Corona के बाद जानलेवा हुआ H3N2 Virus; 2 की मौत सैकड़ा भर चपेट में, जानें लक्षण और बचाव

इससे बचाव से जुड़ी कुछ सावधानियों में सालाना फ्लू का टीका लगवाना और नियमित रूप से हाथ धोना शामिल है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
H3N2

एच3एन2वी एक गैर मानव जनित इन्फ्लूएंजा वायरस है.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

भारत में हरियाणा और कर्नाटक में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस से पहली दो मौतें दर्ज की गई हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि कर्नाटक के पीड़ित व्यक्ति को बुखार, गले में खराश और खांसी थी और उसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लक्षण थे. हसन जिले के अलुर तालुक के 82 वर्षीय व्यक्ति को 24 फरवरी को हसन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई थी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भारत में अब तक H3N2 वायरस के 90 से अधिक मामले सामने आए हैं. देश में फ्लू जैसे वायरस के बढ़ते मामले चिंता का सबब बनते जा रहे हैं.

Advertisment

H3N2 वायरस आखिर है क्या
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार एच3एन2वी एक गैर मानव जनित इन्फ्लूएंजा वायरस है जो सामान्य रूप से सूअरों में फैलता है. हालांकि इसने इंसानों को भी संक्रमित किया है, जिसे 'स्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस' के रूप में जाना जाता है. जब ये वायरस इंसानों को संक्रमित करते हैं, तो उन्हें 'वैरिएंट' वायरस कहा जाता है. सीडीसी के मुताबिक इंसानों में विशिष्ट एच3एन2 वैरिएंट वायरस की पहली बार पहचान 2011 में हुई थी, जिसमें एवियन, स्वाइन और मानव वायरस के जीन थे. इसमें 2009 एच1एन1 महामारी वायरस एम जीन भी पाया गया था.

यह भी पढ़ेंः  H3N2 Influenza: फ्लू होने पर खुद से न लें कोई दवा, भारी पड़ सकती हैं ये गलतियां

H3N2 के क्या लक्षण हैं?
लक्षणों में बुखार, सांस संबंधी समस्याएं जैसे खांसी और लगातार नाक बहना. इसके साथ ही शरीर में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी या दस्त सहित अन्य लक्षण शामिल हैं. ये लक्षण आमतौर पर लगभग एक सप्ताह तक रह सकते हैं. हालांकि कुछ लोगों में इन्हें लंबे समय तक भी देखा गया है.

उपचार और रोकथाम
H3N2 वायरस से पीड़ित लोगों को दवा लेने की सलाह दी जा रही है, जो डॉक्टर की राय के आधार पर ही होनी चाहिए. हाल फिलहाल इसके लिए ओसेल्टामिविर, जेनामिविर, पेरामिविर और बालोक्साविर दवा डॉक्टर लिख रहे हैं. इससे बचाव से जुड़ी कुछ सावधानियों में सालाना फ्लू का टीका लगवाना और नियमित रूप से हाथ धोना शामिल है. विशेष रूप से टॉयलेट का उपयोग करने के बाद, भोजन करने से पहले और अपने चेहरे, नाक या मुंह को छूने से पहले. लोगों को भी भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए और बीमार लोगों के साथ बातचीत सीमित करनी चाहिए. इस फ्लू के मामले में बुखार कम होने के बाद भी लोगों को 24 घंटे तक घर पर रहने की सलाह दी जाती है.

यह भी पढ़ेंः Heat Wave Alert: केरल में गर्मी ने मचाया कहर, मार्च में पारा पहुंचा 54 डिग्री के पार, स्कूलों की छुट्टी

कौन अधिक जोखिम में है?
सीडीसी के अनुसार पांच साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल और उससे अधिक उम्र के लोग, गर्भवती महिलाएं ज्यादा जोखिम में हैं. इसके अलावा लंबी बीमारियों मसलन अस्थमा, मधुमेह, हृदय रोग, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग भी सावधानी बरतें. न्यूरोलॉजिकल या न्यूरोडेवलपमेंटल स्थितियों में भी लोगों को इससे संक्रमित देखा गया है. अगर उक्त लोगों को यह वायरस चपेट में लेता है, तो उनके लिए जोखिम की आशंका बढ़ जाती है.

HIGHLIGHTS

  • होली के बाद बढ़ रहे हैं H3N2 वायरस संक्रमण से जुड़े मामले
  • एच3एन2 वैरिएंट वायरस की पहली बार पहचान 2011 में हुई
  • बुखार कम होने के बाद भी पीड़ित 24 घंटों तक घर पर रहें
Influenza H3N2 covid-19 कोरोना संक्रमण फ्लू H3N2 Influenza Virus इंफ्लूएंजा वायरस व्हाट्सएप 32 उपयोगकर्ता वीडियो कॉल Corona News Cases corona-virus कोविड-19 H3N2
      
Advertisment