Advertisment

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की 600 करोड़ रुपए की पुनर्विकास योजना आखिर है क्या...

महाकालेश्वर कॉरिडोर के पहले चरण का काम पूरा हो चुका है, जिस पर 350 करोड़ रुपए की लागत आई है. अब पीएम नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को इसका उद्घाटन करेंगे. जानते हैं कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की 600 करोड़ लागत वाली पुनर्विकास योजना आखिर है क्या!

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Ujjain

महाकालेश्वर मंदिर को दिया जा रहा है विस्तार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार योजना उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और उसके आसपास के इलाकों के विस्तार, सौंदर्यीकरण और पूरे क्षेत्र को भीड़-भाड़ से मुक्त कराने की महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत 2.82 एकड़ में फैले महाकालेश्वर मंदिर परिसर का दायरा  47 हेक्टेयर में फैलाने का है. इसका विकास दो चरणों में हो रहा है और इस काम को अंजाम दे रहा है उज्जैन (Ujjain) स्थानीय प्रशासन. इसमें 17 हेक्टेयर की रुद्रसागर झील भी शामिल है. एक अनुमान है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद उज्जैन में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो जाएगी. फिलहाल उज्जैन में 1.5 करोड़ लोग हर साल आते हैं. महाकाल (Mahakal) महाराज मंदिर परिसर विस्तार योजना के पूरी हो जाने पर यह संख्या बढ़कर 3 करोड़ हो जाएगी. 

मंदिर परिसर विस्तार योजना का पहला चरण
विस्तार योजना के पहले चरण का एक बड़ा पहलू विजिटर प्लाजा है. इसके नंदी द्वार और पिनाकी द्वार के रूप में दो प्रवेश द्वार होंगे. विजिटर प्लाजा में एक समय में 20 हजार श्रद्धालू समा सकेंगे. इसके बावजूद यहां भीड़-भाड़ न हो इसके लिए भी एक योजना के तहत काम हुआ है. इसके लिए शहर में कहां-कहां से श्रद्धालू आते हैं और उनका मंदिर में आवागमन किस तरह होता है को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार की गई. फिर तय किया गया कि शहर में प्रवेश के विभिन्न स्थानों पर वाहनों के लिए विकेंद्रित पार्किंग व्यवस्था दी जाए और उन्हें विस्तारित मंदिर क्षेत्र तक प्रवेश ही नहीं करने दिया जाए. एंट्री प्लाजा पर ही श्रद्धालुओं समेत पर्यटकों को टिकट मिल सकेगा. इसके साथ ही एक 900 मीटर लंबा पेडेस्ट्रियन कॉरिडोर तैयार किया गया, जो प्लाजा को महाकाल मंदिर से जोड़ता है. इस कॉरिडोर में 108 म्यूरेल और भगवान शिव से जुड़ी 93 मूर्तियों से सजाया-संवारा गया है. इनमें शिव विवाह, त्रिपुरासुर वध, शिव पुराण और शिव तांडव स्वरूप प्रमुख हैं. इसके अलावा पेडेस्ट्रियन कॉरिडोर पर ही 128 कंवीनियेंस प्वाइंट, खाने-पीने और दुकाने हैं. यहीं पर फूल वालों औऱ हैंडीक्राफ्ट स्टोर भी बनाए गए हैं. पहले चरण का काम पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन करने पीएम नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे हैं. मध्य प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग में इस महाकाल कॉरिडोर को महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा.

publive-image

यह भी पढ़ेंः  तो क्या शी जिनपिंग ही हैं वैश्विक स्तर पर चीन को लेकर बनी नकारात्मक राय की वजह...

योजना का दूसरा चरण क्या है
दूसरे चरण के तहत मंदिर के पूर्वी और उत्तरी हिस्से को विस्तार दिया जाएगा. इस चरण में भी 310.22 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसमें भी उज्जैन शहर के विभिन्न इलाकों का विकास किया जाएगा. इनमें भी महाराजवाड़ा, महल गेट, हरि पाठक पुल, रामघाट और बेगम बाग सड़क प्रमुख हैं. महाराजवाड़ा की इमारतों को नए सिरे से विकसित कर महाकाल मंदिर परिसर से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही एक हैरिटेज धर्मशाला और कुंभ संग्राहलय का निर्माण भी किया जाएगा. दूसरे चरण को एग्ने फ्रैकाय डि डेवलपमेंट की फंडिंग के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा. यहां रह रहे लोगों के पुनर्वास का काम जारी है. 

publive-image

इस परियोजना की अवधारणा कब बनी
महाकाल पुनर्विकास परियोजना फिलवक्त सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के बीच राजनीतिक रार का विषय बनी हुई है. उज्जैन में हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका श्रेय अपनी सरकार को दिया. उनके मुताबिक 2017 में 95 करोड़ रुपए की लागत से सरकार ने इस योजना पर विचार किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सूबे में 2018 में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया. इस बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान के दावे को खारिज करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कहते हैं कि अगस्त 2019 में उनकी सरकार में महाकाल मंदिर विस्तार का खाका खींचा गया और इसके लिए 300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. उन्होंने यह भी दावा किया कि समयबद्ध सीमा के अंदर ही परियोजना पूरी हो, इसके लिए तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल समिति भी बनाई गई थी. 

publive-image

यह भी पढ़ेंः भारतीयों को वीजा देने में अमेरिका कर रहा भेदभाव, दे रहा चीनी नागरिकों को तरजीह

महाकालेश्वर मंदिर का महत्व
महाकालेश्वर भगवान शिव को भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है काल जिसके वश में हो. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान ब्रह्मा ने कराया था. महाकालेश्वर मंदिर पवित्र क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है. अभिलेखों के मुताबिक मंदिर का महाकाल लिंग स्वयंभू है. इसके अलावा महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी है, जो देश में अन्यत्र कहीं नहीं है. भगवान शिव को जगाने के लिए मंदिर में पहली रस्म भस्म आरती की होती है. इसके तहते अग्नि रूपी भस्म से सुबह-सुबह उनका अभिषेक किया जाता है. महाकाल मंदिर की भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालू यहां पहुंचते हैं. वर्तमान मंदिर का निर्माण मराठा सेनापति रानोजी शिंदे ने 1734 ईसवीं में कराया था. देश को आजादी मिलने से पहले देवस्थान ट्रस्ट मंदिर की देखभाल किया करता था. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उज्जैन नगर निगम के हाथों इसका नियंत्रण आ गया. फिलवक्त उज्जैन का जिलाध्यक्ष कार्यालय मंदिर का प्रबंधन संभाल रहा है. 

HIGHLIGHTS

  • 2.82 एकड़ में फैले महाकालेश्वर मंदिर परिसर को 47 हेक्टेयर का विस्तार दिया जाएगा
  • पहले चरण का काम पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी 11 अक्टूबर को करेंगे
  • उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पुनर्विकास के बाद दोगुनी हो जाएगी पर्यटकों की संख्या
पीएम नरेंद्र मोदी उज्जैन महाकालेश्‍वर मंदिर भगवान शिव lord-shiva Mahakaleshwar Mandir Ujjain महाकाल Ujjain PM Narendra Modi Mahakal
Advertisment
Advertisment
Advertisment