logo-image

ब्राह्मण और ओबीसी वोटबैंक पर बीजेपी की नजर, कैबिनेट विस्तार के ये है सियासी मायने

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ा दांव चला है. तीन चेहरों को शामिल कर पार्टी ने ब्राह्रमण, पिछड़ा और लोधी समाज को खुश करने और सरकार में उनकी भागीदारी होने का संदेश दिया है.

Updated on: 26 Aug 2023, 08:29 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट का विस्तार किया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कैबिनेट विस्तार किया है. उन्होंने कैबिनेट में तीन बीजेपी विधायकों को शामिल किया है. राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन और राहुल लोधी हैं. शुक्ला ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. वहीं, बिसेन और राहुल लोधी दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से संबंध रखते हैं. चुनाव से पहले बीजेपी हर वर्गों को खुश करने और सरकार में उनकी भागीदारी का भी पूरा ख्याल रख रही है. इसी कड़ी में शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया है. इन तीन चेहरों में दो चेहरे तो पुराने हैं.

राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन पहले भी शिवराज कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं. इस बार उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी को शामिल किया गया है. मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूबाई पटेल ने शनिवार को राजभवन में तीनों विधायकों को मंत्रियों पद की शपथ दिलाई.  बीजेपी ने चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट विस्तार से जाति और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है. तो आइए जानते हैं कि बीजेपी ने तीन विधायकों को मंत्री बनाकर कैसे चुनाव में जाति और समीकरण को साधने की कोशिश की है. 

 राजेंद्र शुक्ला के जरिए ब्राह्मण वोटबैंक पर नजर

बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र शुक्ला विंध्य में ब्राह्मण चेहरा हैं. ब्राह्मणों को साधने के लिए बीजेपी ने चुनाव से ठीक पहले राजेंद्र शुक्ला को मंत्री बनाकर बड़ा दाव चला है. शुक्ला रीवा से चार बार विधायक रह चुके हैं. वह शिवराज चौहान सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को विंध्य क्षेत्र से बड़ी सफलता मिली थी. बीजेपी को यहां से करीब-करीब सभी सीटों पर जीत मिली थी. इस जीत में राजेंद्र शुक्ला की बड़ी भूमिका थी. क्षेत्र में एक मात्र ब्राह्मण नेता होने के नाते राजेंद्र शुक्ला पर लोगों ने भरोसा जताया था. ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि 2023 में भी राजेंद्र शुक्ला के जरिए रीवा में कमल खिलाया जा सकता है.  शुक्ला को कैबिनेट में शामिल करने से राज्य के विंध क्षेत्र से आने वाले मंत्रियों की संख्या बढ़कर चार हो गई है. राजनीतिक जानकार भी कहते हैं कि कैबिनेट में शुक्ला को रखने से बीजेपी को विंध क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने में फायदा होगा. 

2018 में बीजेपी ने विंध्य में लहराया था भगवा
पांच साल पहले 2018 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विंध्य क्षेत्र से बीजेपी ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी.  जबकि कांग्रेस छह सीटें जीत सकी थी. इस बार बीजेपी को लेकर कई तरह की चर्चा चल रही है. कुछ लोगों का कहना है कि क्षेत्र में पहले दो दल ही थे. कांग्रेस और बीजेपी, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री से भगवा को नुकसान हो सकता है, ऐसे में बीजेपी ने राजेंद्र शुक्ला को कैबिनेट में शामिल कर ब्राह्मण वोट बैंक साधने के लिए नई रणनीति बना ली है. 

यह भी पढ़ें: न पक्ष समझ पा रहा है न विपक्ष, आख़िर शरद पवार के मन में चल क्या रहा है?

महाकौशल में बिसेन का दबदबा 

बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन को भी कैबिनेट में जगह दी गई है. वह ओबीसी समुदाय से आते हैं. वह बालाघाट से सात बार विधायक रह चुके हैं. वह मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं. महाकौशल क्षेत्र में बिसेन पार्टी के बड़े ओबीसी चेहरे हैं. बिसेन का बालाघाट में काफी दबदबा है. ओबीसी वोट बैंक पर बिसेन की अच्छी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में बीजेपी ने रणनीति के तहत बिसने को कैबिनेट में शामिल किया है. प्रदेश में यह भी अफवाह है कि ओबीसी बीजेपी से दूर हो रहे हैं. ऐसे में बिसने को मंत्री बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि बीजेपी उन्हें नजरअंदाज नहीं कर रही है. बल्कि वह बीजेपी के कोर वोटर हैं.  

बुंदेलखंड में बीजेपी को होगा लाभ

शिवराज कैबिनेट में ओबीसी नेता राहुल लोधी को भी शामिल किया गया है. राहुल लोधी बुंदेलखंड क्षेत्र से आते हैं. वह बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं. राहुल  लोधी ओबीसी समुदाय से आते हैं और राज्य की कुल आबादी में 45 फीसदी आबादी इस समुदाय से आती है. ऐसे में बिसेन और लोधी के जरिए पार्टी ओबीसी समुदाय के वोट हासिल करने की फिराक में है. राहुल लोधी को कैबिनेट में शामिल करने से यूपी से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र में पार्टी को लाभ हो सकता है.