logo-image

भारत-बांग्लादेश नदी जल विवाद... कुशियारा जल संधि के यह हैं मायने

भारत और बांग्लादेश के बीच सालों से नदी जल विवाद चला आ रहा है. इस कड़ी में नई दिल्ली प्रवास के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच कुशियारा नदी जल संधि होने से अब इस विवाद के एक अध्याय का पटाक्षेप हो चुका है.

Updated on: 10 Sep 2022, 12:59 PM

highlights

  • गंगा नदी के पानी के बंटवारे पर संधि 1996 में हुई
  • तीस्ता नदी के जल बंटवारे पर कोई समझौता नहीं
  • अब कुशियारा जल संधि से तीस्ता पर उम्मीद जगी

नई दिल्ली:

भारत और बांग्लादेश दशकों से नदी जल बंटवारे को लेकर आमने-सामने रहे हैं. किसी भी विकासशील देश के लिए निर्बाध जलापूर्ति बेहद संवेदनशील मसला होता है. ऐसे में दोनों देश सीमा पार से आने वाली एक-दूसरे की नदियों के पानी के बंटवारे से जुड़े विवाद पर सालों से जूझ रहे थे. इस कड़ी में भारत के हालिया दौरे पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने अपने समकक्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से जल विवाद सुलझाने के लिए बातचीत की. खासकर तीस्ता नदी के पानी विवाद के समाधान की दिशा में सार्थक कदम उठाने का आग्रह किया. इस क्रम में शेख हसीना का प्रयास रंग लाया और भारत-बांग्लादेश के बीच कुशियारा नदी जल संधि हो गई. अब अगले कदम बतौर तीस्ता जल बंटवारे (Water Treaty) से जुड़े विवाद के समाधान का रास्ता साफ हो गया है. 

भारत-बांग्लादेश के नदी जल विवाद
भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी और गंगा नदी के पानी के बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. इन दोनों ही नदियों के पानी पर मछुआरों, किसानों और नाविकों की जिंदगियां टिकी हुई हैं. गंगा नदी का जल बंटवारा तो 35 सालों से विवादों के केंद्र में है. गंगा नदी का पानी बांग्लादेश जाता है और इसके बंटवारों को लेकर अब तक कई चरणों की बातचीत भी बेनतीजा रही है. हालांकि तत्कालीन भारतीय पीएम एचडी देवेगौड़ा और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने 1996 में एक समझौते पर दस्तखत किए. इस समझौते के तहत अगले 30 सालों तक गंगा नदी जल बंटवारा सुनिश्चित किया गया. हालांकि तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर कोई संधि नहीं हुई है, जो 1986 से दोनों देशों के बीच मतभेद और विवाद का एक अहम कारण बना हुआ है. हालांकि कुछ समय पहले एक संधि के जरिये दोनों देशों को कुछ फीसदी पानी देने पर सहमति बन गई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पीछे हट जाने से संधि परवान नहीं चढ़ सकी.

यह भी पढ़ेंः अगर जेल गया तो हो जाऊंगा और भी खतरनाक, इमरान खान की नई धमकी

अब कुशियारा जल संधि 
मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी और शेख हसीना ने कुशियारा जल संधि पर दस्तखत किए. 1996 में गंगा जल बंटवारे की संधि के बाद यह एक अहम समझौता हुआ है. इस संधि से भारत में दक्षिणी असम और बांग्लादेश के सिल्हट प्रखंड में रहने वाले लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा. कुशियारा नदी जल विवाद का पटाक्षेप होने के बाद दोनों देशों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही तीस्ता नदी के जल बंटवारे पर भी दोनों देशों के बीच सार्थक समझौता हो सकेगा.