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वर्ल्ड डायबिटीज डे : भारत में 7 करोड़ 40 लाख लोग हैं डायबिटीज से पीड़ित, सिर्फ चीन से हैं पीछे

विश्व मधुमेह दिवस से पहले इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन (IDF) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि पूरी दुनिया में 537 मिलियन यानी 53 करोड़ 70 लाख लोग डायबिटीज से पीड़ित है जिन्हें इलाज की जरूरत है.

Updated on: 14 Nov 2021, 07:10 AM

highlights

  • दुनिया में 53 करोड़ 70 लाख लोग डायबिटीज से पीड़ित
  • पिछले कुछ समय में इसकी संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
  • भारत में 12 वयस्कों में से एक मधुमेह से पीड़ित हैं  

नई दिल्ली:

विश्व मधुमेह दिवस से पहले इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन (IDF) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि पूरी दुनिया में 537 मिलियन यानी 53 करोड़ 70 लाख लोग डायबिटीज से पीड़ित है जिन्हें इलाज की जरूरत है. पिछले कुछ समय में इसकी संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है. आईडीएफ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 74 मिलियन व्यस्क मधुमेह से पीड़ित हैं यानी भारत में 12 वयस्कों में से एक मधुमेह से पीड़ित है. इसके अलावा भारत में 40 मिलियन वयस्कों में ग्लूकोज टॉलरेंस (IGT) की समस्या पाई गई है जो उन्हें टाइप-2 मधुमेह के विकास के उच्च जोखिम की श्रेणी में डालता है.

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रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान है कि भारत में 74 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित हैं यानी कि 12 वयस्कों में से एक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं. यह दुनिया भर में मधुमेह से पीड़ित लोगों के मामले में भारत को चीन (141 मिलियन) से ठीक पीछे दूसरे स्थान पर ले जाता है. भारत में मधुमेह से पीड़ित कुल आबादी में से लगभग आधी (53.1%) का डायग्नोज नहीं हो पाया है, जिससे उनके समय पर उपचार मिलने की संभावना कम हो जाती है. यदि मधुमेह का पता नहीं चल पाता है या उसका इलाज ठीक से नहीं किया जाता है जो बाद में जान के लिए खतरा भी बन जाता है. सही समय पर पता नहीं चलने से दिल का दौरा, स्ट्रोक, गुर्दे की विफलता, अंधापन और शरीर के निचले अंगों में समस्या उत्पन्न हो जाती है. 

आईडीएफ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के अध्यक्ष प्रोफेसर शशांक जोशी ने कहा, देश में बड़ी संख्या में मधुमेह से पीड़ित लोगों की सही समय पर पहचान और उपचार की आवश्यकता है. मधुमेह से पीड़ित और इसके जोखिम वाले लोगों की बढ़ती संख्या भारत के लिए चिंता का विषय है. भारत सहित दुनियाभर में मधुमेह एक चुनौती बन चुका है. इस समस्या को दूर करने के लिए हम सभी को सतर्क रहना होगा. खासकर लगातार बढ़ रहे टाइप-2 मधुमेह को डायग्नोज करने के लिए काफी सतर्क रहने की जरूरत है. आईडीएफ यह भी सुझाव देता है कि शहरीकरण, बढ़ती आबादी, शारीरिक गतिविधि के घटते स्तर और लोगों की व्यस्तता की वजह से अधिक वजन या मोटापा जैसी ससस्या देखने को मिलती है जिससे लोग जल्द ही मोटापे की चपेट में जल्द ही आ जाते हैं.

क्या है दुनियाभर में स्थिति :

1. दुनिया भर में 11 (11 %) वयस्कों में से एक व्यस्क मधुमेह से पीड़ित हैं.
2. वर्ष 2030 तक पूरी दुनिया में मधुमेह से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 643 मिलियन (11.3%) और 2045 तक 783 मिलियन (12.2%) तक बढ़ने का अनुमान है
3. दक्षिण-पूर्व एशिया में 11 में से 1 वयस्क (90 मिलियन) मधुमेह के साथ जी रहा है
4. पूरी दुनिया में अनुमानित 240 मिलियन लोग अज्ञात मधुमेह के साथ जी रहे हैं जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया में 46 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित हैं
5. वर्ष 2021 में लगभग 6.7 मिलियन वयस्कों की मधुमेह या इसकी जटिलताओं की वजह से मृत्यु होने का अनुमान है

क्या है मधुमेह के प्रारंभिक लक्षण और संकेत : 
 
भूख और प्यास में वृद्धि
बार-बार पेशाब आना और मुंह सूखना
वजन में कमी और थकान
सिरदर्द और चिड़चिड़ापन
धीमे-धीमे घाव ठीक होना और धुंधली दृष्टि
मतली और त्वचा में संक्रमण जैसे शरीर के क्षेत्रों में त्वचा का काला पड़ना कम हो जाता है
सांस में गंध आना
हाथ या पैर में झुनझुनी या सुन्नता
रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन और कम टेस्टोस्टेरोन (कम-टी)
कामेच्छा में कमी
गतिहीन जीवन शैली 
हाई ब्लडबप्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल
धूम्रपान और अतिरिक्त शराब का सेवन
नींद की कमी और हृदय रोग
तंत्रिका क्षति और न्यूरोपैथी (तंत्रिका दर्द) और किडनी की बीमारी
रेटिनोपैथी (आंख और या अंधापन में तंत्रिका क्षति) और स्ट्रोक