जानिए दुनिया की सबसे महंगी और खतरनाक चीज, सिर्फ एक पाव की कीमत 4,250 करोड़

कोलकाता एयरपोर्ट पर सीआईडी ने कैलिफोर्नियम को सैलान कर्माकर और असित घोष के पास से लगभग 250 ग्राम कैलिफोर्नियम जब्त किया है.

कोलकाता एयरपोर्ट पर सीआईडी ने कैलिफोर्नियम को सैलान कर्माकर और असित घोष के पास से लगभग 250 ग्राम कैलिफोर्नियम जब्त किया है.

author-image
Pradeep Singh
एडिट
New Update
californium

कैलिफोर्नियम रेडियोएक्टिव पदार्थ( Photo Credit : NEWS NATION)

सीआईडी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस कोलकाता एयरपोर्ट से भारी मात्रा में रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम को जब्त किया है. कैलिफोर्नियम बहुत कीमती और खतरनाक धातु है. सीआईडी ने कैलिफोर्नियम को सैलान कर्माकर और असित घोष के पास से लगभग 250 ग्राम कैलिफोर्नियम जब्त किया है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी अनुमानित कीमत 4,250 करोड़ है. दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. यह पहली बार नहीं है कि देश में रेडियोएक्टिव पदार्थ पकड़ा गया है. इसके पहले मई महीने में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में पुलिस ने 340 ग्राम कैलिफोर्नियम जब्त किया था. इसकी कीमत 5 खरब 78 अरब रुपए आंकी गयी थी. और कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश पुलिस ने भी कैलिफोर्नियम जब्त किया था.

Advertisment

कैलिफोर्नियम की बिक्री मिली ग्राम में होती है. यह लैब में मानव निर्मित पदार्थ है, कैलिफोर्नियम का इस्‍तेमाल पोर्टेबल मेटल डिटेक्‍टर्स में किया जाता है. इसके अलावा सोने और चांदी की खदानों की पहचान में भी कैलिफोर्नियम इस्‍तेमाल होता है. न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर को स्‍टार्ट करने में भी कैलिफोर्नियम मदद करता है. इसका प्रयोग कैंसर के इलाज, एटॉमिक एनर्जी और अन्य कार्यों में भी किया जाता है.

यह भी पढ़ें:ISI ने कराए भारतीय वीजा वाले अफगान पासपोर्ट चोरी, एजेंसियां सतर्क

कैलिफोर्नियम भी एक बेहद रेयर रेडियोएक्टिव पदार्थ है. इसे न्यूट्रॉन एंटीमैटर के नाम से भी जाना जाता है, और एंटीमैटर की खोज से पहले ये ही दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ था. इसकी खोज साल 1950 में लॉरेन्स बर्कले नेशनल लैबोरेट्री में की गई थी

कैलिफोर्नियम कहां पाया जाता है?

कैलिफोर्नियम प्रकृति में नहीं मिलता. 1950 में अमेरिका की एक लैब में इसे सिंथेसाइज किया गया था. यह उन ट्रांसयूरेनियम एमिलमेंट्स में से एक है जिन्‍हें इतनी मात्रा में बनाया गया है कि उन्‍हें खुली आंखों से देखा जा सके. यह चांदी के रंग जैसी धातु होती है जो करीब 900 डिग्री सेल्सियस पर पिघलती है. अपने प्‍योर रूप में यह धातु इतनी मुलायम होती है कि उसे आसानी से ब्‍लेड से काटा जा सकता है. रूम टेम्‍प्रेचर पर यह कठोर अवस्‍था में रहती है. कैलिफोर्नियम के सारे आइसोटेाप्‍स भी रेडियोऐक्टिव होते हैं. सबसे स्थिर आइसोटोप Cf-251 की अर्द्ध-आयु करीब 800 साल होती है.

मनुष्य के लिए कैसे और कितान खतरनाक?

कैलिफोर्नियम इंसानी शरीर में जहरीले भोजन या ड्रिंक के जरिए प्रवेश कर सकता है. इसके अलावा रेडियोऐक्टिव हवा में सांस लेने पर इसके कुछ कण भीतर जा सकते हैं. एक बार शरीर में इसके पहुंचने के बाद खून में यह केवल 0.05% ही मिलता है. करीब 65% कैलिफोर्नियम कंकाल में जमा हो जाता है, 25% लिवर में और बाकी अन्‍य अंगों में या फिर बाहर भी निकल सकता है. कंकाल में जमा कैलिफोर्नियम 50 साल और लिवर का कैलिफोर्नियम 20 साल में जाता है. कैलिफोर्नियम का रेडिऐशन टिश्‍यूज को बेहद नुकसान पहुंचाता है. लगातार रेडिएशन के संपर्क में रहने पर कैंसर हो सकता है.

HIGHLIGHTS

  • कैलिफोर्नियम प्रकृति में नहीं मिलता
  • कैलिफोर्नियम भी एक बेहद रेयर रेडियोएक्टिव पदार्थ है
  • कैलिफोर्नियम का प्रयोग कैंसर के इलाज और एटॉमिक एनर्जी में किया जाता है 
C.I.D Radioactive Chemical Element Radioactive Substance Californium Kolkata Airport
      
Advertisment