सरकार-संगठन में बगैर पद कांग्रेस के स्टार प्रचारक बने पायलट, जानें वजह

राजनीतिक जानकार सचिन पायलट को स्टार प्रचारक बनाने को कांग्रेस आलाकमान के सियासी संदेश के रूप में देख रहे हैं. वहीं कई विश्लेषक कांग्रेस के इस फैसले के दूसरे बड़े सियासी मायने तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.

author-image
Keshav Kumar
एडिट
New Update
Sachin Pilot

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट( Photo Credit : news nation)

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को स्टार प्रचारक बनाया गया है. 44 साल के सचिन पायलट फिलहाल न तो सरकार में किसी पद पर हैं और न ही कांग्रेस संगठन में किसी जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं. इससे पहले  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर कांग्रेस से एक बार बगावत भी कर चुके हैं. तब से वह किसी पद पर नहीं है. इसके बावजूद अचानक सचिन पायलट को इतनी तरजीह दिए जाने की क्या वजह हो सकती है.

Advertisment

राजनीतिक जानकार सचिन पायलट को स्टार प्रचारक बनाने को कांग्रेस आलाकमान के सियासी संदेश के रूप में देख रहे हैं. वहीं कई विश्लेषक कांग्रेस के इस फैसले के दूसरे बड़े सियासी मायने तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. जुलाई 2020 में यानी करीब डेढ़ साल पहले सचिन पायलट की ओर से राजस्थान में बगावत के बाद यह कहा जा रहा था कि कांग्रेस में उन्हें पूरी तरह से किनारे कर दिया जाएगा. इससे अलग हालिया घटनाक्रम से साफ लग रहा है कि सचिन पायलट को जल्द ही कांग्रेस आलाकमान कोई बड़ा पद दे सकता है.

स्टार प्रचारकों में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं पायलट

सचिन पायलट की ताकत से वापसी की एक और बड़ी वजह सामने आई है. जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार में उनके खेमे के सभी लोगों को एडजस्ट कर दिया गया है. कांग्रेस ने अब बाहरी राज्यों में भी उन्हें स्टार प्रचारक बनाकर भेजा है. सभी चुनावी राज्यों में पायलट पूरी ताकत से कांग्रेस के लिए वोट भी मांग रहे हैं. मीडिया में भी वह पूरी तरह से सक्रिय हैं. जबकि इन राज्यों के स्टार प्रचारकों की सूची में ऐसे कई नेताओं के नाम तो शामिल है, जिनकी सक्रियता शून्य है. वे नेता कांग्रेस के लिए प्रचार नहीं कर पा रहे और न ही अपने प्रत्याशियों के लिए वोट ही मांग रहे हैं. ऐसे में साफ है कि भविष्य में सचिन पायलट राजस्थान में गहलोत की जगह लेने वाले सबसे ताकतवर नेता हैं.

युवा और महिला वोटरों में पायलट का क्रेज

कांग्रेस पार्टी को बेहद करीब से जानने वाले राशीद किदवई का कहना है कि सचिन पायलट एक अच्छे वक्ता हैं, जिनका युवा और महिला वोटरों में एक अलग तरह का क्रेज है. असम, केरल में भी पायलट ने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया था, लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उनके जैसा कोई दूसरा नेता नहीं है. शायद इसलिए स्टार प्रचारकों की सूची में यहां के नेताओं को शामिल नहीं किया गया हो. मध्य प्रदेश से एक बार फिर कमलनाथ को ही स्टार प्रचारकों की लिस्ट में जगह दी गई है. वहीं छत्तीसगढ़ से सीएम भूपेश बघेल को लिस्ट में शामिल किया गया है.

हाईकमान से अप्वाइंटमेंट नहीं मिलने की अफवाह

राजस्थान में बगावत से पहले जून 2021 में कैबिनेट विस्तार कराने को लेकर सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट का खेमा आमने-सामने था. गहलोत अपने हिसाब से कैबिनेट विस्तार कराने की कोशिश में जुटे थे. वहीं पायलट अपने साथियों को सरकार में शामिल कराने में लगे थे. इस दौरान प्रियंका गांधी के सचिन पायलट से मिलने से मना करने की चर्चा उड़ने पर सफाई देने के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन सामने आए. उन्होंने पायलट को पार्टी के लिए एसेट बताते हुए इस बात को अफवाह करार दिया कि हाईकमान के पास उनसे मिलने का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि पायलट सीनियर लीडर हैं. कांग्रेस के एक तरीके से एसेट हैं, बल्कि मैं तो कहूंगा कांग्रेस के स्टार हैं.

आरपीएन सिंह का जाना भी एक बड़ी वजह

कई राजनीतिक जानकार बताते हैं कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के कांग्रेसी दिग्गज और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह का पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने की घटना ने कांग्रेस को सावधान कर दिया है. जितिन प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने से भी कांग्रेस को चोट पहुंची है. ऐसे में पार्टी सचिन पायलट को लेकर कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती. राजनीतिक हलकों में राजस्थान और सचिन पायलट को लेकर कयासों का बाजार गर्म होता रहता है. राजस्थान में भी अगले साल चुनाव होनेवाला है.

ये भी पढ़ें - कनाडा में हिंदू मंदिरों पर निशाना, 10 दिनों में 6 जगह चोरी-लूट-तोड़फोड़ 

चार राज्यों में कांग्रेस के स्टार प्रचारक

उत्तर प्रदेश-
उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की पहली सूची में राजस्थान से सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट हैं. दूसरी सूची में भी इन दोनों का ही नाम है, जबकि मध्य प्रदेश से दूसरी सूची में केवल कमलनाथ का नाम है. छत्तीसगढ़ से सीएम भूपेश बघेल, हरियाणा से भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा का नाम है. दूसरी सूची में केवल दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा को ही लिया गया है.

उत्तराखंड-
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल है. इसके अलावा राजस्थान से अलवर के पूर्व सांसद जितेंद्र सिंह को भी शामिल किया गया है. मध्य प्रदेश से किसी को नहीं लिया गया. छत्तीसगढ़ से सूची में केवल सीएम भूपेश बघेल हैं. पंजाब से सीएम चरणजीत सिंह चन्नी हैं. नवजोत सिंह सिद्धू का नाम गायब है. हरियाणा से रणदीप सिंह सुरजेवाल और दीपेंद्र सिंह हुड्‌डा लिस्ट में शामिल हैं.

पंजाब-
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कांग्रेस ने राजस्थान से तीन नाम रखे हैं. पंजाब के प्रदेश प्रभारी होने के चलते हरीश चौधरी का नाम सूची में ऊपर है. वहीं जबकि गहलोत और पायलट का नाम नीचे है. मध्य प्रदेश से किसी का नाम नहीं है. छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल को लिया गया है. पड़ोसी राज्य हरियाणा से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और दीपेंद्र सिंह हुड्डा स्टार प्रचारक की सूची में हैं.

गोवा-
गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में पंजाब, छत्तीसगढ़ के सीएम को भी शामिल नहीं किया गया है. मध्य प्रदेश से किसी को नहीं रखा गया. हरियाणा से भी दीपेंद्र हुड्‌डा को शामिल नहीं किया गया. राजस्थान से सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट का नाम प्रमुखता से दर्ज है.

HIGHLIGHTS

  • सचिन पायलट को लेकर कांग्रेस फिलहाल कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती
  • एक अच्छे वक्ता सचिन पायलट का युवा और महिला वोटरों में अलग क्रेज
  • जुलाई 2020 में बगावत के बाद कांग्रेस में पायलट को किनारे करने की चर्चा थी
cm-ashok-gehlot उप-चुनाव-2022 congress sachin-pilot rajasthan कांग्रेस स्टार प्रचारक अशोक गहलोत सचिन पायलट Sonia Gandhi assembly-elections-2022
      
Advertisment