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श्रीलंका में Emergency: राजपक्षे भागे- कोलंबो में संसद मार्च, पूरा हाल

श्रीलंका में प्रमुख विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया (SJB) के प्रमुख नेता सजित प्रेमदासा फिलहाल अंतरिम राष्ट्रपति बनाए गए हैं. SJB ने सोमवार को निर्विवादित रूप से प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति के पद के लिए नामांकित किया था.

Updated on: 13 Jul 2022, 02:33 PM

highlights

  • राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे आज श्रीलंका से भाग कर मालदीव पहुंच गए
  • प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने फिर से आपातकाल लागू कर दिया है
  • साजित प्रेमदासा ने कहा कि वह अर्थव्यवस्था निर्माण के लिए तैयार हैं

नई दिल्ली:

आर्थिक तौर पर दिवालिया श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ( President Gotabaya Rajapaksa) भाग कर मालदीव पहुंच गए हैं. उनके देश छोड़कर भागने के बाद श्रीलंका में गुस्साए लोगों ने राजधानी कोलंबो में संसद भवन की ओर कूच कर दिया. लगभग सभी शहरों की सड़क प्रदर्शनकारियों से भरी पड़ी है. उग्र प्रदर्शन कर रहे लोगों के उत्पात को देखकर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश में फिर से आपातकाल ( Emergency) लागू कर दिया है. वहीं जल्द ही संसद में अंतरिम राष्ट्रपति के नाम के ऐलान होने की जानकारी दी.

संसद मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई है. उपद्रव कर रहे लोग आपस में भी भिड़ने लगे हैं. अराजकता के दौरान कई लोगों के घायल होने की खबर आ रही है. श्रीलंका संकट के बीच मिल रहे अपडेट्स के मुताबिक श्रीलंकाई सेना ने संसद भवन और प्रधानमंत्री आवास का घेराव कर रहे अपने नागरिकों के सामने हथियार नीचे कर दिए हैं. आइए, श्रीलंका के ताजा हालातों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.

साजित प्रेमदासा हो सकते हैं नए राष्ट्रपति

श्रीलंका में प्रमुख विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया (SJB) के प्रमुख नेता सजित प्रेमदासा फिलहाल अंतरिम राष्ट्रपति बनाए गए हैं. SJB ने सोमवार को निर्विवादित रूप से प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति के पद के लिए नामांकित किया था. श्रीलंका में 20 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है. इसके लिए 15 जुलाई को संसद का सत्र बुलाया जाएगा. इस सत्र में ही प्रेमदासा को लेकर बाकी संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी की जाएगी. साजित प्रेमदासा ने कहा कि वह मातृभूमि की रक्षा और देश की अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए तैयार हैं. एसजेबी के पास संसद में करीब 50 सांसद हैं. चुनाव जीतने के लिए उन्हें 113 सांसदों के समर्थन की जरूरत है.

कैसे श्रीलंका छोड़कर निकले गोटाबाया

श्रीलंकाई एयरफोर्स मीडिया डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, फर्स्ट लेडी और दो बॉडीगार्ड्स को मालदीव जाने के लिए 13 जुलाई की सुबह एयरफोर्स का एक एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराया गया था. रक्षा मंत्रालय ने उन सबके इमीग्रेशन, कस्टम और बाकी कानूनों को लेकर पूरी अनुमति दी थी. गोटाबाया 8 जुलाई के बाद से ही राजधानी कोलंबो में नहीं दिख रहे थे. वह 12 जुलाई मगलवार को नौसेना के जहाज से बाहर भागने की फिराक में थे, लेकिन पोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पासपोर्ट पर सील लगाने के लिए VIP सुईट में जाने से इनकार कर दिया था. 

गोटाबाया भागे या भगाए गए की चर्चा तेज

राजपक्षे ने जोर दिया था कि देशभर में चल रहे विरोध की वजह से दूसरी सार्वजनिक सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, लेकिन अफसर नहीं माने थे.
गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा देने से पहले शर्त रखी थी कि उन्हें देश से बाहर जाने दिया जाए. इसके कुछ घंटे बाद ही उनके देश छोड़कर भागने की सूचना बाहर आ गई. इसके बाद गोटबाया राजपक्षे भागे या भगाए गए की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. राजपक्षे ने 12 जुलाई को अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया था. यह इस्तीफा 13 जुलाई को संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाना था. 

राजपक्षे को अमेरिका ने क्यों नहीं दी शरण

इसके बाद गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर अमेरिका भागने की तैयारी कर रहे थे. हालांकि अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया. राजपक्षे के पास पहले अमेरिका की नागरिकता भी थी. श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव 2019 के लिए गोटाबाया ने नियमों के मुताबिक वहां की नागरिकता छोड़ दी थी. श्रीलंका के संविधान में सिंगल सिटीजनशिप का प्रवाधान है. वहां दोहरी नागरिकता वाले व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर संवेधानिक रोक है. इसलिए अब अमेरिका मे राजपक्षे को अपने यहां आने की इजाजत नहीं दी.

गोटाबाया के भाई के भागने की कोशिश नाकाम

गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद और श्रीलंका छोड़कर भागने के बाद उनके परिवार वालों के लिए सुरक्षा का सवाल खड़ा हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक उनके भाई और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे भी बाहर भागने की फिराक में थे, लेकिन एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन स्टॉफ के विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा. बासिल ने अमेरिका जाने के लिए 1.13 करोड़ श्रीलंकाई रुपए में बिजनेस क्लास के चार टिकट किए थे. दूसरी श्रीलंका की जनता भुखमरी से जूझ रही है. आम लोग दाने-दाने को मुहताज हैं. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन में खुफिया रास्ता और बंकर होने का दावा भी किया था.

श्रीलंकाई नौसैनिकों को भारतीय मछुआरों का सहारा

बदहाल श्रीलंका में भुखमरी, कुपोषण और चरम पर पहुंची महंगाई से स्थति बहुत दयनीय हो गई है. ऐसे नाजुक वक्त में भारत सरकार लगातार अपना पड़ोसी धर्म निभा रही है. इसके अलावा तमिलनाडु के मछुआरे भी श्रीलंकाई नौसेनिकों के खाना-पीना, कपड़े और दवाइयों तक का इंतजाम कर रहे हैं. कभी श्रीलंकाई नौसैनिकों से त्रस्त रहे मछुआरे आज कई सप्ताह से उनका इमोशनल सपोर्ट भी कर रहे हैं.

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श्रीलंका संकट की टाइमलाइन ?

15 मार्च 2022 : राजपक्षे परिवार के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का विद्रोह शुरू. इसके बाद श्रीलंका की सरकार ने खाद्य वस्तुओं पर इमरजेंसी लगा दी.
2 अप्रैल 2022 : राष्ट्रपति आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन. श्रीलंका में पूरी तरह आपातकाल लागू. 5 दिन में ही आपातकाल हटाया गया.
4 अप्रैल 2022 : श्रीलंका में बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए 26 मंत्रियों ने एक साथ इस्तीफा दिया. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल भी इनमें शामिल थे.
6 मई 2022 :  श्रीलंका में लोगों का विरोध प्रदर्शन उग्र हुआ. कई जगह पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प. दोबारा आपातकाल लगाया गया.
9 मई 2022 :  भारी विरोध प्रदर्शन के बाद महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. रानिल विक्रमसिंघे नए प्रधानमंत्री बनाए गए.
5 जुलाई 2022 : प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के दिवालिया होने की घोषणा की. इसके बाद प्रदर्शनकारी फिर से उग्र और हिंसक हो गए.
9 जुलाई 2022 : प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो के गल्सा हिल्स (राष्ट्रपति भवन) पर कब्जा कर लिया. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भाग खड़े हुए.
12 जुलाई 2022 :  राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके भाई की परिवार समेत भागने की कोशिश नाकाम हुई.
13 जुलाई 2022 : राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका से भागकर मालदीव पहुंचे.