Bengal Babri Controversy: क्या बंगाल बाबरी मस्जिद का है पाकिस्तान कनेक्शन, जानें क्यों उठा सवाल?

Bengal Babri Controversy: क्या पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की प्रयोगशाला पाकिस्तान है. आइए जानते हैं कि आखिर बाबर शैली वाली इस बाबरी मस्जित को लेकर क्यों पाकिस्तान कनेक्शन की बात कही जा रही है.

Bengal Babri Controversy: क्या पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की प्रयोगशाला पाकिस्तान है. आइए जानते हैं कि आखिर बाबर शैली वाली इस बाबरी मस्जित को लेकर क्यों पाकिस्तान कनेक्शन की बात कही जा रही है.

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Dheeraj Sharma
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Babri Pakistan Connection

Bengal Babri Controversy: बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद से जुड़ा विवाद किसी से छिपा नहीं है. 6 दिसंबर को इसकी नींव रखे जाने से पहले ही इसको लेकर कई बातें सामने आ चुकी हैं. वहीं एक बार फिर इस बाबरी का कनेक्शन  अब सीमा पार पाकिस्तान से निकाला जा रहा है. दरअसल पाकिस्तान से कनेक्शन के पीछे भी बड़ी वजह है. क्योंकि इसकी शुरुआत पाकिस्तान की संसद से हुई है. आइए जानते हैं कैसे पाकिस्तान लगातार बाबरी को लेकर बयानबाजी करता रहा है. 

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पाकिस्तानी संसद से हुई शुरुआत

बता दें कि बंगाल बाबरी मस्जिद चर्चा की शुरुआत पाकिस्तान की संसद में दिए गए एक विवादित बयान से हुई, जिसमें पाकिस्तानी सांसद पलवशा मोहम्मद जई खान ने  'नई बाबरी मस्जिद की नींव रखने' संबंधी टिप्पणी की थी. इस बयान में उन्होंने कहा था कि जल्द ही बाबरी की नींव रखी जाएगी और आसिम मुनीर पहली अजान पड़ेंगे. उनका यह बयान भारत में राजनीतिक व सामाजिक हलकों में व्यापक रूप से चर्चा का विषय बना. कई लोग इसे उकसावे की कोशिश मानते हैं, जबकि कुछ इसे सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी करार देते हैं. 

हुमायूं कबीर का शिलान्यास कार्यक्रम से उभरा विवाद

इस विवाद के बीच ही पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर की ओर से एक मस्जिद के शिलान्यास ने विवाद को और तेज कर दिया. कार्यक्रम को बाबरी शैली की मस्जिद के रूप में प्रस्तुत किए जाने के बाद राजनीतिक बहस और तीखी हो गई. 

बड़ी संख्या में हुमायूं कबीर के समर्थक हुए शामिल

हुमायूं कबीर के समर्थकों की बड़ी संख्या समारोह में शामिल हुई. कई लोग धार्मिक नारों के साथ जुलूस में पहुंचे, कुछ अपने सिर पर ईंट उठाए हुए दिखाई दिए. कार्यक्रम की तैयारियों में बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई थी खानपान, सुरक्षा और जनसुविधाओं पर लाखों रुपये खर्च किए गए. 

टीएमसी ने जताई नाराजगी, प्रशासन ने बनाए रखी स्थिति पर नजर

सत्ताधारी टीएमसी ने हुमायूं कबीर की गतिविधियों को पार्टी लाइन के विपरीत बताते हुए पहले ही उन्हें निष्कासित कर दिया था. पार्टी ने इस आयोजन को अनुचित और गैर-जिम्मेदाराना बताया, जबकि हुमायूं कबीर का कहना है कि पूरा आयोजन कोर्ट और पुलिस की अनुमति के दायरे में किया गया.

उन्होंने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि पुलिस प्रशासन ने शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सहयोग दिया है और कार्यक्रम में तीन लाख लोगों के जुटने की संभावना जताई.

अयोध्या बाबरी मस्जिद पर भी पाकिस्तान का बयान

बता दें कि 6 दिसंबर से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से भी अयोध्या बाबरी मस्जिद पर बड़ा बयान जारी किया गया. पाकिस्तान ने मस्जिद गिराए जाने को दुखद घटना बताया. पाकिस्तान ने कहा कि बाबरी मस्जिद जैसी हैरिटेज साइट की रक्षा की जानी चाहिए थी जो उस वक्त की सरकार और पुलिस की ओर से नहीं किया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने मस्जिद गिराए जाने के 33 साल पूरे ने पर सवाल किया और कहा कि ऐसी धार्मिक विरासत और पवित्र जगहों की रक्षा करना विश्व समुदाय की साझा जिम्मेदारी है. 

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