गोवा के बाद उत्तराखंड में Uniform Civil Code जल्द, CM धामी ने उठाए कदम
उच्च स्तरीय कमिटी उत्तराखंड के सभी धर्मों, वर्गों और जातियों के प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क और उनसे संवाद के आधार पर UCC का ड्राफ्ट तैयार करेगी. इसके लिए धामी सरकार ने सदस्य सचिव की नियुक्ति भी कर दी है.
highlights
- गोवा के बाद उत्तराखंड UCC लागू करने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा
- उत्तराखंड चुनाव से पहले फरवरी 2022 में सीएम पुष्कर धामी का वादा
- CJI ने बुद्धिजीवियों को गोवा के UCC को गंभीरता से पढ़ने की सलाह दी
नई दिल्ली:
उत्तराखंड (Uttarakhand) में समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code) लागू किए जाने की गति तेज हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) की नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए गठित कमिटी के लिए हर जरूरी व्यवस्था को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. कमिटी पूरे राज्य में जगह-जगह जाकर आम लोगों का सुझाव लेगी. उसके बाद कानून का ड्राफ्ट तैयार करेगी. कमिटी ने वेबसाइट (Website) के जरिए भी लोगों के सुझाव को आमंत्रित किया है.
सीएम पुष्कर धामी ने राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) राधा रतूड़ी को कमिटी की सुविधाओं का ध्यान रखने के लिए कहा है. समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए उन्होंने 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में इस कमिटी का गठन किया था. पांच सदस्यों वाली ये कमिटी छह महीने में अपना रिपोर्ट सौंपेगी. इन कदमों के बाद उम्मीद है कि देश में गोवा के बाद उत्तराखंड UCC लागू करने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा.
सदस्य सचिव की भी नियुक्ति
यह उच्च स्तरीय कमिटी उत्तराखंड के सभी धर्मों, वर्गों और जातियों के प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क और उनसे संवाद के आधार पर UCC का ड्राफ्ट तैयार करेगी. इसके लिए धामी सरकार ने सदस्य सचिव की नियुक्ति भी कर दी है. इससे समय-समय पर कमिटी की बैठकें आयोजित कर उसकी प्रक्रियाओं और प्रगति पर चर्चा हो सकेगी. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के मतदान से पहले फरवरी 2022 में सीएम पुष्कर धामी ने वादा किया था कि भाजपा के सत्ता में लौटने पर राज्य में Uniform Civil Code लागू किया जाएगा.
विधानसभा चुनाव से पहले ऐलान
सीएम पुष्कर धामी ने अपने भाषण में ऐलान किया था, “शपथग्रहण के ठीक बाद भाजपा की नई सरकार एक समिति का गठन करेगी, जो राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी.” उन्होंने कहा था, “UCC उन लोगों के सपने को साकार करने की तरफ एक कदम होगा, जिन्होंने हमारे संविधान का निर्माण किया. साथ ही ये हमारे संविधान की भावना को और ठोस बनाएगा. UCC के जल्द लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों के समान अधिकार को मजबूती मिलेगी. ये सामाजिक सौहार्दता को मजबूती देगा, लैंगिक समानता को ठीक करेगा और और महिला सशक्तिकरण को भी मजबूत करेगा.”
दोबारा जीत के बाद बनाई कमिटी
सीएम पुष्कर धामी ने स्पष्ट किया था कि राज्य में आने वाले नए UCC के हिसाब से शादी, तलाक, जमीन-संपत्ति और वसीयत को लेकर समान कानून लागू होंगे. सभी धर्मों और वर्गों के लिए समान कानून होंगे. उन्होंने कहा था, “मैं जो भी घोषणा कर रहा हूं, वो मेरी पार्टी का संकल्प है और भाजपा की नई सरकार बनते ही जल्द से जल्द उसे पूरा किया जाएगा. देवभूमि की संस्कृति और विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखना हमारा मुख्य कर्तव्य है. हम इसके लिए प्रतिबद्ध है. ”
उत्तराखंड में दूसरी बार लगातार जीत दर्ज करने के बाद सीएम धामी ने मार्च 2022 में कहा था, “सरकार बनाने के बाद हम एक उच्चस्तरीय समिति बनाएंगे. समिति एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हम इसे उत्तराखंड में लागू करेंगे, जैसा कि हमने राज्य के लोगों से वादा किया है.”
गोवा में समान नागरिक संहिता लागू
भारत में गोवा अकेला ऐसा राज्य है, जहां समान नागरिक संहिता लागू है. अप्रैल 2021 में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे ने गोवा के UCC की प्रशंसा की थी. CJI ने बुद्धिजीवियों को गोवा के UCC को गंभीरता से पढ़ने की सलाह दी थी. इससे पहले 2019 के एक जजमेंट में भी गोवा के UCC को सुप्रीम कोर्ट ने एक अच्छा उदाहरण बताया था. जमीन की वसीयत से जुड़े एक फैसले में इस कानून की मदद ली गई थी. साल 1867 में पुर्तगालियों के समय से ही वहां ये कानून चला आ रहा है. मुस्लिमों के लिए यहां कोई अलग शरिया कानून नहीं है.
ये भी पढ़ें - कोरोना काल में काजू की बेतहाशा खपत, 60 फीसदी से ज्यादा रिकॉर्ड इंपोर्ट
क्या है गोवा में लागू UCC कानून
गोवा की UCC के 4 भाग हैं. इनमें सिविल कैपेसिटी, अधिकारों के अर्जन, संपत्ति के अधिकार, ब्रीच ऑफ राइट्स एंड रेमेडीज शामिल हैं. इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी प्रशंसा की थी. हालांकि, साल 2018 में लॉ कमीशन का कहना था कि UCC न तो जरूरी है और न ही साध्य है. अभी तक केंद्र में UCC के लिए कोई ब्लूप्रिंट नहीं बना है. अमेरिका में हर राज्य के पास अलग संविधान और अपराध कानून होते हैं. दूसरी ओर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में UCC लागू करने का वादा हमेशा शामिल रहा है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें