INS Tushil: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक, सैन्य और सामरिक मोर्चे पर सुपरपावर बनने की राह पर है. हाल ही में जिस तरह से भारतीय सेना पावरफुल हुई है, उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है. अब इंडियन नेवी को एक और जंगी जहाज मिलने वाला है, जिसका नाम आईएनएस तुशिल (INS Tushil) है. मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइलों से लैस ये युद्धपोत 9 दिसंबर को रूस में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होगा. आईएनएस तुशिल इतना पावरफुल है कि चीन हिल जाएगा.
जरूर पढ़ें: India Bangladesh: भारत के साथ बढ़ता जा रहा तनाव? अब बांग्लादेश ने उठाया बड़ा कदम, सन्न रह गई दुनिया!
समारोह के चीफ गेस्ट होंगे राजनाथ
आईएनएस तुशिल को कमीशन किए जाने का कार्यक्रम रूस के कलिनिनग्राद (Kaliningrad) में आयोजित होगा. समारोह की अध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में करेंगे, जिसमें कई उच्च पदस्थ रूसी और भारतीय सरकारी और रक्षा अधिकारी उपस्थित होंगे. भारतीय नौसेना को ये जंगी जहाज मिलते ही उसकी सैन्य ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा. आईएनएस तुशिल को द प्रोटेक्टर शील्ड यानी रक्षक ढाल के रूप में बताया गया है, जो हर तरह से दुश्मनों की बैंड बजाने की क्षमता रखता है.
जरूर पढ़ें: Big News: मोदी सरकार की ये कैसी चाल? Azerbaijan ने पकड़ा माथा, India का ये कदम लाएगा भूचाल!
आईएनएस तुशिल की खूबियां
-
आईएनएस तुशिल युद्धपोत हाईली एडवांस्ड क्रिवाक III का युद्धपोत है. इसका निर्माण रूस के सेंट पीटर्सबर्ग स्थित बाल्टिस्की शिपयार्ड (Baltisky shipyard) हुआ है.
-
उन्नत स्वदेशी मिसाइलों और अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह युद्धपोत भारत की बढ़ती नौसेना शक्ति को दर्शाता है.
जरूर पढ़ें: Sheikh Hasina पर यूनुस सरकार ने कसा शिकंजा, ‘चुप कराने’ का किया पक्का इंतजाम! अब क्या करेंगी पूर्व PM?
-
इसमें कई स्वदेशी एंटी-शिप और लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ कई अन्य उपकरण लगे हैं, जो भारतीय नौसेना के शस्त्रागार को मजबूत करेगा.
-
तुशिल एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है रक्षक कवच. यही इस युद्धपोत का काम है दुश्मनों के खिलाफ रक्षा कवच के तौर पर काम करना.
जरूर पढ़ें: Drishti-10 Starliner: क्या है दृष्टि 10 स्टारलाइनर, जिसकी धमक से हिले China-PAK, सामने नहीं टिकता कोई!