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2024 लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार मोड की शुरुआत भी है योगी का शपथ ग्रहण

बीजेपी आलाकमान मन बना चुका है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव में फतह हासिल कर मजबूती और सकारात्मक संदेश के साथ उतरा जाए.

Updated on: 25 Mar 2022, 01:36 PM

highlights

  • 2024 लोकसभा चुनाव से पहले होने हैं 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव
  • बीजेपी आलाकमान ने अभी से शुरू कर दी तैयारी, बुलाए यहां के सीएम
  • अप्रैल के महीने में हो सकते हैं बीजेपी में बड़े संगठनात्मक बदलाव

नई दिल्ली:

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को सामने आए और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चार राज्यों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की. उसी दिन शाम को नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए साफ शब्दों में विपक्ष को न सिर्फ कठघरे में खड़ा किया, बल्कि यह कहने से भी नहीं चूके कि 2022 के विधानसभा चुनाव परिणामों ने वास्तव में 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Loksabha Elections) नतीजों को तय कर दिया है. यानी कह सकते हैं कि बीजेपी आलाकमान 10 मार्च से ही 2024 लोकसभा चुनाव के मोड में आ गया. इस कड़ी में आज उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार का होने जा रहा शपथ ग्रहण अगली कड़ी है. गौरतलब है कि योगी के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य से भव्यतम रूप दिया जा रहा है. इसके लिए आ रहे मेहमानों में पीएम मोदी समेत दर्जन भर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी आ रहे हैं. यह संयोग नहीं है. बीजेपी अभी से 2024 लोकसभा चुनाव के मोड में आ चुकी है. उससे पहले बीजेपी शासित राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और यूपी में योगी सरकार के भव्य शपथ ग्रहण के जरिए सकारात्मक माहौल प्रस्तुत किया जा रहा है. 

2024 लोकसभा चुनाव के पहले ग्रांड शो बनेगा योगी का शपथ ग्रहण
गौरतलब है कि इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में यह भी संयोग नहीं है कि पीएम मोदी 10 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के अगले दिन गुजरात दौरे पर थे. उन्होंने चुनावी मोड में आते हुए अहमदाबाद में अप्रत्याशित कदम उठा एक बड़ा रोड-शो कर डाला. गुजरात-हिमाचल के अलावा अन्य नौ राज्यों में 2023 में चुनाव होने हैं. फिलवक्त इन सभी राज्यों में बीजेपी या एनडीए सरकारें हैं. बीजेपी आलाकमान मन बना चुका है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव में फतह हासिल कर मजबूती और सकारात्मक संदेश के साथ उतरा जाए. यही वजह है कि योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी शासित राज्यों के सीएम-डिप्टी सीएम भी बतौर अतिथि शामिल हो रहे हैं. यानी इसके जरिए आसन्न विधानसभा चुनावों के प्रचार मोड में भी पार्टी आ गई है. 

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ये वीवीआईपी हो रहे हैं योगी के शपथ ग्रहण में
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में जिन मुख्यमंत्रियों के भाग लेने की उम्मीद है, उनमें गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्‌टर. इन दोनों ही राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई और असम के सीएम हिमंता विस्वा सरमा शामिल हैं. इनके अलावा अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू, त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह और गोवा के सीएम प्रमोद सावंत भी कार्यक्रम में मौजूद रह सकते हैं. इसके अलावा बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी आदि भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास गुरुवार को ही लखनऊ पहुंच गए थे. 

संघ भी 2025 के शताब्दी वर्ष से पहले 2024 के लिए हुआ सक्रिय
एक बात और संयोग नहीं करार दी जाएगी. योगी आदित्यनाथ 37 साल बाद यूपी का मिथक तोड़ जीत दर्ज करने के बाद गोरखपुर आए थे. वहीं पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी संघ की तीन दिवसीय बैठक में भाग लेने आए थे. योगी आदित्यनाथ ने वहां उनसे लगभग 40 मिनट मुलाकात की. बाद में सीएम योगी का बयान आया कि उन्होंने मोहन भागवत का आशीर्वाद ले उन्हें भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया. कहने को यह सामान्य शिष्टाचार भेंट थी, लेकिन इसके निहितार्थ गहरे थे. मोहन भागवत 2025 में संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष को लेकर बैठक करने आए थे, लेकिन उनके एजेंडे पर उसे पहले 2024 के लोकसभा चुनाव भी थे. जाहिर ही बीजेपी के साथ ही संघ भी चुनावी मोड में आ गया है. ऐसे में के शपथ ग्रहण समारोह में आरएसएस के पदाधिकारियों के भी शामिल होने की चर्चा है.

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अप्रैल में बीजेपी में हो सकते हैं संगठनात्मक बदलाव
माना जा रहा है कि संघ के पदाधिकारी योगी के शपथ ग्रहण में पहुंचकर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने का संदेश दे सकते हैं. ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अप्रैल के महीने में पार्टी में संगठनात्मक बदलाव हो सकते हैं. इस बात की संभावना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अहमदाबाद में हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक से भी बलवती होती है. इस बैठक में संघ की रणनीति के साथ-साथ भाजपा संगठन की भी समीक्षा की गई. गौरतलब है कि भाजपा के संगठन मंत्री संघ के प्रचारक होते हैं, इसलिए इनकी नियुक्ति के राजनीतिक मायने काफी अहम माने जाते हैं. संघ की अहमदाबाद बैठक के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी के संगठन मंत्री को बदला गया. सूत्रों के अनुसार मिशन 2024 को ध्यान में रखते हुए तीन से चार राज्यों में भी संगठन मंत्रियों में बदलाव किए जाने हैं. इन सबकी शुरुआत हो चुकी है और आज योगी के शपथ ग्रहण से इसे धार देने की कोशिश भी तेज हो गई है.