Al Qaeda चीफ जवाहिरी को मारने वाले MQ-9 Reaper Drone लेगी भारतीय नेवी, जानें खास बातें
रीपर ड्रोन 2000 किमी की दूरी पर मौजूद दुश्मन को 482 किमी प्रति घंटे की स्पीड से निशाना बना सकता है. कॉमर्शियल प्लेन से भी ज्यादा ऊंचाई और इस गति से यह अत्याधुनिक रडार की पकड़ में भी नहीं आता.
highlights
- हवा से जमीन ही नहीं, बल्कि हवा से हवा में भी निशाना लगाने की क्षमता
- रीपर 2000 किमी की दूरी पर मौजूद दुश्मन को तबाह करने में सक्षम
- चीन-पाकिस्तान से तनाव के बीच मोदी सरकार भी ले रही प्रीडेटर-बी
नई दिल्ली:
2020 में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) को निशाना बनाने के बाद अमेरिका के प्रीडेटर-बी (Predator B) नाम से लोकप्रिय MQ-9 Reaper Drone ने अलकायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी (Ayman Al Zawahiri) को भी रविवार रात ढेर कर दिया. ऑपरेशन जवाहिरी में बेहद उन्नत स्टील्थ ड्रोन और खतरनाक मिसाइल R9X का इस्तेमाल किया गया. अमेरिका में विकसित प्रीडेटर-बी ड्रोन और आर9एक्स मिसाइल ऐसे खतरनाक हथियार हैं, जो पलक झपकते ही सटीक निशाना लगा दुश्मन को ढेर कर देते हैं. MQ-9 Reaper Drone को स्पीड और फायरपावर के लिए भी जाना जाता है. वजन की बात करें तो यह ड्रोन किसी अफ्रीकी हाथी के बराबर है. मोदी सरकार (Modi Government) भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से कई इलाकों में तनाव के बीच अमेरिका से इस खतरनाक स्टील्थ को खरीदने की तैयारी में है. इस रीपर ड्रोन को खासकर भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए खरीदा जाएगा. इसे स्टील्थ श्रेणी में इसलिए रखा जाता है कि आधुनिक से आधुनिक रडार भी इसे पकड़ नहीं पाता. रडार से बचाव में इसकी स्पीड और कॉमर्शियल प्लेन की भी ऊंचाई से कहीं ऊपर उड़ने की तकनीक काम आती हैं. जहां आम प्लेन 9 से 11 किमी ऊंचाई पर आसमान में उड़ान भरते हैं, रीपर ड्रोन 15 किमी की ऊंचाई पर उड़ता है.
गति और ऊंचाई बनाती है अजेय
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिकी वायुसेना के पास MQ-9 Reaper ड्रोन 93 के आसपास हैं. इस रीपर ड्रोन से एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलें दागी जा सकती हैं. इसके साथ ही जीबीयू-12 पेव-वे III और जीबी-38 सरीखे खतरनाक बम गिराए जा सकते हैं. इसकी क्षमता का अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि रीपर ड्रोन को 1850 किमी की दूरी से भी शत-प्रतिशत सटीकता के साथ ऑपरेट किया जा सकता है. एमक्यू-9 रीपर ड्रोन हवा में लंबे समय तक उडान भरने की क्षमता रखता है. यह 50,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर 1,150 मील की दूरी तय करने में सक्षम हैं. रीपर ड्रोन 2000 किमी की दूरी पर मौजूद दुश्मन को 482 किमी प्रति घंटे की स्पीड से निशाना बना सकता है. कॉमर्शियल प्लेन से भी ज्यादा ऊंचाई और इस गति से यह अत्याधुनिक रडार की पकड़ में भी नहीं आता. रीपर ड्रोन सटीक हमला करने के साथ-साथ खुफिया निगरानी, टोह लेने, एयर सपोर्ट बंद करने, बचाव अभियान, किसी काफिले पर नजर रखने की जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है. इसमें एक बार में इसमें 2,200 लीटर फ्यूल भरा जा सकता है.
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खतरनाक मिसाइलों-बमों से लैस
रीपर ड्रोन तेज हवाओं के बीच भी 1700 किलो वजन उठा सकते हैं. इसी खूबी के कारण इसे घातक फायर पॉवर यानी मिसाइलों और बमों से लैस किया गया है. रीपर ड्रोन चार लेजर गाइडेड मिसाइलों से लैस है. यह न सिर्फ हवा से जमीन, बल्कि हवा से हवा में भी निशाना लगाकर दुश्मन को ढेर कर सकता है. इस ड्रोन को खतरनाक काइनेटिक हेलफायर R9X मिसाइल से लैस किया गया है. इन मिसाइलों में जरा भी बारूद नहीं होता बल्कि इसकी ब्लेड्स पल भर में किसी की जान ले सकती हैं. जवाहिरी की जान भी इस मिसाइल के तलवार जैसी धार वाले ब्लेड्स ने ली. लेजर से लैस आर9एक्स मिसाइल जैसे ही लक्ष्य पर छोड़ी जाती हैं, उसका बचना नामुमकिन हो जाता है. सबसे बड़ी बात यह किसी भी रडार से खुद को छिपाने में सक्षम है. इस एक ड्रोन की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए है. अब मोदी सरकार इसे भारतीय नौसेना के लिए खरीदने की इच्छा रखती है, जिसके लिए बाइडन प्रशासन से बातचीत चल रही है. चीन के साथ तनाव की स्थिति में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अमेरिका के प्रीडेटर-बी ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय सेना को ड्रैगन की तुलना में एक कदम आगे लाकर खड़ा कर देगा. हालांकि बाइडन प्रशासन ने भारत से पहले फ्रांस को रीपर ड्रोन के पुर्जे बेचने का सौदा कर आपूर्ति शुरू कर दी है.
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