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Amitabh Bachchan का कथन- बॉलीवुड नहीं, हिंदी सिनेमा कहें... 2022 पर उतरा क्यों खरा

संभवतः गैर हिंदी भाषी फिल्मों की चुंबकीय शक्ति को दशकों पूर्व महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने समझ लिया था. गौरतलब है कि वह पिछले कई दशकों से कहते आ रहे हैं कि बॉलीवुड नहीं भारत में बनने वाली सभी फिल्मों का महत्व है.

Updated on: 24 Dec 2022, 07:08 PM

highlights

  • 2022 हिंदी फिल्मों के लिहाज से अपेक्षा पर बहुत खरा नहीं उतरा
  • इसी साल गैर-हिंदी भाषी फिल्मों ने अपनी बड़ी मौजूदगी दर्ज कराई
  • ऑस्कर में भी राजामौली की आरआरआर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई

नई दिल्ली:

2022 को ऐसा साल कहा जा सकता है, जब भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) पहले से कहीं अधिक बहुध्रुवीय होकर उभरा. बॉलीवुड (Bollywood) के नाम से लोकप्रिय हिंदी सिनेमा के लिए यह साल कठिन रहा, जब उसकी तमाम फिल्में बॉक्स ऑफिस (Box Office) की अपेक्षा पर खरी नहीं उतरीं. खासकर यह देखते हुए कि भारत की अलग-अलग भाषाओं में बनने वाली फिल्मों ने हिंदी सिनेप्रमियों का ध्यान खींचा और वह बॉक्स ऑफिस पर सफलता की नई इबारत लिखने में कामयाब रहीं. इन फिल्मों के नए प्लॉट से लेकर बांधे रखने वाली पटकथा और सम्मोहक स्पेशल इफैक्ट्स ने हिंदी भाषी इलाकों में इन्हें सफलता के नए झंडे गाड़ने का पुख्ता आधार दिया. संभवतः गैर हिंदी भाषी फिल्मों की चुंबकीय शक्ति को दशकों पूर्व महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने समझ लिया था. गौरतलब है कि वह पिछले कई दशकों से कहते आ रहे हैं कि बॉलीवुड नहीं भारत में बनने वाली सभी फिल्मों का महत्व है. ऐसे में बॉलीवुड के बजाय भारतीय फिल्म उद्योग सही और सार्थक शब्द रहेगा. उनके इस संकेत के मद्देनजर एक नजर डालते हैं ऐसी गैर हिंदी भाषी पांच फिल्मों पर, जिन्होंने 2022 में भाषाई सीमा से परे जाकर सभी सिनेप्रेमियों को अपना दीवाना बनाया.

मेजर
तेलुगु भाषा की यह फिल्म 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान शहीद मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन पर आधारित थी. इसने 'बाहुबली: द बिग्निंग' के अभिनेता अदिवी शेष ने शीर्षक भूमिका निभाई. इस फिल्म ने सिर्फ तेलुगु भाषी सिनेप्रेमियों को ही नहीं, बल्कि समग्र भारत के फिल्मों के दीवानों को आकर्षित किया. संभवतः इसी वजह से यह इस साल तेलुगु भाषा के लिहाज से सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई है. वैसे इस फिल्म ने उन घावों को हरा कर दिया था, जो पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने सिर्फ मुंबईकर्स ही नहीं, बल्कि हरेक भारतीय को दिए थे. ऐसे में हर भाषा के सिनेप्रेमियों ने इस फिल्म को देख शहीद मेजर संदीप उन्नीकृष्णन को अपनी तरह से श्रद्धांजलि दी.

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कंटारा
ऋषभ शेट्टी निर्देशित कन्नड़ भाषा की फिल्म पूरे भारत में एक आश्चर्यजनक रूप से एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई. इसकी प्रोडक्शन डिजाइन, सिनेमैटोग्राफी और कर्नाटक की स्थानीय 'भूत कोला' संस्कृति के बेदाग चित्रण ने सभी भाषाओं के सिनेप्रेमियों को आकर्षित किया. अपने गृह राज्य में एक सफलता के साथ-साथ फिल्म ने हिंदी भाषी दर्शकों के साथ एक ऐसा जुड़ाव बनाया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसे हिंदी में डब कर पेश किया गया. हालांकि इससे पहले ही यह बॉक्स ऑफिस पर अपेक्षा से कहीं अधिक बड़ी सफलता अर्जित कर चुकी थी. इसने फिल्म के तमाम अभिनेताओं को पहली बार उत्तर भारत के सिनेप्रेमियों से परिचित कराया.

पोन्नियिन सेलवन: I
दिग्गज निर्माता-निर्देशक मणिरत्नम की तमिल भाषी यह फिल्म गृह राज्य तमिलनाडु और दुनिया भर के तमिल प्रवासियों में बहुत बड़ी हिट थी. यह कल्कि कृष्णमूर्ति द्वारा लिखित एक काल्पनिक उपन्यास पर आधारित थी, जो चोल साम्राज्य के प्रसिद्ध सम्राट राजराजा प्रथम के जीवन पर लिखा गया था. फिल्म ने पूरे भारत में अपने हिंदी, तेलुगु और कन्नड़ डब संस्करणों में भी अच्छा प्रदर्शन किया. ऐश्वर्या राय बच्चन के होने से हिंदी भाषी सिनेप्रमेमियों में इसका चर्चा प्रदर्शन से पहले ही होने लगी थी. महज तीन दिनों में 'पोन्नियिन सेल्वन 1' ने बॉक्स ऑफिस पर 230 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था. उस वक्त कहा जा रहा था कि यह फिल्म 'बाहुबली 2: द कन्क्लूजन' की बॉक्स ऑफिस कमाई को भी पीछे छोड़ देगी

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केजीएफ: चैप्टर 2
2018 में बनी कन्नड़ भाषा की फिल्म 'केजीएफ: चैप्टर 1' आया था, जिसने सभी का ध्यान खींचा था. अब इस साल मुख्य भूमिका में अभिनेता यश अभिनीत इस बहुप्रतीक्षित सीक्वल ने पूरे देश में धूम मचा दी. प्रशांत नील-हेल्मड पीरियड एक्शन फिल्म को इसकी सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड म्यूजिक और इसकी रक्त-रंजित बदनाम 'हिंसा' के लिए सराहा गया. 'वॉयलेंस! वॉयलेंस! वॉयलेंस!' डायलॉग लंबे समय से हर किसी की जुबान पर था, जो 2022 में भी रहा. यह पूरे भारत में एक बड़ी सफलता बनी और संभवतः इसी कारण साल के अंत तक सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई.

आरआरआर
2017 में प्रदर्शित 'बाहुबली 2: द कन्क्लूजन' की अपार सफलता के बाद एसएस राजामौली की इस हाई-ऑक्टेन एक्शन फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार था. इसके कलाकारों में अभिनेता राम चरण, जूनियर एनटीआर हिंदी समेत अन्य भाषा के सिनेप्रेमियों के पहले से प्रिय चेहरा थे. लेकिन, अजय देवगन और आलिया भट्ट के होने से हिंदी सिनेमा दर्शकों ने भी इसे सिर माथे लिया. यह फिल्म न केवल भारत में शानदार सफलता बनी, बल्कि जापान जैसे विदेशी बाजारों में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल की. अंतरराष्ट्रीय बाजार में जापान सामान्यतः रजनीकांत का फैन बेस है, लेकिन वहां भी यह सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई. और साल के अंत में ऑस्कर में प्रविष्टि ने मानो बिग बी के शब्दों भारतीय सिने उद्योग से साक्षात मुलाकात करा दी.