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Imran Khan संसद के लिए अयोग्य ठहराए गए... अब क्या होगा पाकिस्तान में

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने पूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान पर तोशाखाना की संपत्ति को बेचने के आरोपों को सही पाते हुए उन्हें संसद से अयोग्य करार दे दिया है. इसके बाद नियाजी खान अब चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे.

Updated on: 22 Oct 2022, 05:07 PM

highlights

  • इमरान पर तोशाखाना की संपत्ति बेचने का आरोप सही पाया गया
  • अब इमरान खान के अयोग्य होने से उनकी सीट पर उपचुनाव होगा
  • हालांकि हालिया उपचुनाव में जीत ने उनकी लोकप्रियता और बढ़ाई

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के निर्वाचन आयोग ने पूर्व वजीर-ए-आजम इमरान खान की संसद सदस्यता रद्द कर दी है. संसद के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद नियाजी खान कोई चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे. इसके साथ ही पाकिस्तान की सियासत नए सिरे से गर्मा गई है. इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी को हाल ही हुए उपचुनाव में प्रचंड जीत हासिल हुई थी. इसका एक अर्थ यह भी निकलता है कि पाकिस्तान की आवाम में इमरान खान की लोकप्रियता का जादू बरकरार है. साथ ही आवाम उनके इस आरोप को भी सही मानती है कि विदेशी मदद से उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया था. यही वजह है कि इमरान खान लगातार आम चुनाव (General Elections) कराने की मांग उठाते आ रहे हैं.  

तो क्या यह बहुत बड़ी बात हो गई ?
बिल्कुल. जरा इन स्थितियों पर गौर फरमाएं, जवाब खुद-ब-खुद सामने होगा. 10 अप्रैल को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद इमरान खान को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था. तभी से वह शहबाज शरीफ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं. वह लगातार शहबाज शरीफ सरकार पर विभिन्न मसलों को लेकर हमलावर हैं. विगत 16 अक्टूबर को नेशनल असेंबली की आठ और पंजाब  की प्रांतीय विधानसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव हुए थे.  इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इन उपचुनाव में 6 नेशनल असेंबली और पंजाब की 2 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की. उपचुनाव के परिणाम इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि इमरान खान का आवाम में जादू बरकरार है. उनका वोट बैंक रत्ती भर भी नहीं दरका है. इसके साथ ही इस जीत ने उनके इस आरोप को भी पुष्ट करने का काम किया कि शहबाज शरीफ सरकार अवैध और आयातित है. यानी अमेरिका ने इमरान खान को पदच्युत करने के लिए ही शहबाज शरीफ की सरकार बनवाई थी. इसके बाद से इमरान खान लगातार तुरंत आम चुनाव कराने की मांग करते आ रहे हैं. उपचुनाव परिणाम बताते हैं कि उनकी लोकप्रियता भी बेदाग और अक्षुण्ण है. शहबाज शरीफ सरकार के लिए यह कम खतरे की घंटी नहीं है. ऐसे में इमरान खान को नेशनल असेंबली से अयोग्य ठहराना शहबाज शरीफ सरकार के लिए नया सिरदर्द साबित होगा.  

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इमरान को संसद से अयोग्य क्यों ठहराया गया ?
संक्षेप में कहें तो पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने बतौर वजीर-ए-आजम रहते हुए इमरान खान को विदेशी राष्ट्राध्यक्षों या अन्य गणमान्य लोगों से तोहफे में मिली चीजें बेचने का आरोप सही पाया. इसके बाद उन्हें संसद से अयोग्य करार दे दिया गया और चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया. पाकिस्तान में यह एक बड़ा घोटाला था, जिसे तोशाखाना घोटाला कहकर संबोधित किया जा रहा है. शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार के एक प्रमुख घटक पीएमएल (नवाज) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज इमरान खान को पाकिस्तान का पहला प्रमाणिक झूठा और प्रमाणिक चोर करार देती हैं, जिसे चोरी के अकाट्य साक्ष्यों के साथ संसद से अयोग्य करार दिया गया.

तोशाखाना होता क्या है और घोटाला किस चीज का हुआ ?
पाकिस्तान का तोशाखाना एक सरकारी महकमा है, जिसका 1974 में गठन हुआ था. इसका उद्देश्य पाकिस्तान के हुक्मरानों और सांसदों को विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और अन्य गणमान्य लोगों से मिले महंगे तोहफों को सुरक्षित रखना है. पाकिस्तान के सभी उच्चाधिकारियों और नेताओं पर तोशाखाना का नियम लागू होता है. इसके तहत उन्हें तोहफे में मिली महंगी वस्तुओं को तोशाखाना में जमा कर उसे सूचीबद्ध कराना होता है. हालांकि 2018 में सत्ता में आई इमरान खान सरकार ने इस नियम को नहीं माना. इमरान खान का तर्क था कि ऐसा करने से पाकिस्तान के अन्य देशों से संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है. सत्ता से बेदखल होने के कुछ महीनों बाद अगस्त में सत्तारुढ़ गठबंधन के कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली के स्पीकर राजा परवेज अशरफ से एक शिकायत की. इसमें कहा गया कि वजीर-ए-आजम रहते हुए इमरान खान ने तोशाखाना के तोहफों की सूची सावर्जनिक नहीं की. साथ ही इमरान सरकार उन तोहफों की बिक्री से अर्जित धनराशि का उल्लेख करने में भी पीछे रही. स्पीकर ने इस शिकायत को पाकिस्तान के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा के प्रेषित कर दिया. इमरान खान ने 8 सितंबर को निर्वाचन आयोग के नोटिस पर जवाब दाखिल किया. इसमें इमरान खान ने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने चार तोहफों को बेचा था. इन तोहफों में ग्राफ और रोलेक्स की कलाई घड़ी, कफ लिंक्स का जोड़ा, महंगा पेन और एक अंगूठी शामिल थी. इमरान ने निर्वाचन आयोग को बताया कि उन्होंने तोशाखाना से इन तोहफों को 21.56 मिलियन पाकिस्तानी रुपये में खरीदा था और इसे बेच कर 58 मिलियन पाकिस्तानी रुपये जुटाए.  

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इस पर पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने क्या कहा
अखबार डॉन ने पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग के आदेश के कुछ अंशों के हवाले से लिखा कि आयोग ने  पाया कि इमरान खान ने जान-बूझकर निर्वाचन अधिनियम 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. इसके साथ ही इमरान ने सन् 2020-21 के लिए आयोग के समक्ष दाखिल की गईं संपत्ति और देनदारियों के संदर्भ में भी गलत बयानी और घोषणाएं कीं. ऐसे में इमरान खान को संविधान के अनुच्छेद 63(1)(पी) और निर्वाचन अधिनियमों के तहत संसद से अयोग्य करार दिया जाता है. पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63(1)(पी) के तहत किसी शख्स को निश्चित समय के लिए चुनाव लड़ने या मजलिस-ए-शूरा (संसद) या प्रांतीय विधानसभा से अयोग्य करार दिया जा सकता है. 

इसके परिणामस्वरूप अब क्या होगा
फिलवक्त तो निर्वाचन आयोग का पूरा आदेश जारी नहीं होने से सत्ता और विपक्ष दोनों में ही रोष और भ्रम का माहौल है. इमरान खान की पार्टी के प्रवक्ता और वकीलों का कहना है कि पूरा आदेश प्राप्त होते ही वह इस्लामाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. हालांकि इमरान को अयोग्य ठहराए जाने का मतलब यह है कि अब उनकी सीट पर उपचुनाव होगा. ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि नेशनल असेंबली के इस कार्यकाल के अंत तक इमरान खान के चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई जा सकती है.