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4 महीने में 79 लाख रजिस्ट्रेशन, क्या है बाल आधार कार्ड, पूरी प्रक्रिया

UIDAI के मुताबिक बीते वित्त वर्ष यानी 31 मार्च, 2022 तक जन्म से 5 साल की उम्र के 2.64 करोड़ बच्चों के आधार बनाए गए थे. जुलाई 2022 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3.43 करोड़ पर पहुंच गया है.

Updated on: 16 Aug 2022, 07:07 PM

highlights

  • बाल आधार धारक बच्चों और माता-पिता को कई सुविधाओं का लाभ
  • बाल आधार कार्ड में किसी तरह की बायोमेट्रिक्स डिटेल नहीं ली जाती
  • पांच साल से ज्यादा उम्र होने पर बायोमेट्रिक्स अपडेट लिया जाता है

नई दिल्ली:

देश में मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई के दौरान 79 लाख से भी ज्यादा बच्चों के लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनाए गए हैं. बच्चों के लिए बने खास तरह के आधार कार्ड को बाल आधार (Bal Aadhaar) कहा जाता है. आधार बनाने वाली सरकारी एजेंसी यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने 15 अगस्त को यह जानकारी सार्वजनिक किया. देश में चल रहे बाल आधार अभियान के तहत बच्चों के जन्म के समय से 5 साल की उम्र तक के लिए बाल आधार कार्ड बनाया जाता है. 

यूआईडीएआई ने अप्रैल से जुलाई, 2022 के दौरान 0-5 साल उम्र वर्ग के बच्चों के रजिस्ट्रेशन पूरा किए जाने को लेकर बयान दिया है. बीते वित्त वर्ष यानी 31 मार्च, 2022 तक जन्म से 5 साल की उम्र के 2.64 करोड़ बच्चों के आधार बनाए गए थे. जुलाई 2022 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3.43 करोड़ पर पहुंच गया है. आइए, जानते हैं कि बाल आधार कार्ड क्या है? इसे बनवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है और इसकी कब और कैसे जरूरत पड़ती है?

सरकारी योजनाओं- सुविधाओं का लाभ

माता-पिता को बच्चों से जुड़ीं सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ दिए जाने को लेकर बाल आधार कार्ड बनवाना जरूरी किया गया है. इसके जरिए कार्डधारक बच्चों और उनके माता-पिता को कई सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाता है. हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में जन्म से 5 साल तक के 70 प्रतिशत बच्चों का बाल आधार कार्ड बनाया जा चुका है. देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप में बाल आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में बढ़त दर्ज की गई है.

बाल आधार कार्ड की खासियत

बच्चों के लिए बनाए जाने वाले बाल आधार कार्ड में किसी तरह की बायोमेट्रिक्स डिटेल नहीं ली जाती है. व्यस्कों के आधार कार्ड बनाने के लिए बायोमेट्रिक्स डिटेल (उंगलियों के निशान और रेटिना स्कैन वगैरह) लिया जाता है. फिलहाल माता-पिता के आधार से ही बाल आधार कार्ड जुड़ा होता है. बच्चा जब 5 साल से अधिक उम्र का हो जाता है तब पहली बार उसका बायोमेट्रिक्स अपडेट लिया जाता है. दूसरी बार बच्चों के 18 साल पूरे होने के बाद बायोमेट्रिक्स लिया जाता है. इसके पीछे बच्चों के उंगली और रेटिना के बदलाव को वजह बताया गया है. 

देखने में सामान्य आधार से बाल आधार अलग होता है. बाल आधार कार्ड का रंग नीला होता है. बाल आधार कार्ड पर 'इसकी वैधता बच्चे के 5 साल की उम्र तक' लिखा होता है. 

बाल आधार कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज 

1. बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट या सरकारी हॉस्पिटल में जन्म के बाद का जच्चा-बच्चा का डिस्चार्ज स्लिप
2. बच्चे के माता-पिता में दोनों या किसी एक के आधार कार्ड की कॉपी
3. पांच साल से कम उम्र के बच्चे के माता-पिता को बाल आधार बनाने के लिए आधार सेवा केंद्र जाना होगा

बाल आधार के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

- सबसे पहले नजदीकी आधार आधार सेवा केंद्र का पता करें और वहां जाएं
- बाल आधार कार्ड के लिए आवेदन फॉर्म भर लें
- माता-पिता के आधार कार्ड और बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी अटैच करें
- आवेदन फॉर्म में माता-पिता के आधार कार्ड की जानकारी और मोबाइल नंबर जरूर दर्ज होना चाहिए
- वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा होने के बाद वहीं बच्चे की तस्वीर ली जाएगी. 
- पांच साल से छोटे बच्चे की बायोमेट्रिक्स डिटेल नहीं ली जाती है. 
- अगर बच्चा 5 साल या उससे अधिक उम्र का है तो आइरिस स्कैन और फिंगरप्रिंट लिया जाएगा.

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अपनाएं ये सावधानियां

- आधार सेवा केंद्र से मिली परची को आगे अपडेट या ट्रैकिंग के लिए संभाल कर रखें.
- आवेदन करने के 60 दिनों के अंदर माता-पिता के मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज के जरिए अपडेट आएगा.
- इसके बाद बाल आधार कार्ड डाक के जरिए घर के पते पर भेजा जाता है.
- बाल आधार कार्ड की सॉफ्ट कॉपी आधार की वेबसाइट से डाउनलोड भी की जा सकती है.