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I2U2 Summit 2022 : पहले शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी, फिर चीन हुआ परेशान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को I2U2 के पहले शिखर सम्मेलन ( I2U2 Summit 2022) को संबोधित करते हुए कहा कि इस पहली समिट से ही I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है.

Updated on: 14 Jul 2022, 06:11 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी देश अच्छे दोस्त हैं
  • I2U2 समूह का मतलब है India, Israel, USA और UAE
  • इसे पश्चिमी एशिया के क्वाड समूह के रूप में देखा जा रहा है

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को I2U2 के पहले शिखर सम्मेलन ( I2U2 Summit 2022) को संबोधित करते हुए कहा कि इस पहली समिट से ही I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है. हमने विभिन्न क्षेत्रों में साझी परियोजनाओं की पहचान की है. साथ ही उनमें आगे बढ़ने का रोडमैप भी बनाया है. उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल भी है.

भारत, इजरायल, यूएई और यूएसए

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सभी सहयोगी देश अच्छे दोस्त हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि I2U2 से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे. I2U2 का मतलब है India, Israel, USA और UAE.भारत, इजरायल, यूएई और यूएसए के बीच होने वाले वर्चुअल समिट को I2U2 कहा गया है. इसे पश्चिमी एशिया के लिए एक क्वाड समूह के रूप में देखा जा रहा है.  क्वाड के बाद यह दूसरा मौका है जब पड़ोसी देश चीन की त्योरियां फिर से चढ़ गई हैं.

6 क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति

I2U2 के पहले शिखर सम्मेलन में 6 क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है. इस वर्चुअली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान भी शामिल थे. सभी चारों सहयोगी देशों के प्रमुखों ने भी इस अवसर पर I2U2 के उद्देश्य जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे छह पारस्परिक रूप से पहचाने गए क्षेत्रों में संयुक्त निवेश को बढ़ावा और प्रोत्साहित करने पर अपने विचार रखे.

पिछले साल हुई थी I2U2 की परिकल्पना
 
नए समूह I2U2 की परिकल्पना पिछले साल 18 अक्टूबर को इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में की गई थी. इसमें से प्रत्येक देश सहयोग के संभावित क्षेत्रों को लेकर नियमित रूप से शेरपा-स्तरीय चर्चा करते रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में तीनों राष्ट्रों में से प्रत्येक के साथ भारत के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों के मुताबिक दुनियाभर में अमेरिकी गठबंधनों को सक्रिय और पुनर्जीवित करने की कोशिशों के तहत यह ऑनलाइन शिखर सम्मेलन रणनीति का एक हिस्सा है. इस समूह में शामिल चारों राष्ट्रों को इससे फायदा हो सकता है.

सम्मेलन से पहले विदेश मंत्रालय का बयान

शिखर सम्मेलन से पहले विदेश मंत्रालय ने बताया था कि इस बैठक में समूह के नेता I2U2 ढांचे के तहत संभावित संयुक्त परियोजनाओं, अपने क्षेत्र, उससे आगे कारोबार और निवेश में आर्थिक गठजोड़ को मजबूत बनाने सहित आपसी हितों से जुड़े तमाम क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है. मंत्रालय के मुताबिक ये परियोजनाएं आर्थिक सहयोग के लिए मॉडल के रूप में काम कर सकती हैं. इसके अलावा हमारे कारोबारियों और कामगारों के लिए नए अवसर भी पेश करेंगी.

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भारत के पास दुनिया को समझाने की क्षमता

सम्मेलन को लेकर आयोजन से पहले इजरायल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)  मेजर जनरल याकोव एमिडरोर ने कहा था कि I2U2 समूह में भारत की भागीदारी बाजी पलटने वाली साबित हो सकती है. उन्होंने कहा था कि भारत नए देशों को इसमें शामिल करके अब्राहम समझौतों के दायरे को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत के पास यह कहकर अन्य देशों को समझाने की क्षमता है कि यह दुनिया के हित में है.