महारानी एलिजाबेथ से ज्यादा खर्च होगा पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे के अंतिम संस्कार पर, जानें ब्योरा
शिंजो आबे के राजकीय सम्मान के साथ होने जा रहे अंतिम संस्कार में 217 देशों से लगभग 700 मेहमान पहुंच रहे हैं. खर्च का बड़ा हिस्सा इन मेहमानों की सुरक्षा और उनके ठहरने की व्यवस्था पर खर्च किया जाएगा.
highlights
- जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के अंतिम संस्कार पर खर्च होंगे 1.7 बिलियन येन
- महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार का खर्च आया था 1.3 बिलियन येन
- जापान दशकों बाद महंगाई का दंश झेल रहा है. ऐसे में लोगों में है भारी गुस्सा
नई दिल्ली:
इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे जापान के बेहद लोकप्रिय नेता थे. उन्होंने जापान का पीएम पद सबसे लंबे समय तक संभाला. हालांकि मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ होने वाले उनके अंतिम संस्कार के आ रहे खर्च ने कुछ लोगों को गुस्से से भर दिया है. इन लोगों को लग रहा कि पहले से महंगाई को इतना खर्च कर और क्यों बढ़ाया जा रहा है. क्योडो न्यूज एजेंसी की ओर से अंतिम संस्कार पर आ रहे खर्च को लेकर कराए गए सर्वेक्षण में 70 फीसदी लोगों ने माना है कि सरकार आबे (Shinzo Abe) के अंतिम संस्कार पर बहुत ज्यादा खर्च कर रही है. पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार पर 1.66 बिलियन येन का खर्च आ रहा है, जो पिछले सप्ताह लंदन में हुए महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth II) के अंतिम संस्कार के बराबर है. हालांकि माना जा रहा है कि अंतिम संस्कार का खर्च 1.7 बिलियन येन पार कर जाएगा. इस तरह शिंजो आबे का अंतिम संस्कार महारानी से कहीं महंगा होगा.
महारानी के अंतिम संस्कार पर आया था 1.3 बिलियन येन
गौरतलब है कि 19 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार पर हुए खर्च का ब्रिटिश सरकार या शाही घराने ने खुलासा नहीं किया है. हालांकि डेली मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार पर 8 मिलियन पौंड का खर्च आया, जो 1.3 बिलियन येन के बराबर बैठता है. इस तरह अभी से जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के अंतिम संस्कार का खर्च महारानी से कहीं ज्यादा बैठ रहा है. शिंजो आबे के राजकीय सम्मान के साथ होने जा रहे अंतिम संस्कार में 217 देशों से लगभग 700 मेहमान पहुंच रहे हैं. खर्च का बड़ा हिस्सा इन मेहमानों की सुरक्षा और उनके ठहरने की व्यवस्था पर खर्च किया जाएगा. इन मेहमानों में अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और एंथोनी अल्बनीज भी शामिल हैं.
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इस तरह बंटा हुआ अंतिम संस्कार का खर्च
जापान के मीडिया में इस पर बहस चल रही है और कई सर्वेक्षणों में जापानी लोग भी इससे खुश नजर नहीं आ रहे हैं. यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जापान कई दशकों में पहली बार भारी महंगाई का सामना कर रहा है. ऐसे में इतने महंगे अंतिम संस्कार पर लोग अंगुलियां उठा रहे हैं. इस वजह से जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की रेटिंग्स में भी गिरावट दर्ज की गई है. शुरुआत में शिंजो आबे के अंतिम संस्कार पर 250 मिलियन येन खर्च करने की योजना थी. बाद में मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मत्सुनो ने बताया कि 800 मिलियन येन तो पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च हो रहा है, जबकि 600 मिलियन येन का खर्च विदेशी नेताओं की मेहमानवाजी पर ही खर्च हो जाएंगे.
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जिस कंपनी को ठेका मिला उससे भी लोगों में रोष
लोगों में इस बात का भी गुस्सा है कि भारी-भरकम खर्च का ठेका मुरायामा नाम के ऑर्गेनाइजर को जिया गया, जो चैरी ब्लॉसम की सालाना पार्टी आयोजित करता है. मुरायामा पर भाई-भतीजावाद और पक्षपात का आरोप लगता रहा है. शिंजो आबे के अंतिम संस्कार के लिए मुरायामा ने 176 मिलियम येन की निविदा पेश की थी. एकमात्र निविदा होने की वजह से ठेका मुरायामा को ही मिला. बताते हैं कि मुरायामा को ही 2021 ओलिंपिक आयोजन का ठेका दिया गया था. जापान में आखिरी बार 1967 में किसी पीएम का राजकीय अंतिम संस्कार किया गया था और तब इसका खर्च पार्टी और सरकार दोनों ने उठाया था.
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