जानें अपने अधिकार: परिवार देगा रोटी, कपड़ा, मकान क्योंकि भरण-पोषण आपका हक़

क्या आपको पता है भरण-पोषण के अधिकार के तहत देश के सभी नागरिकों को उनके परिवार से रोटी, कपड़ा और मकान पाना उनका क़ानूनी हक़ है।

क्या आपको पता है भरण-पोषण के अधिकार के तहत देश के सभी नागरिकों को उनके परिवार से रोटी, कपड़ा और मकान पाना उनका क़ानूनी हक़ है।

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saketanand gyan
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जानें अपने अधिकार: परिवार देगा रोटी, कपड़ा, मकान क्योंकि भरण-पोषण आपका हक़

जीवन की भागा-दौड़ी में हम सब इतने मशरुफ़ हो गए हैं कि हमें अपने अधिकारों तक का इल्म नहीं रहता। शायद यही कारण है कि आज शहर दर शहर इतने सारे वृद्धाश्रम और महिला सदन आश्रय खुलते जा रहे हैं।

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क्या आपको पता है भरण-पोषण के अधिकार के तहत देश के सभी नागरिकों को उनके परिवार से रोटी, कपड़ा और मकान पाना उनका क़ानूनी हक़ है। इस अधिकार के दायरे में पत्नी, बच्चे, माता-पिता सभी आते हैं।

क्या है भरण-पोषण का अधिकार?

1. किसी व्यक्ति की समान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्थिक मदद पाना।
2. हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम धारा 3(ख) के मुताबिक सभी स्थिति में खाना, कपड़ा, घर, शिक्षा और इलाज इसमें आता है।
3. इसके साथ ही अविवाहित बेटी की शादी की ज़िम्मेदारी भी आती है।

किसे है भरण-पोषण पाने का अधिकार?

1. इसमें माता-पिता, दादा-दादी और सौतेली मां भी आती है।
2. विवाहित, तलाकशुदा और विधवा महिला को भी भरण-पोषण प्राप्त करने का अधिकार है।
3. विधवा बेटी, बहू, पौत्रवधू, अविवाहित पोता-पोती, बेटी, और अवयस्क पोता-पोती, अवयस्क बेटा-बेटी भी आते है।

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क्या है भरण-पोषण अधिकार के नियम?

1. मृत व्यक्ति के उत्तराधिकारी से आश्रित उतना ही भरण-पोषण पा सकते हैं, जितनी मृत व्यक्ति की संपत्ति उनके पास है।
2. आश्रित भरण-पोषण की मांग तभी कर सकता है, जब मृत व्यक्ति की संपत्ति में से उत्तराधिकारी के रुप में कोई अंश नहीं मिला है। चाहे उत्तराधिकारी के नाम पर वसीयत हो या न हो।
3. जो भी व्यक्ति संपत्ति लेता हैं उन सब की ज़िम्मेदारी होती है कि वो बंटवारे के आधार पर ही अपनी ज़िम्मेदारी ले।

भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 125 के मुताबिक पत्नी, बच्चों और माता-पिता को भरण पोषण का क़ानूनी अधिकार है। वहीं पति, पिता और पुत्रों पर पत्नी, बच्चों और माता-पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी डाली गयी है।

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HIGHLIGHTS

  • भरण-पोषण के अधिकार के तहत देश के सभी नागरिकों को उनके परिवार से रोटी, कपड़ा और मकान पाना उनका क़ानूनी हक़ है
  • भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 125 के मुताबिक पत्नी, बच्चों और माता-पिता को भरण पोषण का क़ानूनी अधिकार है

Source : Vineeta Mandal

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