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Hybrid Solar Eclipse: 100 साल में बनता है इस तरह के तीन सूर्य ग्रहण का संयोग, जानें सब कछ

स्पेस डॉट कॉम के अनुसार आखिरी हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 2013 में पड़ा था. अगला आंशिक सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को ओडिशा को छोड़ भारत में दिखाई देगा.

Updated on: 20 Apr 2023, 07:26 AM

highlights

  • अगला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 2031 फिर 23 मार्च 2164 को पड़ेगा
  • ग्रहण की पूर्णता की सबसे लंबी अवधि 1 मिनट 15 सेकंड होगी
  • ऐसा संकर सूर्य ग्रहण हर सौ साल में केवल कुछ ही बार पड़ता है

नई दिल्ली:

विज्ञान की भाषा में कहें तो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) तब होता है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूरी तरह या आंशिक रूप से एक सीध में आ जाते हैं. वे कैसे सीध में आते हैं इस पर निर्भर करते हुए ग्रहण सूर्य या चंद्रमा का एक अनूठा, रोमांचक दृश्य प्रदान करते हैं. वास्तव में सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं: पूर्ण, वलयाकार, आंशिक, संकर. इस लिहाज से देखें तो दुनिया गुरुवार को एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने जा रही है, जो एक संकर सूर्य ग्रहण (Hybrid Sun Eclipse) होगा. यह तब होता है जब पूर्ण ग्रहण (Total Eclipse) और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण एक ही समय में होते हैं. एक ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी (Earth) और सूर्य (Sun) के बीच से गुजरता है, जिससे पृथ्वी की सतह पर छाया पड़ती है. द्रिक पंचांग के अनुसार 20 अप्रैल 2023 का ग्रहण 1.01 परिमाण का संकर सूर्य ग्रहण होगा, जिसका अर्थ है कि सबसे बड़े ग्रहण के समय चंद्रमा (Moon) की छाया से सूर्य पूरी तरह से छिप जाएगा. ग्रहण की पूर्णता की सबसे लंबी अवधि 1 मिनट 15 सेकंड होगी. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी. यह एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण है जो 100 साल में एक बार दिखता है. इसमें सूर्य ग्रहण के तीन अलग-अलग रूप दिखाई देते हैं.

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण पूर्ण ग्रहण से अलग कैसे
पूर्ण ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढंक लेता है. इसके उलट वलयाकार ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य को ढंक तो लेता है, लेकिन छोटा दिखाई देता है. इससे सौर वलय की रूपरेखा निकल जाती है और दुर्लभ संकर ग्रहण तब होता है जब दोनों एक ही समय में होते हैं. एक संकर सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ प्रकार का ग्रहण है, जो हर सौ साल में केवल कुछ ही बार होता है. नासा के अनुसार हाइब्रिड ग्रहण हमारी पृथ्वी ग्रह के वक्र के कारण कुंडलाकार से संर्पूण में स्थानांतरित होते हैं.  दूसरे शब्दों में कहें तो आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा सूर्य के छोटे से हिस्से में आकर उसकी रोशनी को बाधित करता है. कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के ठीक बीच में आकर उसकी रोशनी को रोकता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण में सूर्य के चारों ओर चमकती रोशनी का गोला बन जाता है, जिसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं. ऐसी स्थिति में पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाता है.

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हाइब्रिड सूर्य ग्रहण ऐसे देखें 
स्पेस डॉट कॉम (Space.com) के अनुसार टाइम एंड डेट डॉट कॉम (TimeAndDate.com) जैसे यू-ट्यूब चैनल पर सूर्य ग्रहण लाइवस्ट्रीम होगा, जबकि ग्रेविटी डिस्कवरी सेंटर एंड ऑब्जर्वेटरी 10 बजे पर लाइवस्ट्रीम करेगा. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ग्रहण 19 अप्रैल को रात 10:29 बजे से रात 10:35 ईडीटी तक (2:29 से 2:35 जीएमटी 20 अप्रैल), पूर्वी तिमोर में रात 11:19 बजे से रात 11:22 ईडीटी (3:19 से 3:22 जीएमटी) तक दिखाई देगा. इंडोनेशिया में 19 अप्रैल को रात 11:23 बजे से रात 11:58 बजे तक ईडीटी (3:23 से 3:58 जीएमटी 20 अप्रैल) को देखा जा सकता है.

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कहां दिखेगा दुर्लभ हाईब्रिड सूर्य ग्रहण 
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. हालांकि यह पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी तिमोर और पूर्वी इंडोनेशिया में दिखाई देगा. नासा के अनुसार 20 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में स्काईवॉचर्स एक संकर सूर्य ग्रहण देखने में सक्षम होंगे, क्योंकि यह खगौलीय घटना भारतीय और प्रशांत महासागरों के ऊपर से गुजरेगी. पठानी सामंत प्लेनेटेरियम के उप निदेशक डॉ सुभेंदु पटनायक के अनुसार 20 अप्रैल 2023 को एक संकर सूर्य ग्रहण होने जा रहा है. यह संकर ग्रहण अत्यंत दुर्लभ है. यह भारतीय समयानुसार सुबह 7.04 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा. दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों ज्यादातर हिंद महासागर में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस के लोग इस ग्रहण को देख सकते हैं. इसके अलावा यह सूर्य ग्रहण चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, सिंगापुर, थाइलैंड, कंबोडिया, अंटार्कटिका, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर भी दिखाई देगा. 

अगला संकर सूर्य ग्रहण कब होगा 
यह सूर्यग्रहण हर सदी में केवल कुछ ही बार होता है. स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, अगला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 2031 में और फिर उसके बाद 23 मार्च 2164 को पड़ेगा. स्पेस डॉट कॉम के अनुसार आखिरी हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 2013 में पड़ा था. अगला आंशिक सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को ओडिशा को छोड़ भारत में दिखाई देगा.