संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी सालाना रिपोर्ट ( UN World Happiness Index) में भारत की खुशहाली बढ़ी है. वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत ने अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए 136वां स्थान पाया है. पिछले साल इस लिस्ट में भारत 139वें नंबर पर था. इस बार तीन पायदान का सुधार हुआ है. वहीं तालिबानी हुकूमत से जूझ रहा अफगानिस्तान सबसे नाखुश देश है. चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान की स्थिति भारत से बेहतर बताई गई है. पड़ोसी मुल्क 121वें रैंक पर हैं. बसे बड़ी बात यह है कि फिनलैंड लगातार पांचवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश चुना गया है.
अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और भारत विश्व में महाशक्तियों के रूप में उभर रहे हैं, लेकिन खुशहाली के मामले इनका नाम काफी नीचे आ जाता है. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड और डेनमार्क दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र की शुक्रवार को जारी एनुअल हैप्पीनेस इंडेक्स (Annual Happiness Index) में फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और नीदरलैंड दुनिया के टॉप 5 खुशहाल देश हैं.
युद्ध के चलते रूस और यूक्रेन की रैंकिंग गिरी
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के खुशहाल देशों में अमेरिका का नंबर 16वें पायदान पर, जबकि ब्रिटेन का नंबर उसके बाद 17वें पायदान पर आता है. वर्ल्ड हैप्पीनेस टेबल में सर्बिया, रोमानिया, बुल्गारिया की रैंकिंग में काफी सुधार आया है और यहां जीवन जीने में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. वहीं लेबनान, वेनेजुएला और अफगानिस्तान की रैंक में सबसे ज्यादा गिरावट आई है. यूनाइटेड नेशन की यह रिपोर्ट यूक्रेन पर रूसी हमले से पहले तैयार हो गई थी. इसलिए युद्ध के मैदान में भिड़ रहे रूस का रैंक 80 और यूक्रेन का रैंक 98 नंबर पर है.
तालिबान के कब्जे से अफगानिस्तान सबसे बदहाल
वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान की जगह सबसे नीचे है. अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में तालिबान फिर से सत्ता में काबिज हो चुका है. इसलिए लिस्ट में अफगानिस्तान सबसे पिछड़ा है. वहीं, आर्थिक मंदी का सामना कर रहा लेबनान 144वें नंबर पर है. जिम्बाब्वे 143वें नंबर पर है. अफगानिस्तान के बारे में यूनिसेफ का अनुमान है कि अगर उसकी मदद नहीं की गई तो वहां हालात और बिगड़ सकते हैं और वहां पांच साल से कम उम्र के दस लाख बच्चे इस सर्दी में भूख से मर सकते हैं. युद्ध के हालातों को देखा जाए तो दूसरी ओर रूस और यूक्रेन की रैंकिंग में भी ज्यादा गिरावट हो सकती है.
10 साल से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट बना रहा है UN
यूएन की ओर से पिछले 10 साल से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट बनाई जा रही है. यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए लोगों की खुशी के आकलन किया जाता है. इसके लिए आर्थिक और सामाजिक आंकड़े भी देखे जाते हैं. तीन साल के औसत डेटा के आधार पर खुशहाली को जीरो से 10 तक के स्केल पर मापा जाता है. इस रिपोर्ट के सह लेखक जेफरी सैक्स के मुताबिक, सालों से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट का बनाने के बाद यह सीख मिली है कि सोशल सपोर्ट, उदारता, गवर्नमेंट की ईमानदारी खुशहाली के लिए बेहद जरूरी हैं. विश्व के नेताओं को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
कोरोना महामारी के पहले और बाद का सोशल डेटा
रिपोर्ट तैयार करनेवालों ने कोरोना के पहले और बाद के समय का इस्तेमाल किया है, जिस दौरान सरकारों के प्रति लोगों की भावनाएं महत्व रखती हैं. लोगों की भावनाओं की तुलना करने के लिए सोशल मीडिया डेटा भी लिया गया. 18 देशों में चिंता और उदासी बढ़ी, जबकि आक्रोश की भावनाएं कम हुई हैं. शीर्ष 10 की सूची से बाहर निकलने वाला ऑस्ट्रिया एकमात्र देश था. बाकी 9 देशों में से सभी ने रैंकिंग के आधार पर अपनी स्थिति बदल ली है.
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वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में 2022 में 20 सबसे खुश देश हैं:
1. फिनलैंड
2. डेनमार्क
3. आइसलैंड
4. स्विट्ज़रलैंड
5. नीदरलैंड्स
6. लक्समबर्ग
7. स्वीडन
8. नॉर्वे
9. इजराइल
10. न्यूज़ीलैंड
11. ऑस्ट्रिया
12. ऑस्ट्रेलिया
13. आयरलैंड
14. जर्मनी
15. कनाडा
16. संयुक्त राज्य अमेरिका
17. यूनाइटेड किंगडम
18. चेक गणतंत्र
19. बेल्जियम
20. फ्रांस (नया प्रवेश)
HIGHLIGHTS
- रिपोर्ट तैयार करनेवालों ने कोरोना के पहले और बाद के समय का इस्तेमाल किया
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से पिछले 10 साल से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट बनाई जा रही है
- वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान की जगह सबसे नीचे