Jharkhand Election: झारखंड में बदलती डेमोग्राफी का मुद्दा क्या है? यूहीं नहीं हिमंता के बयानों पर सियासी बवाल!

Jharkhand Election: हिमंता बिश्वा सरमा की इस तरह की तीखी बयानबाजी जेएमएम की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को नश्तर की तरह चुभ रही है. खुले मंच में हिमंता विरोधियों को ललकार रहे हैं.

Jharkhand Election: हिमंता बिश्वा सरमा की इस तरह की तीखी बयानबाजी जेएमएम की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को नश्तर की तरह चुभ रही है. खुले मंच में हिमंता विरोधियों को ललकार रहे हैं.

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Ajay Bhartia
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Himanta biswa sarma

Jharkhand Election: झारखंड में बदलती डेमोग्राफी का मुद्दा क्या है? यूहीं नहीं हिमंता के बयानों पर सियासी बवाल!

Jharkhand Election: झारखंड में बदलते डेमोग्राफी के मुद्दे पर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर विवादों का बवंडर खड़ा हो गया. विपक्ष ने उनके बयानों की चुनाव आयोग से शिकायत की है. आखिर सीएम हिमंता ने कहा क्या है, झारखंड में बदलते डेमोग्राफी का मुद्दा क्या है और कैसे उनको केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का साथ मिल रहा है. आइए जानते हैं.

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'भारत को मुल्ला की जरूरत नहीं' 

हिंदू वोटों का बंटवारा, घुसपैठियों का सवाल, झारखंड की बदलती डेमोग्राफी… ये वो मुद्दे हैं, जिसके जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) झारखंड की सत्ता में वापसी की स्किप्ट लिखने में जुटी है. इस सब में जिस नेता के बयान सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं वो हैं असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, जिनको बीजेपी ने झारखंड चुनाव के लिए सह-प्रभारी बनाया है. एक रैली में सीएम हिमंता ने कहा, ‘भारत को मुल्ला की जरूरत नहीं है. डॉक्टर इंजीनियर की जरूरत है.’

विरोधियों को चुभ रहे हिमंता के बयान 

हिमंता बिश्वा सरमा की इस तरह की तीखी बयानबाजी जेएमएम की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को नश्तर की तरह चुभ रही है. खुले मंच में हिमंता विरोधियों को ललकार रहे हैं. बीजेपी समर्थकों में जोश भरने के लिए एकजुटता का संदेश दे रहे हैं. हिमंता का अंदाज विरोधियों को नागवार गुजर रहा है. हिमंता के एक बयान पर विवादों का बवंडर खड़ा हो गया. इतना ही हिमंता हिंदूओं के वोट बंटने का मुद्दा भी रैलियों में जोर शोर से उठा रहे हैं. एक रैली में उन्होंने कहा, 'हिंदूओं को वोट बंटता है, लेकिन विशेष समुदाय का वोट एक भी नहीं बंटता है.’

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इंडिया ब्लॉक ने EC से की हिमंता की शिकाय

हिमंता बिस्वा सरमा झारखंड चुनाव के बीजेपी इंचार्ज हैं और उनके बयानों के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है. हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने चुनाव आयोग में शिकायत की है. चुनाव आयोग से 24 घंटे में कार्रवाई की मांग की गई है. अगर कार्रवाई नहीं की गई तो कोर्ट में शिकायत करने की बात कही गई है. झारखंड में सत्ताधारी इंडिया गठबंधन के पास शिकायतों का पिटारा है. 

हिमंता ने उठाया झारखंड की डेमोग्राफी का मुद्दा

वहीं, हिमंता की सियासी पोटली में झारखंड के ज्वलंत मुद्दे है. सबसे बड़ा मुद्दा झारखंड की बदलती डेमोग्रेफी का है. इस मुद्दे को हर मंच से उठाया जा रहा है. एक जनसभा में उन्होंने बताया, ‘झारखंड के संथाल परगना की कुल आबादी 23 लाख थी. इसमें से 20 लाख हिंदुओं और आदिवासियों की आबादी थी. उस समय संथाल परगना में खाली 2 लाख 19 हजार मुसलमान थे. आज संथाल परगना में हिंदू 90% से घटकर 67% रह गए हैं और मुसलमान आबादी 10% से बढ़कर 40% तक हो चुका है. 

झारखंड की बदलती डेमोग्राफी

झारखंड के संथाल परगना इलाके में डेमोग्रेफी के बदलने का मुद्दा चुनाव के पहले से उठ रहा है. संथाल परगना में पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, देवघर और जामताड़ा जिले आते हैं. केंद्र की तरफ से झारखंड हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि 1951 में संथाल परगना में अनुसूचित जनजातियों की आबादी करीब 44% थी. ये 2011 में घटकर 28% हो गई यानी अनुसूचित जनजाति की आबादी में 16% कमी आई है. वहीं मुस्लिम आबादी में 20 से 40% की बढ़ोतरी हुई है. इलाके में ईसाईयों की संख्या में 6000% का इजाफा हुआ है.

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चुनाव में हिट साबित होंगे BJP के ये मुद्दे 

घुसपैठियों का मुद्दा बीजेपी के लिए बेहद अहम है. बीजेपी के संकल्प पत्र में भी इस मुद्दे को जगह दी गई है. गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से ये संकल्प पत्र जारी किया गया और उन्होंने इस मुद्दे पर हेमंत सरकार पर वार किया.

उन्होंने एक रैली में कहा, ‘मैं हेमंत बाबू से पूछना चाहता हूं एक घुसपैठिया अगर झारखंड में घुसता है. आपका पटवारी क्या कर रहा है. आपका कलेक्टर क्या कर रहा है.यहां भाजपा की सरकार बनाइए. हमारे पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक, हर कोई न केवल उन्हें रोकेंगे बल्कि उन्हें निर्वासित भी करेंगे.’

रोटी,बेटी और माटी..तीनों के संरक्षण को बीजेपी सबसे बड़ा मुद्दा बता रही है. सवाल है कि क्या ये मुद्दा झारखंड में हिट होगा? क्या बीजेपी तीनों मुद्दे के सहारे झारखंड में ऐतिहासिक जीत हासिल कर पाएगी.

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