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मोदी कैबिनेट की तरह हो सकता है योगी मंत्रिमंडल, इन्हें जगह देने की कोशिश 

माना जा रहा है कि प्रदेश में दूसरे कार्यकाल को लेकर नए मंत्रिमंडल पर चर्चा शुरू हो गई है. इसे नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल की तरह गठित किया जा सकता है.

Updated on: 17 Mar 2022, 11:18 AM

highlights

  • योगी आदित्यनाथ की सरकार में नौकरशाही से आने वाले कई चेहरे शामिल हो सकते हैं
  • इसे नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल की तरह गठित किया जा सकता है

लखनऊ:

भाजपा अभी से लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha election 2024) की तैयारियों में लग गई है. योगी सरकार (Yogi Government)  के मंत्रीमंडल में इसका असर देखा जा सकता है. माना जा रहा है कि प्रदेश में दूसरे कार्यकाल को लेकर नए मंत्रिमंडल पर चर्चा शुरू हो गई है. इसे नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के मंत्रिमंडल की तरह गठित किया जा सकता है. ऐसा कहा जा रहा है कि इसके मद्देनजर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार में नौकरशाही से आने वाले कई चेहरे शामिल हो सकते हैं. नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, हरदीप सिंह पुरी, आरसीपी सिंह और जनरल वीके सिंह जैसे मंत्री अलग-अलग सेवाओं से जुड़े हुए हैं.  

इसी तरह योगी आदित्यनाथ की सरकार में नौकरशाही के चेहरों को शामिल करने की कवायद हो रही है. इनमें नौकरशाही से राजनीति में आने वाले एमएलसी अरविंद शर्मा, चुनाव जीतकर आने वाले पूर्व एडीजी असीम अरुण तथा ईडी के पूर्व अधिकारी राजेश्वर सिंह शामिल हैं.

इसके साथ मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का खास ख्याल रखा जाएगा. चुनाव के बाद कहा गया था कि भाजपा की जीत में साइलेंट मतदाता खासतौर पर महिला मतदाताओं का बड़ा योगदान होगा. आगामी लोकसभा चुनाव का खास ख्याल रखते हुए प्रदेश की महिलाओं को अपने पक्ष में बनाए रखने की कोशिश भाजपा की ओर से होगी. इसके लिए योगी सरकार के मंत्रिमंडल में महिला मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.

विधानसभा चुनाव को भाजपा ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लड़ा था. सपा पर हमला बोलते हुए भाजपा के नेता अक्सर उस पर अपराधियों को संरक्षण देने वाली पार्टी का आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि पार्टी की स्वच्छ छवि को बरकरार रखा जाएगा. इसके लिए दागी विधायकों को मंत्रिमंडल से दूर रखने की कोशिश होगी. उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि दलित वोटरों को साधने के लिए बेबीरानी मौर्य को डेप्टि सीएम बनाया जा सकता है. इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)  से आने वाले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है.