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YogiRaj 2.0 : मिशन 2024 मोड में रहेंगे CM योगी के टॉप 8 प्रोफेशनल मंत्री

साल 2024 को ध्यान में रखकर योगी सरकार के प्रोफेशनल मंत्रियों पर खास जिम्मेदारी है कि वह दो साल में केंद्र और राज्य की लोककल्याणकारी योजनाओं पर तेज अमल करवाएं.

Updated on: 26 Mar 2022, 03:05 PM

highlights

  • जातिगत समीकरणों के अलावा शैक्षणिक पृष्ठभूमि और एक्सपर्ट को भी प्राथमिकता
  • योगी सरकार में पूर्व ब्यूरोक्रेट्स के साथ डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए और वकील शामिल 
  • साल 2024 को ध्यान में रखकर योगी सरकार के पेशेवर मंत्रियों पर खास जिम्मेदारी है

New Delhi:

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath) ने दूसरी बार शपथ ग्रहण के साथ ही फिर से दमदार तरीके से सरकार चलाने की शुरुआत कर दी है. योगी सरकार वर्जन 2.0 में बीजेपी और सहयोगी दलों के नवनिर्वाचित 52 विधायकों ने मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली. इनमें 18 कैबिनेट, 12 स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्य मंत्री बनाए गए. सभी मंत्रियों ने शनिवार को सरकार की पहली परिचय बैठक में शिरकत की. पहले ही चर्चा हो रही थी कि योगी सरकार पर केंद्र के मोदी कैबिनेट की छाप साफ दिखेगी. इसके मुताबिक मंत्रिमंडल में आठ प्रोफेशनल ( Top 8 Professional Ministers ) भी शामिल हैं.

पीएम मोदी की कैबिनेट की तरह योगी सरकार में पूर्व ब्यूरोक्रेट्स के अलावा डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए और वकील भी शामिल हैं. इनमें बृजेश पाठक डिप्टी सीएम, बेबी रानी मौर्य, जितिन प्रसाद और अरविंद कुमार शर्मा कैबिनेट मंत्री, पूर्व आईपीएस असीम अरुण, दयाशंकर मिश्र दयालु राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार, जबकि अजीत पाल सिंह और दानिश आजाद को राज्य मंत्री बनाया गया है. इसमें जातिगत समीकरणों के अलावा शैक्षणिक पृष्ठभूमि और एक्सपर्ट को भी प्राथमिकता दी गई. इसका खास मकसद लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने की रणनीति है.

लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करना मकसद

साल 2024 को ध्यान में रखकर योगी सरकार के प्रोफेशनल मंत्रियों पर खास जिम्मेदारी है कि वह दो साल में केंद्र और राज्य की लोककल्याणकारी योजनाओं पर तेज अमल करवाएं. इसके अलावा विभिन्न जातीय और राजनीतिक समीकरणों को साध कर प्रदेश में मोदी सरकार के लिए सकारात्मक माहौल का निर्माण करें. आइए जानते हैं कि योगी राज 2.0 में अपने क्षेत्र के किन माहिर पेशेवरों को मंत्री बनाया गया है.

1. बृजेश पाठक - उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बृजेश पाठक डिप्टी सीएम बने हैं. पाठक लगभग दो दशक से राजनीति में सक्रिय हैं. इससे पहले वह बीएसपी में थे. 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह बीजेपी में शामिल हुए थे. वह एक प्रोफेशनल वकील भी हैं. जातिगत मापदंड पर भी फिट बैठ रहे हैं. पिछली योगी सरकार में भी वह कैबिनेट मंत्री थे.

2. बेबी रानी मौर्य - लगभग दो दशक से बीजेपी में सक्रिय बेबी रानी मौर्य पहले उत्तराखंड की राज्यपाल थीं. उन्हें राज्यपाल के पद से हटाकर यूपी की राजनीति में सक्रिय किया गया है. वह साल 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं. उन्होंने उच्च शिक्षा में बीएड, एमए की डिग्री भी हासिल की हुई है. जातिगत और शैक्षणिक बैकग्राउंड के मापदंडों पर भी वह खरी उतरी हैं. योगी सरकार में इन्ही तमाम वजहों से उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

3. जितिन प्रसाद - कांग्रेस में कभी राहुल गांधी के बेहद करीब रहे जितिन प्रसाद प्रदेश के बड़े ब्राह्मण चेहरा के तौर पर भी देखे जाते हैं. उनके पिता भी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे. एमबीए डिग्री वाले जितिन प्रसाद यूपीए सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें यूपी सरकार में मंत्री बनाया गया था. एक बाद फिर उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

4. अरविंद कुमार शर्मा - 1988 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी रहे अरविंद कुमार शर्मा को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. 2001 में गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से लेकर 2014 तक शर्मा उनके सेक्रेटरी थे. 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एके शर्मा भी केंद्र में आ गए. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में भी अपनी सेवाएं दी हैं.

मऊ जिले के रहने वाले अरविंद कुमार शर्मा बीते लगभग 20 साल से पीएम नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद लोगों में शामिल हैं. पिछले साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी. उन्हें पहले एमएलसी बनाया गया. जून 2021 में उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया गया. उस दौरान यह चर्चा तेज थी कि चुनाव से पहले उनको कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

5. असीम अरुण - 51 साल के अरुण को तेजतर्रार पुलिस अधिकारी माना जाता रहा है. कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर भारतीय पुलिस सेवा के सीनियर अधिकारी असीम अरुण ने NSG से कमांडो ट्रेनिंग भी ले रखी है. 1994 बैच के IPS अधिकारी असीम अरुण पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की SPG सुरक्षा में भी शामिल थे. उन्हें योगी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है. बतौर पेशेवर असीम अरुण के पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है. दूसरी ओर जातिगत समीकरण में वह दलित समाज से आते हैं.

6. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’- गाजीपुर के सिधौना के रहने वाले दयाशंकर मिश्र ने वाराणसी से बीएससी, एमएससी करने के बाद बॉटनी में पीएचडी की. डीएवी कॉलेज में प्राचार्य रहने के बाद उन्होंने कांग्रेस से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की. साल 2014 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है.

7. अजीत पाल सिंह - कानपुर देहात की सिकंदरा सीट से विधायक अजीत पाल सिंह को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री बनाया गया है. उनकी शुरुआती पढ़ाई कानपुर से हुई. इसके बाद उन्होंने रूस जाकर बीटेक, एमटेक और एमबीए किया. हैदराबाद में तीन साल तक केमिकल इंजीनियर के तौर पर नौकरी की. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया जाकर उन्होंने 10 साल तक काम किया. उनके पेशेवर अनुभव का फायदा योगी सरकार को मिलेगा.

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8. दानिश आजाद - योगी आदित्यनाथ की सरकार में दानिश आजाद इकलौते मुस्लिम मंत्री बनाए गए हैं. 32 साल के दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं. इन्होंने 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वॉलिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स किया. जनवरी 2011 में बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए थे. उसके बाद बीजेपी युवा मोर्चा में काम किया.