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International Maths Day: ये हैं दुनिया के सबसे तेज मानव कैलकुलेटर, दर्ज हैं कई रिकॉर्ड

22 वर्षीय नीलकंठ के नाम कम से कम समय में जटिल से जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के अपने कौशल के लिए चार विश्व रिकॉर्ड और 50 लिम्का रिकॉर्ड हैं दर्ज है.

Updated on: 14 Mar 2022, 02:20 PM

highlights

  • भानु प्रकाश को बहुत कम उम्र में ही Numbers से हो गया था प्यार
  • बीबीसे ने भानु को 'गणित का उसेन बोल्ट' भी करार दिया है
  • माइंड स्पोर्ट्स ओलंपिक 2020 में ओलंपिक स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं भानु

 

नई दिल्ली:

world’s fastest human calculator : हैदराबाद के नीलकंठ भानु प्रकाश को बहुत कम उम्र में ही संख्याओं (Numbers) से प्यार हो गया था. यह सब महज छह साल की उम्र में शुरू हो चुका था जब भानु अपनी सिर की चोट से उबर रहे थे और लगभग एक साल से बिस्तर पर आराम कर रहे थे. बच्चे का मनोरंजन करने के लिए उनके माता-पिता ने उन्हें गणित की क्विज और पजल्स से रू-ब-रू कराया. क्विज और पजल्स में डबिंग करते हुए भानु बाद में एक विशेषज्ञ बन गए क्योंकि उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े और अंतर्राष्ट्रीय मैथ्स ओलंपियाड 2020 जीतने के बाद उन्हें दुनिया के सबसे तेज मानव कैलकुलेटर के रूप में नवाजा गया.

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चार विश्व रिकॉर्ड और 50 लिम्का रिकॉर्ड हैं दर्ज

22 वर्षीय नीलकंठ के नाम कम से कम समय में जटिल से जटिल गणितीय समस्याओं को हल करने के अपने कौशल के लिए चार विश्व रिकॉर्ड और 50 लिम्का रिकॉर्ड हैं दर्ज है. माइंड स्पोर्ट्स ओलंपिक 2020 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्हें बीबीसी द्वारा 'गणित का उसेन बोल्ट' भी करार दिया गया है. हालांकि, क्विक कैलकुलेशन के कौशल में महारत हासिल करने के बावजूद भानु का मानना ​​​​है कि तेजी से कैलकेलुशन करना ही एकमात्र मानदंड नहीं है. indianexpress.com से बात करते हुए भानु ने कहा, गणित बच्चों के लिए सबसे डरावना विषयों में से एक है क्योंकि अधिकांश बच्चे इस विषय में दिलचस्पी नहीं लेते. इसका एक कारण स्कूल स्तर पर कठिन पाठ्यक्रम है. छात्रों को आमतौर पर विषय इतना दिलचस्प नहीं लगता कि वे स्वेच्छा से सीख सकें. 

भानु को स्पीड मैथ में विश्वास नहीं

कई विश्व रिकॉर्ड रखने के बावजूद भानु स्पीड मैथ पसंद नहीं करते और वह अबेकस और वैदिक गणित जैसी गणना तकनीकों का एक बहुत बड़ा विरोधी है. बच्चों को नंबर्स कैसे पेश किए जाते हैं यह काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नंबर्स को समझना किसी के सोचने के तरीके में बहुत आगे जाता है. उन्हें क्विक मेंटल कैलकुलेशन तकनीक सिखाने से उन्हें केवल कुछ प्रवेश परीक्षाओं को क्रैक करने में मदद मिलेगी और कुछ नहीं. भानु ने कहा, जीवन के किसी भी क्षेत्र में लोगों के लिए गणित को न समझने का प्रभाव बहुत गहरा है. भानु का मानना ​​​​है कि स्कूली पाठ्यक्रम को केवल स्पीड बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, बल्कि महत्वपूर्ण मापदंडों जैसे कि हिसाब, दिमागी सटीकता, विज़ुअलाइज़ेशन, कार्यशील स्मरण को शामिल करके ज्ञान संबंधी क्षमता विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. 

गणित का फोबिया मिटाना

दुनिया भर में हर चार में से तीन छात्र गणित से डरते हैं. भानु ने कहा कि मजबूत प्रासंगिकता और छात्रों में जिज्ञासा जगाने से सीखने के बेहतर परिणाम हो सकते हैं. उनका लक्ष्य मैथ्स फोबिया को दूर करना और लोगों के लिए विषय को अधिक मजेदार और संबंधित बनाना है. बच्चों को गणित के डर को दूर करने में मदद करने के लिए भानु ने भांजू की स्थापना की- a math ed-tech startup, जिसका उद्देश्य छात्रों को वास्तविक दुनिया में गणित को लागू करने में सक्षम बनाकर उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए एक विचारशील गणित पाठ्यक्रम बनाना है. हर छात्र गणित सीखने और उससे प्यार करने में सक्षम है अगर इसे सिर्फ एक अकैडमिक विषय से ज्यादा कुछ पढ़ाया जाता है. भांजू के माध्यम से, हम गणित के भय को खत्म करने और दुनिया भर के छात्रों के बीच गणित और एसटीईएम क्षेत्रों में करियर को प्रोत्साहित करने की तलाश में हैं.