर दिल्ली सरकार ने एक हेल्पलाइन डेस्क भी संजय गांधी अस्पताल में लगाया है, जहां अभी तक 19 लोगों ने अपने परिजनों की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई है. 5 दिन में फॉरेंसिक टीम द्वारा मृतकों की पहचान की जाएगी. आइये हम आपको बताते हैं कि इस अग्निकांड की ये 10 बड़ी वजह हैं...

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  1. मुंडका में जिस बिल्डिंग में आग लगी है उसमें फायर के लिए कोई भी एग्जिट नहीं है, जिससे 27 लोगों ने जान गंवा दी.
  2. बिल्डिंग के पास फायर सेफ्टी एनओसी भी नहीं थी. 
  3. फायर ब्रिगेड के अफसर ने बताया कि फैक्ट्री की चारों मंजिल पर क्षमता से ज्यादा मजदूर काम कर रहे थे. 
  4. इमारत में जगह की कमी थी और अंदर लोगों की संख्या ज्यादा थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में करीब 300 लोग काम कर रहे थे.
  5. इमारत में काफी छोटे-छोटे कमरे हैं. इनमें सामान ज्यादा भरा पड़ा है. ऐसे में फायर ब्रिगेड के कमर्चारियों को ऑपरेशन में परेशानी आई.
  6. फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि चार मंजिला इमारत में सिर्फ एक ही रास्ता या सीढ़ी थी, जिस पर जेनरेटर भी रखा था, जिसकी वजह से लोग बिल्डिंग से बाहर नहीं निकल सके. 
  7. इस बिल्डिंग में फायर सेफ्टी को लेकर कोई इंतेजाम नहीं थे, जिससे इस तरह के हादसों से बचा जा सके
  8. दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे बिल्डर फ्लैट हैं, जहां चार मंजिला इमारत में उसी जगह बिजली के मीटर लगाए गए हैं, जहां से लोग ऊपर की मंजिलों पर आ या जा सकें. कई ऐसे फ्लैटस में दुर्घटना हो चुकी हैं, जिनमें मीटरों में ही आग लगने से उपर धुआं भर गया, जिससे लोग सीढ़ियों से नीचे आ ही नहीं सके.
  9. दिल्ली में हजारों की संख्या में ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जिनमें न तो अग्रिशमन के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही बिल्डिंग के नक्शा बनाते समय ऐसी कोई व्यवस्था की गई कि आग लगने पर लोगों को बचाया जा सके.
  10. आग इमारत की पहली मंजिल पर लगी जो सीसीटीवी कैमरों और राउटर निर्माण कंपनी का कार्यालय है.