भारत-ओमान के बीच एक लाख करोड़ से ज्यादा का होता है व्यापार, फ्री ट्रेड डील से इन सेक्टर को होगा लाभ

PM Modi Oman Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को ओमान की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे. पीएम मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों को मजबूती मिलेगी. साथ ही व्यापार लाभ होने की भी उम्मीद है.

PM Modi Oman Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को ओमान की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे. पीएम मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों को मजबूती मिलेगी. साथ ही व्यापार लाभ होने की भी उम्मीद है.

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Suhel Khan
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पीएम मोदी की ओमान यात्रा से भारत को क्या होगा लाभ? Photograph: (X@NarendraModi)

PM Modi Oman Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत और ओमान के संबंधों को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार में भी तेजी आएगी. क्योंकि वर्तमान में भारत और ओमान के बीच एक लाख करोड़ रुपये का व्यापार होता है. लेकिन अब पीएम मोदी दोनों देशों के रिश्ते और व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने की कोशिश में हैं. पीएम मोदी की ये यात्रा दोनों देशों के बीच 70 साल के कूटनीतिक रिश्तों का भी जश्न है. साथ ही भविष्य के 'सशक्त भारत-ओमान' (India Oman CEPA 2025) की भी मजबूत नींव है.

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भारत-ओमान के बीच 10.5 अरब डॉलर का व्यापार

पीएम मोदी के इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) है, जो जल्द हकीकत में बदलेगा. बता दें कि भारत और ओमान के बीच आर्थिक संबंध सिर्फ तेल तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 10.5 अरब डॉलर यानी एक लाख करोड़ के पार चला गया. इसमें भारत का आयात 6.5 अरब डॉलर और निर्यात 4 अरब डॉलर से ज्यादा है. लेकिन अब ओमान अब खाड़ी क्षेत्र में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है. भारत ओमान से मुख्य रूप से पेट्रोलियम और यूरिया का आयात करता है. ओमान को मशीनरी, चावल और दवाओं की बड़ी खेप भेजता है.

भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा मुफ्त व्यापार समझौता

बता दें कि भारत और ओमान के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (CEPA) दोनों देशों के लिए व्यापारिक बाधाओं को खत्म करेगी और ये भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा. क्योंकि इससे सीमा शुल्क कम होने की वजह से भारतीय उत्पाद ओमान के बाजारों में अन्य देशों की तुलना में ज्यादा मात्रा में पहुंचेंगे. यही नहीं ओमान से भारत के लिए उर्वरक और हाइड्रोकार्बन का आयात आसान और सस्ता हो जाएगा. इसके अलावा ओमान भारतीय कंपनियों के लिए अफ्रीका और मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंच बनाने में भी मदद करेगा.

पीएम मोदी की यात्रा से इन सेक्टर को मिलेगी रफ्तार

प्रधानमंत्री मोदी की ओमान यात्रा से भारत के कई सेक्टर को रफ्तार मिलेगी. बता दें कि भारत का कपड़ा उद्योग दुनिया भर में अपनी गुणवत्ता के लिए पहचाना जाता है. वर्तमान में ओमान को होने वाले 60-70 मिलियन डॉलर का टेक्सटाइल निर्यात सीईपीए के बाद अधिक मात्रा में बढ़ने की उम्मीद है. बता दें कि ओमान में भारतीय रेडीमेड गारमेंट्स की भारी मांग है. जिससे इस सेक्टर को रफ्तार मिलेगी.

ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी मिलेगी गति

वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए भी ओमान एक उभरता हुआ बाजार बन गया है. जो भारतीय कारें और स्पेयर पार्ट्स के लिए अच्छा बाजार है. यही वजह है कि ओमान में भारत की कारों की भारी डिमांड है.  इसके अलावा दोनों देशों के बीच 'ग्रीन एनर्जी' और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भी तकनीकी साझेदारी के लिए भी सहमत हुई है.

दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और सुरक्षा

पीएम मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के बीच रक्षा और समुद्री सुरक्षा चर्चा भी एक प्रमुख विषय है. इसके साथ ही ओमान हिंद महासागर में शांति बनाए रखने के लिए भारत का सबसे पुराना और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार रहा है. साथ ही तकनीकी सहयोग, कृषि और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच नए समझौतों पर सहमति हुई है.

दोनों देशों के बीच FTA से क्या होगा फायदा?

बता दें कि भारत और ओमान के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के आर्थिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा. बता दें कि वर्तमान में भारत से ओमान जाने वाले कई उत्पादों पर आयात शुल्क देना होता है. लेकिन इस समझौते के बाद भारत के 90 प्रतिशत से ज्यादा उत्पाद ओमान के बाजार में 'ड्यूटी-फ्री' प्रवेश करेंगे. जिससे ओमान में भारतीय सामान सस्ता हो जाएगा और इससे डिमांड बढ़ेगी.

किन सेक्टर्स को मिलेगा सबसे ज्यादा लाभ

टेक्सटाइल और परिधान, इंजीनियरिंग और मशीनरी में ऑटो पार्ट्स, लोहे और स्टील का सामान, कृषि उत्पादों में चावल, मसाले और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, फार्मास्युटिकल्स सेक्टर, ऊर्जा और उर्वरक सुरक्षा को सबसे ज्यादा लाभ होगा. जबकि भारत को कच्चा तेल और एलएनजी की निर्बाध आपूर्ति मिलती रहेगी. इसके साथ ही भारत को ओमान से मिलने वाला यूरिया और उर्वरक यहां के किसानों को सस्ता मिलेगा.

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