Hamas attack on Israel: हमास के आतंकियों ने शनिवार सुबह इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे, जिसमें 700 से ज्यादा इजरायली नागरिकों की मौत हो गई. जवाबी कार्रवाई में इजरायली सेना ने भी हमास पर हमला किया और 400 से ज्यादा आतंकियों को मार गिया. इस लड़ाई में अब तक 1100 से ज्यादा मौतें हो गई. हमास ने शनिवार यानी 6 अक्टूबर को इजरायल पर अचानक से ही हमला नहीं कर दिया, बल्कि इस हमले की जड़ें 50 साल पुराने युद्ध से जुड़ी हई हैं. क्योंकि 50 साल पहले भी अरब देशों ने इजरायल पर ऐसे ही हमला किया था. क्योंकि ये तारीख यहूदियों के लिए काफी काफी अहम थी और इसी दिन हमास ने इजरायल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे.
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जानिए क्या है 50 साल पुराना खूनी इतिहास?
दरअसल, 50 साल पहले यानी 6 अक्टूबर 1973 भी अरब मुल्कों के संगठन ने इजरायल पर इसी तरह से अचानक हमला किया था. क्योंकि उस दिन यहूदियों का सबसे पवित्र त्योहार योम किप्पुर मनाया जा रहा था. इजरायल के लोग त्योहार का जश्न मना रहे थे उधर अरब मुल्क इजरायल पर हमला करने की तैयारी कर रहे थे. जैसे ही 6 अक्टूबर आया अरब मुल्कों ने अचानक से इजरायल पर हमला बोल दिया. अरब मुल्कों के इस हमले का इजरायल ने जवाब दिया और उसके बाद दोनों युद्ध शुरू हो गया. 20 दिनों तक चली इस जंग में इजरायल ने अरब मुल्कों को खदेड़ दिया. योम किप्पुर त्योहार के मौके पर हुए इस युद्ध को 'योम किप्पुर युद्ध' के नाम से जाना जाने लगा. इस युद्ध में मिली हार को अरब मुल्क कभी नहीं भूल पाए. 6 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमले के पीछे यही वजह है.
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योम किप्पुर युद्ध से पहले भी हुई थी जंग
बता दें कि 1973 में अरब मुल्कों और इजरायल के बीच योम किप्पुर युद्ध हुआ लेकिन इससे 6 साल पहले यानी 1967 को भी अरब देशों के गठबंधन सऊदी असब, मिस्र, इराक, कुवैत, सीरिया और जॉर्डन ने इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था. पाकिस्तान और लेबनान ने भी इस गठबंधन का साथ दिया. आधा दर्जन से ज्यादा गठबंधन के सामने इजरायल सीना ताने मैदान में खड़ा रहा और 6 दिनों में ही सबको हरा दिया. इस युद्ध में इजरायल ने अरब देशों की काफी जमीन पर कब्जा कर लिया. इस युद्ध में जॉर्डन के हाथ से पूर्वी यरुशलेम और वेस्ट बैंक निकल गया. वहीं सीरिया को गोलान हाइट्स से हाथ धोना पड़ा. 6 दिनों तक चले इस युद्ध को 'सिक्स डे वॉर' के नाम से जाना जाता है.
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हमले के लिए क्यों चुना 6 अक्टूबर का दिन?
बता दें कि 6 अक्टूबर 2023 को योम किप्पुर युद्ध के 50 साल पूरे हुए थे और इस दिन इस युद्ध की वर्षगांठ थी, इसके अलावा यहूदी अपने सबसे पवित्र त्योहार को भी मना रहे थे. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि 1967 और 1973 की जंग में इजरायल से मिली शर्मनाक हार को अरब मुल्क कभी नहीं भूल पाए. इसी प्रतिरोध में हमास ने इस हमले को अंजाम दिया.
Source : News Nation Bureau